एक्सपर्ट व्यू : मास्क से ही 85 फीसदी कम हो जाता है कोरोना संक्रमण का खतरा,लगाने के सोशल मीडिया पर चले कैंपेन : डॉ. रमन गंगाखेडकर
मास्क को लेकर सोशल मीडिया पर चलाई जा रही 'वेबदुनिया' की पहल काबिले तारीफ
देश के कई राज्य कोरोना की दूसरी लहर की चपेट में है। महाराष्ट्र से लेकर मध्यप्रदेश तक हालात लगातार बिगड़ रहे है। लोगों की लापरवाही और कोरोना प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने से संक्रमण इतनी तेजी से फैल रहा है कि अब खतरा कोरोना महामारी के सेकंड पीक पर पहुंचने का खतरा हो गया है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना की उभरती हुई सेंकड पीक को तुरंत रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की बात कही है।
कोरोना की दूसरी लहर में सरकार आने वाले समय क्या कदम उठा सकती है और संक्रमण से हम कैसे बच सकते है इसको जानने के लिए वेबदुनिया ने कोरोना महामारी के खिलाफ देश की पहली लड़ाई के प्रमुख रणनीतिकार रहे भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के महामारी विज्ञान प्रभाग के प्रमुख रहे पद्मश्री डॉक्टर रमन गंगाखेडकर से एक्सक्लूसिव बातचीत की।
वेबदुनिया से एक्सक्लूसिव बातचीत में डॉक्टर रमन गंगाखेडकर कहते हैं कि कोरोना संक्रमण से बचने का सबसे अचूक उपाय मास्क का सही तरीके से उपयोग करना और कोरोना प्रोटोकॉल का समुचित रूप से पालन करना है। अगर मास्क का सही तरीके से प्रयोग करे तो 85 फीसदी संक्रमण का खतरा कम हो जाता है। सरकार से ज्यादा अब लोगों की जिम्मेदारी है कि वह अपनी जिंदगी की वैल्यू को समझे और कोरोना की दूसरी लहर को पीक पर पहुंचने से रोकने के लिए मास्क और कोरोना प्रोटोकॉल का सही तरीके से पालन करें।
कोरोना की दूसरी लहर के लिए वह लोगों की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराते हुए कहते है कि दुर्भाग्यपूर्ण बात यह हैं कि जिनको समाज को सजग करने की ही जिम्मेदारी थी उन्होंने ही गैर जिम्मेदाराना व्यवहार कर मास्क का उपयोग नहीं किया तो वह लोगों को अब मास्क लगाने के लिए कैसे कहेंगे। ऐसे में अब संकट के समय में अब सरकार को समाज के बीच से ही ऐसे लोगों को खड़ा करना होगा जिनकी लोग सुनते हो।
वेबदुनिया से बातचीत में रमन गंगाखेडकर कहते हैं कि अगर सोशल मीडिया का उपयोग गलत चीजों पर चर्चा करने और आगे बढ़ाने के लिए कर सकते है तो क्यों सोशल मीडिया के जरिए लोगों को मास्क पहनने के लिए प्रेरित नहीं कर सकते है। वह वेबदुनिया की सोशल मीडिया पर मास्क को लेकर चलाई जा रही मुहिम की तारीफ करते हुए कहते है कि लोगों को इसी तरह मास्क के लिए सोशल मीडिया पर एक कैंपेन शुरु करना चाहिए।
वह उदाहरण देते हुए कहते हैं कि पिछली बार जब लॉकडाउन लगा था तो आपने देखा होगा कि गांव-गांव में लोग इतने सजग हो गए थे कि गांव में बाहर से आने वाले लोगों को गांव के बाहर ही रोक करके उनको कवारेंटाइन कर रहे थे,ऐसी ही जरूरत इस वक्त भी है जब हम सोशल मीडिया के माध्यम से और अपने घर और कॉलोनी से ही ऐसी सतर्कता करने बरते और मास्क को लेकर एक अभियान शुरू करे।
वेबदुनिया से बातचीत में डॉक्टर रमन गंगाखेडकर साफ कहते हैं कि कोरोना के फिर से इतनी तेजी से बढ़ने के लिए नए वैरियंट जिम्मेदार है इसके कोई प्रमाणिक सबूत नहीं मिले है,वह कहते है कि अगर आप खुद अपने आसपास नजर उठा कर देखेंगे तो आपको खुद इस सवाल का जवाब मिल जाएगा कि क्यों कोरोना का संक्रमण इतनी तेजी से फैल रहा है,लोग किस तरह की लापरवाही कर अपनी जान के साथ खिलवाड़ कर रहे है। ऐसे में नए वैरियंट को संक्रमण फैलने के लिए जिम्मेदार मानना अपनी जिम्मेदारी से एक तरह से बचना है।