अहमदाबाद से लड़कियों का एक ग्रुप राजस्थान ट्रिप पर जाता है और उदयपुर में उनकी मुलाकात राज नामक गाइड से होती है जो उन्हें कई ऐतिहासिक स्थलों पर ले जाकर उनका महत्व बताता है। रानी नामक लड़की को लगता है कि वह राजा को वर्षों से जानती है। दूसरी तरफ राजा को रानी से प्यार हो जाता है। धीरे-धीरे दोनों करीब आ जाते हैं।
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एक दिन रानी कुंभलगढ़ जाती है तो उसे वहां जाकर एहसास होता है कि यह उसका पुनर्जन्म है और पिछले जन्म में उसका प्रेमी और कोई नहीं बल्कि राजा ही था। मंदिर का पुजारी जब राजा और रानी को साथ देखता है तो आश्चर्यचकित रह जाता है और गांव वालों को यह बात वह बताता है। सभी लोग उन्हें बताते हैं कि वे राधा और कृष्ण हैं और राजा-रानी के रूप में उन्होंने फिर जन्म लिया है।
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रानी को बीती जिंदगी की सारी बातें याद आ जाती हैं। वह राजा को बताता है कि पिछले जन्म में राजा के पास एक अनोखी शक्ति थी जिसके जरिये वह गड़े हुए खजाने का पता लगा सकता था। राधा का अपहरण कर कृष्ण को एक तांत्रिक, ठाकुर और भ्रष्ट पुलिस ऑफिसर किले में छिपे खजाने का पता लगाने पर मजबूर करते हैं और खजाना मिलने पर वे राधा और कृष्ण को मार डालते हैं। राधा और कृष्ण का जन्म राजा और रानी के रूप में हुआ है और उनके सामने अब बदला लेने का एकमात्र उद्देश्य है।