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Last Modified: शुक्रवार, 25 अप्रैल 2025 (19:08 IST)

अक्षय कुमार का स्टारडम खतरे में? ‘केसरी’ की तरह बॉक्स ऑफिस पर क्यों ढेर हो रहीं हैं उनकी फिल्में?

akshay kumar box office flop films and fading stardom
एक समय था जब अक्षय कुमार को बॉक्स ऑफिस का 'ग्यारंटीड हिट मशीन' कहा जाता था। हर साल 3-4 फिल्में देने वाले इस सुपरस्टार की फिल्मों को सिर्फ उनके नाम से ही ओपनिंग मिलती थी, लेकिन अब हालात बदलते नज़र आ रहे हैं। हाल ही में रिलीज़ हुई फिल्म ‘केसरी’, जो कि जलियांवाला बाग कांड पर आधारित थी, दर्शकों को थिएटर तक खींच लाने में नाकाम रही। फिल्म को समीक्षकों की तारीफ मिली, लेकिन अक्षय कुमार जैसे बड़े नाम के बावजूद, यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप हो गई। फिल्म को ढंग की ओपनिंग भी नहीं मिल पाई तो भला अक्षय जैसे सितारे की फिल्म में क्या जरूरत है? 
 
‘केसरी’ का प्रदर्शन इस बात की ओर संकेत करता है कि अब दर्शकों के बीच अक्षय कुमार की फिल्में पहले जैसी ‘गंभीरता’ से नहीं ली जा रही हैं। इस ट्रेंड की शुरुआत बहुत पहले हो चुकी है। ‘राम सेतु’, ‘सम्राट पृथ्वीराज’, ‘रक्षा बंधन’ ‘सेल्फी’, 'बेलबॉटम', 'सरफिरा', 'बड़े मियां छोटे मियां' जैसी उनकी पिछली कई फिल्में एक के बाद एक फ्लॉप होती चली गईं। ‘बच्चन पांडे’ और ‘अतरंगी रे’ जैसे प्रोजेक्ट्स भी उम्मीद के मुताबिक नहीं चले। यहां तक कि बड़े त्योहारों पर रिलीज होकर भी ये फिल्में दर्शकों की कसौटी पर खरी नहीं उतरीं।
 
एक समय पर 100 करोड़ क्लब में प्रवेश करना अक्षय कुमार के लिए मामूली बात थी, लेकिन अब वह आंकड़ा भी उनकी पहुंच से बाहर नजर आ रहा है। इस गिरावट के पीछे कई कारण हो सकते हैं — स्क्रिप्ट की कमज़ोरी, कंटेंट की दोहराव और शायद दर्शकों की बदलती प्राथमिकताएं। साथ ही, ओवरएक्सपोज़र भी एक बड़ा कारण है। जब एक ही चेहरे को साल में चार बार स्क्रीन पर देखा जाए, तो दर्शक थक भी सकते हैं।
 
साथ ही अक्षय ने इतनी सारी बुरी फिल्में कर डालीं कि दर्शकों का उन पर से विश्वास ही उठ गया। बुरी फिल्मों के अक्षय पर्याय बन गए और दर्शकों ने उनकी फिल्मों से दूरी बना ली। साथ ही अक्षय की एक्टिंग भी फिल्मों में अच्छी नहीं रही। कई फिल्मों में वे अनिच्छुक नजर आए। हर किरदार को उन्होंने एक ही तरीके से निभाया, चाहे पृथ्वीराज बने हों या बड़े मियां। इन दिनों दर्शक बेहद डिमांडिंग हो गए हैं और इस तरह का लापरवाह रवैया उन्हें पसंद नहीं आया। 
 
अब सवाल यह उठता है कि क्या अक्षय कुमार का स्टारडम वाकई में खत्म हो रहा है? क्या वह दर्शकों से अपना पुराना जुड़ाव खो चुके हैं? या यह एक अस्थायी दौर है, जिससे वह फिर बाहर निकलेंगे?
 
भविष्य की कुछ फिल्मों जैसे ‘हेरा फेरी 3’ और ‘वेलकम टू द जंगल’ से उन्हें उम्मीद जरूर होगी, लेकिन अगर वहां भी दर्शकों का वही ठंडा रिस्पॉन्स मिला, तो यह अक्षय के करियर के लिए बड़ा झटका होगा। फ़िलहाल इतना तय है कि अक्षय कुमार को अब सिर्फ स्टारपावर नहीं, बल्कि दमदार कहानी और स्क्रिप्ट की ज़रूरत है, वरना वह बॉक्स ऑफिस की रेस में पिछड़ते चले जाएंगे।