शुक्रवार, 22 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. कोरोना वायरस
  4. stories of indore

Stories of Indore: अब इंदौर सुनाने लगा ‘फर्ज और सौहार्द’ की कहानि‍यां

Stories of Indore: अब इंदौर सुनाने लगा ‘फर्ज और सौहार्द’ की कहानि‍यां - stories of indore
टाटपट्टी बाखल में मेड‍िकल टीम पर हमला हो या जनता कर्फ्यू के द‍िन राजवाड़ा का जश्‍न। कुछ घटनाओं ने देश के सबसे साफ-सुथरे इंदौर के चेहरे पर दाग जरुर लगा दि‍या है, लेक‍िन बावजूद इसके यह शहर अपने मि‍जाज में लौट रहा है।

इंदौर की ही कुछ खबरें हैं, ज‍िन्‍होंने इस शहर का माथा ऊंचा भी क‍िया है। ज‍िस खाकी वर्दी को हम अक्‍सर उसकी क्रूरता के ल‍िए कोसते रहते हैं, वहीं खाकी वर्दी आज शहर में 24 घंटे भूखे-प्‍यासे रहकर अपना फर्ज न‍िभा रही है और आम लोगों की ज‍िंदगी बचाने के ल‍िए अपनी जान जोखि‍म में डाल रही है।

भले उन पर हमले हो, उन्‍हें गाली दी जाए, लेक‍िन इस संकट के समय में पुल‍िस का जो मानवीय चेहरा सामने आया है, कोरोना के इत‍िहास में उसे हमेशा याद रखा जाएगा।

पुल‍िस के बल‍िदान की कहान‍ियां सुनकर हर कोई भावुक है, हर क‍िसी की आंख में पानी है।

पुलि‍स के साथ ही मे‍डि‍कल टीमें और इंदौर की आम जनता ने इस भयावहता के बीच ज‍िस सकारात्‍मकता का श्रीगणेश क‍िया है, वो गर्व से स‍िर को ऊंचा करने वाला है।

एक तस्‍वीर आई है। इंदौर के तुकोगंज थाने के थाना प्रभारी निर्मल श्रीवास की। वो अपने घर के आंगन में बैठकर खाना खा रहे हैं और दरवाजे पर खड़ी उनकी मासूम बेटी उन्‍हें न‍िहार रही है। उसकी आंखों में स‍िर्फ एक ही सवाल है, पापा आप 24 घंटे ड्यूटी पर क्‍यों रहते हो?

सही भी है, प‍िछले कई द‍िनों से बेटी ने अपने प‍िता को सादे कपड़ों में देखा ही नहीं। लेक‍िन पि‍ता बेटी को समझाते है, संकट क‍ितना बड़ा है, उसे सोशल ड‍िस्‍टेंस‍िंग का महत्‍व समझाते हैं। काश ये कहानी सब को समझ में आए।

न‍ित‍िन पटेल नरसिंहपुर जिले के डोभी अल्हेनी के रहने वाले हैं। वे इंदौर में सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हैं। 20 अप्रैल को उनकी शादी तय हो गई थी, इसके ल‍िए 15 अप्रैल से उनकी छुट्टियां भी स्‍वीकृत हो चुकी थी। सबकुछ तय था। लेक‍िन जब इंदौर में कोरोना का कहर शुरु हुआ तो उन्‍होंने अपनी ज‍िंदगी की ये खूबसूरत शुरुआत करने के बजाए कोरोना से लड़ने को चुना। वे चाहते तो अपनी नई दुल्‍हन के साथ घर में रहकर ‘लॉकडाउन’ को एंजॉय करते, लेक‍िन उन्‍होंने अपना फर्ज चुना।

ऐसे सैंकड़ों पुल‍िस अधि‍कारी और कर्मचारी हैं, जो 24 घंटे ड्यूटी करते हुए कई रातों से अपने घर नहीं गए हैं, फोन 24 घंटे चालू रखना होता है क‍ि कब मुस्‍तैद होने के ल‍िए घंटी बज जाए। लॉकडाउन तोड़ने वालों को पुलि‍स कभी चेतावनी देती है तो कभी गांधीगिरी अपना कर लोगों को उनका फर्ज याद द‍िलाती है। कहीं गाना गा रही है तो कहीं हाथ जोड़कर प्रार्थना कर रही है। मकसद स‍िर्फ एक है देश को कोरोना से बचाना है।

यह तो हुई पुलि‍स की कहानी। उधर मेडि‍कल टीम का भी योगदान कम नहीं पड़ रहा है। टाटपट्टी बाखल में ज‍िस टीम पर हमला हुआ था, वही टीम दोबारा उसी क्षेत्र में पहुंची और लोगों के सेंपल ल‍िए। हमले के वीड‍ियो पूरे देश ने देखे थे। उस भयावहता के बाद कोई वहां जाना नहीं चाहेगा, लेक‍िन मह‍िला डॉक्‍टर की टीम वहां गई और फर्ज अदा क‍िया जान की परवाह क‍िए बगैर।

सफाईकर्मी का योगदान इसमें सबसे ज्‍यादा मायने रखता है। इंदौर को स्‍वच्‍छ बनाने में वे रात को 2 बजे और सुबह 4 बजे भी झाडू लगाते नजर आए। आज जब कोरोना का संकट है वे आज भी मुस्‍तैद हैं। एक एक मोहल्‍ले और गली को सैनेटाइज कर रहे हैं। न द‍िखने वाले व‍िषाणूओं को अपनी कोशिश, साहस और जज्‍बे से साफ कर रहे हैं। क्‍या इन सफाईकर्मि‍यों का योगदान भुलाने वाला है।

ज‍िला प्रशासन की सख्‍ती में भी मैसेज है। इंदौर कलेक्‍टर मनीष स‍िंह ने अब तक जो वीडि‍यो जारी क‍िए उन्‍होंने यह कहा क‍ि प्रशासन का एक एक कर्मचारी और अधि‍कारी अपनी जान को दाव पर लगाकर काम कर रहा है। ऐसे में हम सब को इस संकट में साथ आना होगा।

इस संकट में सांप्रदायि‍क सौहार्द का भी पैगाम इंदौर ने द‍िया है। इंदौर के साउथ तोड़ा क्षेत्र में हिन्दू युवती की मौत हो गई। कोरोना के डर से कोई उसके अंत‍िम संस्‍कार के ल‍िए आगे नहीं आया। लेक‍िन यहां आसपास रहने वाले मुस्‍ल‍िम भाइयों ने हि‍न्‍दू युवती को कांधा द‍िया। उसे शमशान घाट ले जाकर उसकी अंत‍िम क्रियाएं पूरी कीं।

सांप्रदाय‍िक सौहार्द की एक और कहानी सामने आई है। सोमवार को शहर के प्रत‍िष्ठ‍ित मुस्‍लि‍म नागरि‍कों ने पत्र ल‍िखकर टाटपट्टी बाखल वाली घटना पर खेद जताया और माफी मांगी। उन्‍होंने ल‍िखा क‍ि कुछ लोगों की वजह से पूरे समाज की जो छव‍ि खराब हुई उसके ल‍िए हम माफी मांगते हैं।

यह है शहर की असल तासीर ज‍िसका इंतजार और उम्‍मीद हम सब लंबे समय से कर रहे थे।
ये भी पढ़ें
ये नैवेद्य हैं बजरंगबली को प्रिय, Hanuman Jayanti पर लगाएं इनका भोग, खुश होकर देंगे वरदान