गुरुवार, 28 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. धर्म-दर्शन
  3. ध्यान व योग
  4. अलौकिक आनंद दिलाती हैं ध्यान क्रियाएं
Written By WD

अलौकिक आनंद दिलाती हैं ध्यान क्रियाएं

Dhyan | अलौकिक आनंद दिलाती हैं ध्यान क्रियाएं
ध्यान की सुखद छांव में जो बैठता है, उसकी सभी कामनाएं पूरी हो जाती हैं। ध्यान में मन का मंथन होता है। इसीलिए ध्यान को कल्पवृक्ष माना गया है। मन की अस्त-व्यस्तता ही मानसिक विकृतियों का कारण होती है।

ध्यान द्वारा मन एकाग्र होता है और उसकी चंचलता धीरे-धीरे समाप्त हो जाती है। इसीलिए ध्यान के क्षणों में मिलने वाला आत्मिक सुख एवं गहन शक्ति मन की सारी ग्रंथियों को तोड़ देता है और व्यक्ति अपने आप को हल्का-फुल्का महसूस करने लगता है।

आगे पढ़ें ध्यान की क्रियाएं...


ध्यान की क्रियाएं :-

FILE


* गोपनीय ध्यान क्रिया- एक लंबी सांस लें। किसी को भी बताने की जरूरत नहीं है। आप सिर्फ सांस ले रहे हैं। अपनी सांसों को गिनें- एक- उसे जाने दें, दुबारा सांस लें- दो- उसे जाने दें- सांस लेते रहिए, गिनते रहिए। यही आपकी गोपनीय ध्यान क्रिया है।


FILE


* आसमान को निहारे- ऊपर अनंत आसमान को देखें, सोचें किस तरह से अनगिनत तारों से रोशनी लाखों-अरबों सालों चलकर आपकी आंखों तक पहुंच रही है।


FILE


* दूसरों के अच्छे स्वास्थ्य की प्रार्थना कीजिए- अस्पताल जाइए, बाहर खड़े होइए और खिड़की की तरफ देखिए। अंदर जो कोई भी हो- एक बच्चा, माता-पिता, वृद्ध आदमी या औरत प्रार्थना कीजिए कि वह जल्दी स्वस्थ हो जाए। उन्हें आपकी प्रार्थना की आपसे ज्यादा जरूरत है, क्योंकि आप अस्पताल के बाहर की तरफ हैं।

FILE


* अपने मन में झांके- अपने मन के अंदर झांकें और उस खुशी के पल को याद करें, जिसे आपने बरसों से याद न किया हो। उस पल को याद कर अपने आपको आश्चर्यचकित करें। इस खुशी के पल को अपनी यादों में जिंदा रखें। उस पल के रंग, खुशबू को याद करें- अपनी प्रत्येक इंद्रियों का इस्तेमाल करें- आप समय के अंदर होकर आएं।


FILE


* एक नदी के बारे में सोचें- सोचें कि आपके विचार नदी की तरह हैं जो आपके सिर के ऊपर से गुजरते हैं, थोड़ी देर ऊपर घूमते हैं और बहे चले जाते हैं। उन्हें जाने दें।