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Written By भाषा
Last Modified: नई दिल्ली , रविवार, 17 नवंबर 2013 (20:52 IST)

प्रधानमंत्री बनने के अनिच्छुक नहीं हैं राहुल : शीला दीक्षित

प्रधानमंत्री बनने के अनिच्छुक नहीं हैं राहुल : शीला दीक्षित -
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नई दिल्ली। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी चुनाव प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ रहे और इस बीच दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने कहा है कि अगले साल लोकसभा चुनाव में यदि कांग्रेस सत्ता में वापसी करती है और तय करती है तो राहुल को प्रधानमंत्री पद पर काबिज होने में कोई गुरेज नहीं होगा।

दिल्ली में विधानसभा चुनावों में चौथी बार अभूतपूर्व जीत की उम्मीद कर रहीं शीला ने कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष पार्टी को मजबूती प्रदान करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं और वह चाहेंगी कि अगले लोकसभा चुनाव में यदि कांग्रेस जीतती है तो राहुल ही प्रधानमंत्री बनें।

दीक्षित ने एक इंटरव्यू में कहा राहुल गांधी कड़ी मेहनत कर रहे हैं और पार्टी उनके साथ है। अगर पार्टी जीतती है और जब चुनाव करेगी तो वह अनिच्छुक नहीं हैं। वह लगभग हर रोज या हर दूसरे दिन दौरा कर रहे हैं। देशभर में घूम रहे हैं।

राहुल की तारीफ करते हुए 75 वर्षीय शीला दीक्षित ने कहा कि वह पार्टी के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं और कांग्रेस में चुनावों से पहले प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने की परंपरा नहीं है। उन्होंने कहा उन्हें छह महीने पहले पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया गया है। वह इस भूमिका को निभा रहे हैं। अभी इस बारे में बात नहीं करनी चाहिए कि कौन प्रधानमंत्री बनेगा।

शीला ने कहा हम अगले आम चुनाव जीतने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे। मैं चाहूंगी कि वह प्रधानमंत्री बनें क्योंकि वह हमारी अगली पीढ़ी के नेता हैं। जब मुख्यमंत्री से पूछा गया कि क्या उनके मन में कभी प्रधानमंत्री बनने की बात आई तो उन्होंने ‘नहीं’ में जवाब दिया।

उन्होंने कहा वाकई ऐसा नहीं हुआ। इस तरह की अटकलें हो सकती हैं। मैं सभी नेताओं की तरह अपना काम करती हूं। आगामी 4 दिसंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों के संदर्भ में दीक्षित ने कहा कि उन्हें चौथी बार जबरदस्त जीत की उम्मीद है क्योंकि दिल्ली की जनता पिछले 15 साल में उनकी सरकार के किए अच्छे कार्यों से वाकिफ है।

उन्होंने कहा मैं पूरे विश्वास के साथ चुनाव में उतर रही हूं। हमें लगता है कि बहुमत हासिल करेंगे। चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में त्रिशंकु विधानसभा के पूर्वानुमानों की संभावना को खारिज करते हुए शीला ने कहा कि मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच ही रहेगा। उन्होंने कहा मुझे लगता है कि दिल्ली के लोग स्थिर सरकार चाहेंगे और वे एक स्थिर और अस्थिर सरकार के बीच का अंतर समझते हैं। मैं त्रिशंकु विधानसभा नहीं देखती।

भाजपा और अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी पर लोगों को अनेक मुद्दों पर गुमराह करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने दिल्ली का चेहरा बदल दिया है और समावेशी विकास हुआ है जबकि इन दोनों दलों के पास राजधानी को लेकर कोई दृष्टिकोण नहीं है।

शीला दीक्षित ने अपनी सरकार के खिलाफ आप और भाजपा की ओर से लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को भी खारिज करते हुए कहा कि कैग और शुंगलू समिति ने कुछ बातें कहीं थी लेकिन उन्हें उचित जवाब दे दिया गया है। दिल्ली को पूरी तरह राज्य का दर्जा दिए जाने के संबंध में पूछे गए प्रश्न पर उन्होंने कहा कि वह लंबे समय से इस पर जोर दे रहीं हैं।

उन्होंने कहा हमने हर समय ऐसा कहा है। इस पर अनेक समितियां रहीं हैं। दिल्ली को पूरे अधिकार मिलने चाहिए और आज की तुलना में पूरी तरह राज्य का दर्जा प्राप्त होना चाहिए। शीला ने कहा, अभी एक काम के लिए शहरी विकास विभाग की ओर जाना पड़ता है, दूसरी चीज के लिए गृह मंत्रालय के पास जाना पड़ता है। कुछ कानून पारित कराने के लिए कानून मंत्रालय की ओर दौड़ लगानी पड़ती है। इन सबमें थोड़ी जटिलता रहती है। (भाषा)