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Written By WD Feature Desk
Last Modified: शनिवार, 24 मई 2025 (13:34 IST)

पुण्यतिथि विशेष: पंडित जवाहरलाल नेहरू के बारे में 10 लाइन

Jawaharlal Nehru Death Anniversary
10 lines on pandit jawaharlal nehru in hindi: 27 मई भारतीय इतिहास में केवल एक तारीख नहीं है, यह दिन उस महानायक की पुण्यतिथि है जिसने स्वतंत्र भारत की नींव रखी, पंडित जवाहरलाल नेहरू। आज जब हम उनकी पुण्यतिथि पर उन्हें याद करते हैं, तो यह न केवल उनके योगदान को सम्मान देने का अवसर है, बल्कि उनके विचारों और दृष्टिकोण को फिर से समझने का भी वक्त है। नेहरू केवल भारत के पहले प्रधानमंत्री नहीं थे, बल्कि एक विचारधारा थे, एक सपना थे, और आधुनिक भारत के शिल्पकार थे। नेहरू जी की सोच सिर्फ राजनीति तक सीमित नहीं थी। वह विज्ञान, शिक्षा, उदार लोकतंत्र और बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के पक्षधर थे। उनका जीवन संघर्ष, समर्पण और दूरदृष्टि का अद्भुत उदाहरण है।
 
पंडित नेहरू के बारे में 10 रोचक बातें
1. स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री और लोकतंत्र के सजग प्रहरी
पंडित नेहरू 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री बने और 1964 तक इस पद पर कार्यरत रहे। उन्होंने लोकतंत्र की नींव को मजबूती दी और संवैधानिक संस्थाओं की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका मानना था कि लोकतंत्र ही भारत जैसे विविध देश को एकसूत्र में बांध सकता है।
 
2. बच्चों से गहरा प्रेम: ‘चाचा नेहरू’ की उपाधि
नेहरू को बच्चों से बेहद लगाव था, और बच्चे उन्हें ‘चाचा नेहरू’ कहकर पुकारते थे। उनका मानना था कि बच्चों में ही देश का भविष्य छिपा होता है। उनकी जयंती को आज भी बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है, जो उनके बालप्रेम का प्रतीक है।
 
3. विज्ञान और आधुनिकता के समर्थक
उन्होंने भारत में वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा दिया और कई प्रमुख संस्थानों की स्थापना की जैसे ISRO, IITs और AIIMS। उनका मानना था कि विज्ञान और तकनीक से ही भारत एक आत्मनिर्भर राष्ट्र बन सकता है। वे आधुनिक भारत को एक “प्रगतिशील समाज” के रूप में देखना चाहते थे।
 
4. गहरी साहित्यिक रुचि और लेखक का परिचय
नेहरू एक कुशल लेखक भी थे। उनकी किताब ‘डिस्कवरी ऑफ इंडिया’ आज भी युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत है। उन्होंने जेल में रहते हुए अपनी बेटी इंदिरा गांधी को ‘पिता के पत्र पुत्री के नाम’ जैसी अमूल्य पुस्तकें लिखीं, जो भारतीय इतिहास और संस्कृति को सरल भाषा में बताती हैं।
 
5. अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत की गरिमा को नई ऊंचाई
नेहरू ने गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) की नींव रखी और भारत को किसी भी ध्रुवीय शक्ति के दबाव से दूर रखा। उन्होंने पंचशील सिद्धांतों के माध्यम से शांतिपूर्ण सहअस्तित्व का विचार दुनिया के सामने रखा। उनके नेतृत्व में भारत ने एक स्वतंत्र और सम्मानित राष्ट्र के रूप में वैश्विक पहचान बनाई।
 
6. धर्मनिरपेक्षता के मजबूत स्तंभ
नेहरू जी ने भारत को एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र बनाने में अहम भूमिका निभाई। उनके अनुसार, “धर्म व्यक्ति का निजी मामला है और राज्य को सभी धर्मों के प्रति समान दृष्टिकोण रखना चाहिए।” आज जब देश धर्म के नाम पर विभाजित हो रहा है, नेहरू की ये सोच और भी प्रासंगिक हो जाती है।
 
7. समाजवाद की विचारधारा और 5 इयर प्लान 
नेहरू ने भारत में समाजवाद की विचारधारा को अपनाया और पंचवर्षीय योजनाओं की शुरुआत की। उनके द्वारा शुरू की गई योजनाओं ने औद्योगिक विकास, कृषि उत्पादन और शिक्षा के क्षेत्र में मजबूत आधार प्रदान किया। उनका विश्वास था कि योजनाबद्ध विकास से ही देश को गरीबी से मुक्ति मिल सकती है।
 
8. संविधान निर्माण में सक्रिय भागीदारी
नेहरू संविधान सभा के प्रमुख नेताओं में से एक थे और भारतीय संविधान के मूल स्वरूप में उनकी सोच साफ दिखाई देती है। वे चाहते थे कि संविधान सामाजिक न्याय, स्वतंत्रता और समानता को प्राथमिकता दे। उनके नेतृत्व में भारत का संविधान एक सशक्त लोकतंत्र की नींव बना।
 
9. विचारशील वक्ता और प्रेरक नेता
नेहरू के भाषणों में स्पष्टता, संवेदनशीलता और दूरदृष्टि होती थी। उनका ‘ट्रिस्ट विद डेस्टिनी’ (Tryst with Destiny) भाषण आज भी भारतीय इतिहास का सबसे प्रसिद्ध भाषण माना जाता है। उन्होंने शब्दों से लोगों के दिलों को जीता और विचारों से देश को दिशा दी।
 
10. आज भी जिंदा हैं पंडित नेहरू के विचार
27 मई 1964 को पंडित नेहरू का निधन हुआ, लेकिन उनकी सोच आज भी जीवित है। शिक्षा, विज्ञान, बाल अधिकार, धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र जैसे विषयों पर उनकी सोच आज भी उतनी ही प्रासंगिक है। युवा वर्ग को चाहिए कि वे उनके विचारों से प्रेरणा लें और देश को बेहतर बनाने में योगदान दें। 


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