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Last Updated : गुरुवार, 5 मार्च 2020 (14:51 IST)

संसद में Delhi Violence पर चर्चा को लेकर गतिरोध तीसरे दिन भी जारी

Delhi Violence | संसद में Delhi Violence पर चर्चा को लेकर गतिरोध तीसरे दिन भी जारी
नई दिल्ली। संसद में बुधवार को लगातार तीसरे दिन दिल्ली हिंसा पर जल्द चर्चा कराने की मांग को लेकर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण गतिरोध बना रहा और लोकसभा को 2 बार के स्थगन के बाद तथा राज्यसभा को बैठक शुरू होने के कुछ ही मिनट बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया। लोकसभा में हंगामे के बीच ही सदन ने प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास विधेयक को मंजूरी दी।
संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत से ही कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल दोनों सदन में दिल्ली हिंसा के मुद्दे पर तत्काल चर्चा शुरू कराने की मांग को लेकर हंगामा कर रहे हैं। विपक्ष के हंगामे के कारण बुधवार को लोकसभा में शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं चल सके जबकि राज्यसभा शून्यकाल में ही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।
 
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि सरकार सामान्य स्थिति बहाल होने पर होली के बाद दिल्ली की दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर चर्चा कराने को तैयार है और अभी (विपक्ष को) सदन की कार्यवाही चलने देनी चाहिए।
 
जोशी ने कहा कि सरकार 11 मार्च को लोकसभा में और 12 मार्च को राज्यसभा में दिल्ली हिंसा के मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि संवैधानिक दायित्व हैं और विधेयक पारित करना है। जोशी ने कहा कि हम चर्चा को तैयार हैं लेकिन विपक्ष सदन नहीं चलने देना चाहता।
इससे पहले, आज सुबह लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने पर कांग्रेस सहित विपक्षी दलों के सदस्य दिल्ली हिंसा के मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग करने लगे। कांग्रेस सदस्य अध्यक्ष के आसन के पास आकर नारेबाजी करने लगे। इस बीच, पीठासीन सभापति किरीट सोलंकी ने शोर-शराबा करने वाले सदस्यों से अपने स्थान पर जाने तथा कार्यवाही चलने देने का आग्रह किया। उन्होंने इस दौरान 2 प्रश्न भी लिए।
 
शोर-शराबा थमता नहीं देख पीठासीन सभापति ने कार्यवाही शुरू होने के कुछ ही मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। दोपहर 12 बजे कार्यवाही पुन: शुरू होने पर सदन में वैसा ही नजारा देखने को मिला और पीठासीन सभापति सोलंकी ने सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
 
दो बार के स्थगन के बाद दोपहर 2 बजे सदन की बैठक शुरू हुई तो कांग्रेस, द्रमुक, वाम दलों समेत विपक्षी दलों की आसन के समीप नारेबाजी के बीच ही पीठासीन सभापति मीनाक्षी लेखी ने आवश्यक कागजात सदन के पटल पर पेश कराने के बाद 'प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास विधेयक, 2020' को लिया।
 
सदन ने कुछ विपक्षी सदस्यों के संशोधनों को अस्वीकृत करने के साथ उक्त विधेयक को शोर-शराबे के बीच ही ध्वनिमत से मंजूरी प्रदान कर दी। मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री संजय धोत्रे ने 'भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान विधियां (संशोधन) विधेयक, 2020' को हंगामे के बीच ही सदन में पेश किया।
 
हालांकि विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी जारी रही और हंगामे के कारण पीठासीन सभापति लेखी ने सदन की बैठक दिनभर के लिए स्थगित कर दी।
 
राज्यसभा में सभापति एम वेंकैया नायडू ने जरूरी दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाने के बाद घोषणा की कि उन्हें नियम 267 के तहत कुछ नोटिस मिले हैं जिन्हें उन्होंने स्वीकार नहीं किया है। लेकिन मुद्दे की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली में हिंसा विषय पर सदन में चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि वह इस संबंध में विभिन्न दलों के नेताओं के साथ मिलेंगे और तय करेंगे कि किस नियम के तहत इस मुद्दे पर चर्चा हो। उन्होंने होली के बाद इस पर चर्चा कराने की बात की।
 
इसके बाद कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस सहित विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। तृणमूल के कुछ सदस्य आसन के पास भी आ गए। नायडू ने हंगामा कर रहे सदस्यों से शांत रहने और सदन चलने देने की अपील की। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर चर्चा होगी लेकिन उसके लिए यह तय करना होगा कि किस नियम और प्रक्रिया के तहत यह चर्चा हो।
 
लेकिन सदस्यों का हंगामा जारी रहा। नायडू ने कहा कि शून्यकाल के तहत कुल 16 मुद्दे स्वीकार किए गए हैं जिनमें कोरोना वायरस जैसे अहम मुद्दे भी हैं।
 
उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि कुछ सदस्य नहीं चाहते कि सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चले। वे यह तय कर के आए हैं कि चर्चा नहीं होने देनी है। उन्होंने कहा कि परीक्षाएं चल रही हैं और छात्रों के मन में तनाव है। लेकिन यहां सदस्यों का हंगामा जारी है। इसके बाद उन्होंने 11 बजकर करीब 10 मिनट पर बैठक पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी।
 
संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण सोमवार को शुरू हुआ और तभी से विपक्ष दिल्ली हिंसा के मुद्दे पर तत्काल चर्चा कराने की मांग कर रहा है। हंगामे की वजह से दोनों सदनों में शून्यकाल और प्रश्नकाल भी बाधित हैं।