शुक्रवार, 27 सितम्बर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. कोरोना वायरस
  4. Supreme court
Written By
Last Modified: बुधवार, 27 मई 2020 (14:15 IST)

सुप्रीम कोर्ट का सरकार से सवाल, स्वास्थ्यकर्मियों के लिए क्यों खत्म की क्वारंटाइन की अनिवार्यता

सुप्रीम कोर्ट का सरकार से सवाल, स्वास्थ्यकर्मियों के लिए क्यों खत्म की क्वारंटाइन की अनिवार्यता - Supreme court
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कोविड-19 की पहली कतार के स्वास्थ्यकर्मियों के लिए 14 दिन के पृथकवास की अनिवार्यता खत्म करने संबंधी नई व्यवस्था पर केन्द्र से जवाब मांगा है।
 
न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने डॉक्टर आरूषि जैन द्वारा अपनी लंबित याचिका में दाखिल अर्जी पर वीडियो कांफ्रेन्सिग के माध्यम से सुनवाई के दौरान केन्द्र की ओर से पेश सालिसीटर जनरल तुषार मेहता को अगले सप्ताह तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
 
इस डॉक्टर ने अपनी अर्जी में केन्द्र की नई मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) में कोविड-19 की पहली कतार के स्वास्थ्यकर्मियों के लिए 14 दिन का अनिवार्य पृथकवास समाप्त करने पर सवाल उठाया है।
 
पीठ ने अपने आदेश में कहा, 'अतिरिक्त दस्तावेज दाखिल करने की अनुमति दी जाती है। सालिसीटर जनरल के अनुरोध पर इस मामले को अगले सप्ताह सूचीबद्ध किया जाए ताकि वह इस संबंध में रिपोर्ट दाखिल कर सकें।'
 
अधिवक्ता मिट्ठू जैन और अर्जुन स्याल के माध्यम से दाखिल हलफनामे में कहा गया है कि केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक ने 15 मई को अस्पताल के कोविड और गैर कोविड क्षेत्र में काम कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों के प्रबंधन के बारे में परामर्श जारी किया है। इसमें स्वास्थ्यकर्मियों के लिये एहतियाती उपायों, एकांतवास और पृथकवास के बारे में प्रावधान किया गया है।
 
हलफनामे में कहा गया है कि इस परामर्श के अनुसार कोविड-19 के दौरान तैनात स्वास्थ्यकर्मियों के लिए सलाह दी गई है। इस परामर्श में सभी स्वास्थ्य कर्मियों के लिये 14 दिन का अनिवार्य पृथकवास खत्म कर दिया गया है।
 
इसमें कहा गया है कि केन्द्र के इस परामर्श के बाद कर्नाटक सरकार ने 16 मई को एक सर्कुलर जारी किया जिसके अनुसार स्वास्थ्यकर्मी हमेशा पूरे पीपीई का इस्तेमाल करते हैं और जिनमें इसके लक्षण नहीं हैं उन्हें पृथकवास करने की आवश्यकता नहीं है।
 
शीर्ष अदालत ने 15 मई को केन्द्र से कहा था कि कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित मरीजों का उपचार कर रहे चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों के अस्पताल के आसपास ही आवासों में पृथकवास के बारे में किये गये उपायों से उसे अवगत कराया जाये।
 
आरूषि जैन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा था कि सरकारी अस्पतालों में सात से 14 दिन की ड्यूटी पूरी करने वाले रेजीडेन्ट चिकित्सकों के लिये पृथकवास की व्यवस्था की अपेक्षा की जाती है। (भाषा)
 
ये भी पढ़ें
जयपुर जिले में टिड्डियों को नियंत्रित करने के लिए ड्रोन के जरिए कीटनाशक का छिड़काव