शुक्रवार, 29 मार्च 2024
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Life in the times of corona: सोशल डिस्‍टेंस क्‍यों और कैसे है वरदान?

Life in the times of corona: सोशल डिस्‍टेंस क्‍यों और कैसे है वरदान? - socializing in corona
क्रिकेट पर चर्चा हो या राजनीति पर बहस। शेयर बाजार के अप-डाउन्‍स हो या पडोसी मुल्‍क की हरकत। इन्‍हीं मुद्दों के सहारे भारत में सोशलाइजिंग का बेहद प्रचलन है। शादी-ब्‍याह से लेकर चाय और पान की दुकानों पर यह सोशलाइजिंग देखने को मिल जाती है। सोशलाइजिंग यानी सामाजिक मेल मिलाप।

हमारा सारा ताना-बाना ही इस मेल मिलाप पर टिका हुआ है। लेकिन तेजी से बदलती दुनिया और आधुनिकता ने कुछ समय से इसे पूरी तरह से खत्‍म कर दिया है।

ऑफिस, इंटरनेट और प्रतियोगिता ने इस सोशलाइजिंग को खत्‍म सा कर दिया, लेकिन चीन से आए ‘कोरोना वायरस’ ने एक बार फिर से भारत के लोगों को सोशलाइजिंग का मौका दिया है। अपनों के बीच रहने का अवसर दिया है।

दरअसल, हर त्रासदी का एक सकारात्‍मक पक्ष होता है। या नहीं भी हो ऐसी महामारी के दौर में हमें सकारात्‍मक पक्ष निकाल ही लेना चाहिए।

कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज को क्‍वेरेंटाइन किया जाता है, यानी उसे तब तक दूसरे लोगों से दूर रखकर आइसोलेटेड रखा जाता है, जब तक कि वो पूरी तरह से ठीक नहीं हो जाता। ठीक इसी तरह अहतियात के लिए लोगों को भी सरकार ने अपने घरों में रहने के लिए कहा है। उन्‍हें कहा गया है कि ‘स्‍टे होम’। इसी तरह  कई निजी कंपनियों ने ‘वर्क फ्रॉम’ का कॉन्‍सेप्‍ट चुना है। अपने कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए कहा है।

तो घर पर बिताइए वक्‍त
अब कोरोना संक्रमण के दौरान लोगों को घर पर वक्‍त बिताने का मौका मिला है। ऐसे में वे अपनी पत्‍नी, मां, बच्‍चे और पिता के साथ वक्‍त गुजार सकते हैं और कोरोना के संक्रमण से बचकर सरकार की मदद ही करेंगे। दूसरी तरफ इससे पहले कई लोगों को यह शिकायत रही है कि ऑफिस और काम की वजह से उन्‍हें घरवालों को देने के लिए वक्‍त नहीं मिलता है, तो यह शिकायत भी दूर होगी। अब वे अपने घरवालों के साथ गेम्‍स खेल सकते हैं, मूवी देख सकते है। इन हाउस गेदरिंग कर सकते हैं।

कुछ ही समय पहले आई एक रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत में हालांकि तलाक के मामले पूरी दुनिया के दूसरे देशों की तुलना में काफी कम हैं, लेकिन यहां तलाक की सबसे बडी वजह अपने पार्टनर को टाइम नहीं देना है। हालांकि चीन में ठीक इसका उल्‍टा हो रहा है। वहां कोरोना की वजह से जिन कपल्‍स को क्‍वेरेंटाइन किया गया था, उनके आपस में विवाद हो रहे हैं और तलाक के आवेदन कर रहे हैं।

मेल टूडे की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना संक्रमण के बाद जब चीनी लोगों को घर में रहने के निर्देश जारी किए गए तो उन्‍हें अपनों के बीच रहना ज्‍यादा रास नहीं आया।

रिपोर्ट के मुताबिक एक दूसरे के साथ ज्‍यादा वक्‍त तक रहने के कारण कपल्‍स में नौंक-झौंक हो रही है और रिकॉर्ड मात्रा में तलाक के मामले सामने आ रहे हैं। आलम यह है कि तलाक के संबंधित विभाग ने तलाक के आवेदन लेने से इनकार कर दिया है।

कोरोना का संक्रमण भारत में भी दस्‍तक दे ही चुका है। ऐसे में भारतीयों को इसे सकारात्‍मक तरीके से लेना चाहिए। अपनों के साथ, अपनों के बीच समय गुजारकर वे अपने रिश्‍तों को रिफांइड कर सकते हैं, उन्‍हें मजबूत बना सकते हैं।

आखिर यही तो मकसद है हमारा कोरोना को हराना और अपने परिवार को मजबूत करना।
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