केजरीवाल ने दिया नोटिस का जवाब
श्रवण शुक्ल
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने धर्म के आधार पर वोट मांगने के मामले में निर्वाचन आयोग के कारण बताओ नोटिस का जवाब भेज दिया। केजरीवाल ने 37 पन्नों के अपने जवाब में आदर्श चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के आरोपों का खंडन किया है। आयोग ने अपने नोटिस में केजरीवाल से 25 नवंबर को सुबह 11 बजे तक यह स्पष्ट करने के लिए कहा था कि क्यों नहीं उनके खिलाफ आदर्श चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में कार्रवाई की जाए। मगर आयोग ने बाद में आप के राष्ट्रीय संयोजक के अनुरोध पर इस समय सीमा को दो दिनों के लिए बढ़ा दिया था।बीजेपी की दिल्ली इकाई के प्रवक्ता हरीश खुराना ने आयोग से शिकायत की थी कि केजरीवाल ने एक पर्चे में बीजेपी को सांप्रदायिक बताया है। उन्होंने आरोप लगाया था कि इस पर्चे में आम आदमी पार्टी ने मुसलमानों से धर्म के नाम पर वोट मांगने की कोशिश की है। आयोग ने केजरीवाल को 20 नवंबर को भेजे नोटिस में आर्दश चुनाव आचार संहिता के पैरा एक सबपैरा तीन का हवाला देते हुए कहा था कि कोई भी पार्टी या उम्मीदवार जाति और धर्म के नाम पर वोट नहीं मांग सकता। इसके तहत चुनाव प्रचार के लिए मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर और अन्य धर्मस्थलों के इस्तेमाल की भी इजाजत नहीं है।नोटिस में कहा गया था कि आयोग ने पर्चे पर गौर करने के बाद केजरीवाल को पहली नजर में आर्दश चुनाव आचार संहिता का दोषी पाया है। अगर वह तय समय सीमा के अंदर नोटिस का जवाब नहीं देते तो माना जाएगा कि उनके पास अपनी सफाई में कहने को कुछ भी नहीं है।
क्या लिखा था आम आदमी के इस विवादास्पद पर्चे में... अगले पन्ने पर...
केजरीवाल के बिहाफ पर पंकज कुमार गुप्ता ने इस नोटिस का जवाब विस्तार से दिया है। उन्होंने अपने जवाब में उस पेम्पलेट की कुछ लाइनों का हवाला दिया। पैम्पलेट की शुरुआती लाइन है 'हम आज की गंदी राजनीति को खत्म करके एक भ्रष्टाचार मुक्त भारत का निर्माण करना चाहते है, जहां सभी धर्म के लोग सुख - शांति और अमन-चैन के साथ रह सके।'पेम्पलेट के पहले पन्ने पर पार्टी के विजन को स्पष्ट करते हुए कहा गया है 'मुझे समझ नहीं आता कि हम सभी धर्म के लोग एक साथ इकट्ठे क्यों नहीं हो जाते ?ये पार्टियां हमे बांट कर राजनीति करती हैं। आम आदमी पार्टी इस गंदी राजनीति को खत्म करना चाहती है। आम आदमी पार्टी इस देश में दंगेबंद करके अमन और चैनकायम करना चाहती है। आम आदमी पार्टी मुसलमानों को बराबर का हक दिलाना चाहती है, उन्हें सुरक्षा देना चाहती है, और उनके मन से दहशत दूर करनाचाहती है।पेम्पलेट के अंत में लिखा गया है कि अगर आम आदमी पार्टी की सरकार बनती है तो देश से भ्रष्टाचार दूर करने और सभी धर्मों के बीच अमन -चैन कायम करने का एक ईमानदार प्रयास किया जाएगा।