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Last Updated : मंगलवार, 6 जुलाई 2021 (17:53 IST)

कोरोना से जान गंवाने वालों के परिवार को हर हाल में और जल्द से जल्द मदद मिले : केजरीवाल

कोरोना से जान गंवाने वालों के परिवार को हर हाल में और जल्द से जल्द मदद मिले : केजरीवाल - Kejriwal said that the families of those who lost their lives from Corona should get help
नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए दिल्ली सरकार के समाज कल्याण विभाग द्वारा शुरू की गई ‘मुख्यमंत्री कोविड-19 परिवार आर्थिक सहायता’ योजना की शुरूआत की। इस दौरान सीएम ने कहा कि एक जिम्मेदार और संवेदनशील सरकार होने के नाते हमारा फर्ज है कि हम ऐसे परिवारों का साथ दें और उनकी मदद करें। योजना के तहत कोरोना से जान गंवाने वाले हर व्यक्ति के परिवार को एकमुश्त 50 हजार रुपए की राशि दी जाएगी और उनके आश्रित को हर महीने 2500 रुपए दिए जाएंगे। साथ ही, अनाथ हुए बच्चों को 25 साल की उम्र तक हर महीने 2500 रुपए दिए जाएंगे।

 
सीएम ने कहा कि हम लोगों के आवेदन करने का इंतजार नहीं करेंगे, बल्कि दिल्ली सरकार का प्रतिनिधि उनके घर जाकर खुद फार्म भरवाएंगे। सीएम ने निर्देश देते हुए कहा कि प्रतिनिधि कागजों में कमियां नहीं निकालेंगे। अगर कागज पूरे नहीं हैं, तो उसे बनवाने की जिम्मेदारी भी प्रतिनिधि की होगी। कोरोना से जान गंवाने वाले व्यक्ति के परिवार को हर हाल में मुआवजा मिलना चाहिए और यह मदद जल्द से जल्द पहुंचाई जाए, ताकि उन्हें शीघ्र राहत मिल सके। इस कार्यक्रम में समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम, मुख्य सचिव विजय देव समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
 
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बातौर मुख्य अतिथि योजना के पोर्टल को लांच करने के उपरांत कहा कि हम सब लोग जानते हैं कि किस तरह से पिछले डेढ़ साल से पूरी मानव जाति कोरोना महामारी से पीड़ित है। पिछले डेढ़ साल से केवल भारत में नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के अंदर इस महामारी का प्रकोप है। हमारे देश के अंदर 2 लहर आ चुकी हैं। पहली लहर पिछले साल आई थी और दूसरी लहर अभी अप्रैल के महीने में आई थी। देश के लिए यह 2 लहर हो सकती है, लेकिन दिल्ली के लिए यह चौथी लहर थी। पिछले साल जून के महीने में पहली लहर आई, फिर सितंबर में दूसरी लहर आई, फिर नवंबर में तीसरी और अब यह चौथी लहर आई थी। दिल्ली में आई चौथी लहर बहुत ज्यादा गंभीर थी। एक तो यह बहुत ज्यादा तेजी से फैली और इससे बहुत ज्यादा लोग प्रभावित हुए। शायद ही कोई ऐसा परिवार बचा होगा, जिसमें किसी न किसी को इस चौथी लहर के दौरान कोरोना न हुआ हो। दूसरा यह कि यह लहर बहुत ज्यादा घातक थी और इस दौरान बहुत ज्यादा लोगों की मृत्यु हुई।
 
एक जिम्मेदार और संवेदनशील सरकार होने के नाते हमारा फर्ज है कि हम कोरोना से जान गंवा चुके लोगों के परिवारों का साथ दें और उनकी मदद करें। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि लोगों से ऐसे बहुत सारे मामले सुनने को मिले, जिसमें बच्चे अनाथ हो गए। अब उन बच्चों को पालने वाला कोई नहीं है। जिसमें परिवार का जो कमाने वाला सदस्य था, उनकी मृत्यु हो गई और अब घर चलाने वाला कोई नहीं है। ऐसे में एक जिम्मेदार और संवेदनशील सरकार होने के नाते हमारा फर्ज बनता है कि इस मुसीबत के मौके पर हम उन सब लोगों का साथ दें, उनके साथ खड़े हों और हमसे जो कुछ बन सकता है, हम उनके लिए करें। इस संबंध में अधिकारियों और लोगों के साथ काफी विचार-विमर्श व चर्चा हुई। इसके बाद यह योजना बनकर तैयार हुई। यह तय हुआ कि जिन-जिन लोगों के घर में कोरोना से मृत्यु हुई, उस हर व्यक्ति के परिवार को 50 हजार रुपए की एकमुश्त राशि दी जाए। इस सहायता राशि को देने के दौरान उनसे और कुछ नहीं पूछा जाएगा, अगर किसी की कोरोना से मृत्यु हुई है, तो उनको 50 हजार रुपए की एकमुश्त राशि दी जाएगी। इसके अलावा, जिन लोगों के घरों में कमाने वाले व्यक्ति की मौत हो गई है, उन लोगों को हर महीने एक निश्चित राशि का एक सहारा दिया जाए।
 
कोरोना काल में जिन बच्चों ने अपने दोनों मां-बाप को खो दिया है। मान लीजिए कि बच्चों के मां-बाप में से कोई एक पहले से नहीं थे और दूसरे की कोरोना की वजह से मौत हो गई है। यह जरूरी नहीं है कि दोनों की ही कोरोना से मौत हुई हो, अगर एक की भी कोरोना से मौत हो हुई है और बच्चा अनाथ हो गया है, तो उन सभी बच्चों को हर महीने 25 साल की उम्र तक के लिए 2500 रुपए दिए जाने का प्रावधान है। इस तरह, इस योजना के अंतर्गत सारी परिस्थितियों को कवर करने की कोशिश की गई है कि किस-किस परिस्थिति में लोगों को किस-किस तरह की दिक्कतें आ सकती हैं और उन हर परिस्थितियों को इसके अंदर शामिल करने की कोशिश की गई है। सभी किस्म के लोगों को सहायता पहुंचाने की कोशिश की गई है। 
 
सीएम ने आगे कहा कि आज यह पोर्टल लॉन्च हो गया है। अब जिन लोगों के घर में कोरोना की वजह से मौत हुई है, वे योजना का लाभ लेने के लिए 2 तरह से आवेदन कर सकते हैं। एक यह तरीका है कि वे खुद भी पोर्टल पर जाकर आवेदन कर सकते हैं और दूसरा यह कि एक जिम्मेदार और संवेदनशील सरकार होने के नाते हम इंतजार नहीं कर रहे हैं कि लोग ही आवेदन करें। जिन-जिन लोगों के घर में मौत हुई है, उन सभी लोगों के घरों में दिल्ली सरकार का एक प्रतिनिधि जाएगा और वह प्रतिनिधि उन लोगों से यह फॉर्म भरवा कर रजिस्ट्रेशन करवाएगा।
 
सीएम ने लोगों के घर जाने वाले सभी प्रतिनिधियों को निर्देश देते हुए कहा कि जब आप लोगों के घर जाएंगे, तो आपको उनकी छानबीन (स्क्रुटनी) नहीं करनी है। आपको उनके कागजों में नुक्स नहीं निकालना है। आप उनके कागजों में कमियां निकालने के लिए नहीं जा रही है कि आपके पास सभी कागज नहीं है। इसलिए आपका केस हो ही नहीं सकता है और आवेदन को रद्द (रिजेक्ट) किया जाता है, यह किसी को नहीं करना है। हम उनके घर उनका काम करने जा रहे हैं। इसलिए कुछ भी करके सभी प्रतिनिधियों को यह करना है कि अगर कोरोना मौत हो गई है, तो उनको यह मुआवजा मिलना चाहिए। अगर उनके घर में किसी कागज की कमी है, तो वह कागज बनवाने की जिम्मेदारी उनके घर जाने वाले प्रतिनिधि की है। वह कागज बनवाने की जिम्मेदारी मेरी है, वह कागज बनवाने की जिम्मेदारी दिल्ली सरकार की है। सभी प्रतिनिधि वह सब नोट करके लाएंगे।
 
सीएम ने कहा कि हम पूरी तरह से उस परिवार की मदद करेंगे, वह सारे कागज भी बनवाएंगे, उनका पंजीकरण भी करवाएंगे, फॉर्म भी भरवाएंगे और उनके घर में चेक भी पहुंचाएंगे। यह सारी जिम्मेदारी हमारी है। हमें उनके घर में जाकर उनका काम करवाना है। हमें यह देखना है कि कैसे हम उन तक यह राशि पहुंचा सकें। हमें यह नहीं देखना है कि उनके कागजों में कमी क्या है? सीएम ने स्पष्ट निर्देश दिए कि कोई भी प्रतिनिधि किसी के कागज में कमी बिल्कुल नहीं निकालेगा। वह पहले से ही बहुत दुखी परिवार है और आप अगर उनके दुख में जाकर उनकी कमियां निकालेंगे, तो वह जले पर नमक छिड़कने जैसा होगा। एक तो वे वैसे ही दुखी हैं और फिर उनको लगेगा कि यह दिल्ली सरकार ने स्कीम निकाली थी, हम तो इसमें भी पात्र नहीं है और उन्हें आप और भी दुखी करके आ जाएंगे। इसलिए ऐसा बिल्कुल भी नहीं करना है। आप उनके घर जाना और पहले उन्हें सांत्वना देना, उनको उनके साथ बैठकर उन्हें और उनके परिवार की स्थिति को समझने की कोशिश करना। उनसे एक रिश्ता बनाने की कोशिश करना और उनसे बोलना कि दिल्ली सरकार की तरफ से आए हैं। हमें मुख्यमंत्री ने व्यक्गित रूप से भेजा है, आपकी जो भी चिंताएं हैं, हम उन सबको दूर करने की कोशिश करेंगे और उनको ढांढस बधाने की कोशिश करनी है।

सीएम ने कहा कि जैसा कि मैंने कहा कि अगर किसी के घर में कोई मौत हो गई है, परिवार का कमाने वाला चला गया है, बच्चे की पढ़ाई की दिक्कत हो गई है, तो हमें यह कोशिश भी करनी है कि जल्दी से जल्दी उन तक यह राशि पहुंच सके, क्योंकि ज्यादा देर करेंगे, तो उनका ख्याल रखने वाला कोई नहीं है, उनका कोई नहीं है। अगर बच्चे अनाथ हो गए हैं, तो उनकी शिक्षा पर तुरंत एक तलवार लटक गई है, तो कौन उनकी शिक्षा की जिम्मेदारी लेगा? इसलिए हमें यह भी कोशिश करनी है कि इसको जल्दी से जल्दी उन तक यह राशि पहुंचाई जाए। मुझे बेहद खुशी है कि हम लोगों ने इतने कम समय के अंदर यह स्कीम लॉन्च कर दी है। अब हम सब मिलकर कोशिश करेंगे कि उन सब परिवारों को जल्द मदद मिले। मैं हमेशा कहता हूं कि दिल्ली के 2 करोड़ लोग हमारे परिवार की तरह हैं और परिवार में जिन-जिन लोगों को भी यह दिक्कत हुई है, उन सब लोगों को हम मदद करने की कोशिश करेंगे।
 
दिल्ली सरकार कोरोना से जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों के साथ खड़ी है :  इस दौरान दिल्ली के समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने कहा कि पिछले लगभग सवा साल में कोरोना की एक ऐसी महामारी आई, जिसने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया। केवल भारत या दिल्ली ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के अंदर लाखों लोगों की जान गई, बहुत सारे लोगों ने अपने परिजनों को खो दिया। उसी तरह दिल्ली में भी बहुत लोगों ने अपने परिजनों को खो दिया। दिल्ली सरकार ने बहुत अच्छी तरह से कोरोना को संभालने की कोशिश की है, लेकिन उसके बाद भी हम लोग बहुत सारे प्रियजनों को खो चुके हैं। हम उस दुख को कम तो नहीं कर सकते हैं, लेकिन दिल्ली के सरकार उन परिवारों के साथ खड़ी है, जो परिवार अपने मां-बाप को खो चुके हैं या उनमें से किसी एक को खो चुके हैं या बच्चों को खो चुके हैं।
 
दिल्ली सरकार उन परिवारों के दुखों को कम करने के लिए इस विकट परिस्थिति में उनके साथ खड़ी है। इसके लिए मुख्यमंत्री के नेतृत्व में ‘मुख्यमंत्री कोविड-19 परिवार आर्थिक सहायता’ योजना हम लोगों ने शुरू की है। उन्होंने कहा कि यह योजना इसलिए लाई गई है, ताकि ऐसे परिवारों को हम लोग कुछ ढांढस बंधा सकें, ऐसी विपरीत परिस्थितियों उनके काम आ सके और अब उन बच्चों को कम से कम इलाज और शिक्षा की चिंता करने की जरूरत नहीं है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में ऐसे बच्चों की पढ़ाई और इलाज का पूरा ख्याल दिल्ली की सरकार रखेगी। मैं उम्मीद करता हूं कि हम कम से कम इस योजना के माध्यम से ऐसे परिवारों को कुछ न कुछ मदद जरूरत कर पाएंगे।
 
योजना का लाभ लेने के लिए इस तरह करें आवेदन
 
- यदि आवेदक दिल्ली सरकार के ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल पर पंजीकृत नहीं है, तो आवेदक आधार कार्ड और मोबाइल नंबर का इस्तेमाल कर सिटीजन कार्नर (नागरिक कोने) में पोर्टल पर ‘नए उपयोगकर्ता’ के रूप में पंजीकृत होगा।
 
- इसके बाद, आवेदक पंजीकृत मोबाइल नंबर पर भेजे गए पंजीकरण आईडी और पासवर्ड का उपयोग करके ‘पंजीकृत उपयोगकर्ता लॉगिन’ से लॉगिन करेगा।
 
- आवेदक पात्रता मानदंड और दिशा-निर्देशों को ‘मुख्यमंत्री कोविड-19 परिवार आर्थिक सहायता योजना’ के तहत ‘आवेदन कैसे करें- पात्रता मानदंड और दिशानिर्देश’ खंड का अच्छी तरह अध्ययन करें।
 
- पात्र व्यक्ति उस योजना के घटक का चयन करेगा, जिसके लिए वह दिए गए लिंक पर क्लिक करके आवेदन करना चाहता है।
 
- घटक (ए) मृतक के परिवार को मासिक वित्तीय सहायता और/या घटक (बी) मृतक परिवार को ‘50 हजार रुपए की राशि का एकमुश्त अनुग्रह भुगतान।
 
- आवेदक उसमें उल्लिखित निर्देशों का पालन करें और आवेदन पत्र भरें।
 
- आवेदक सभी प्रकार से आवेदन पत्र को पूरा करेंगे और प्रदान की गई जानकारी सही हो।
 
- आवेदक को आवेदन पत्र में उल्लिखित सहायक दस्तावेजों की प्रति अपलोड करनी होगी।
 
- आवेदक सबमिट बटन पर क्लिक करके आवेदन जमा करेंगे।
 
- यदि कोई आवेदक पात्र है और योजना के किसी अन्य घटक के लिए आवेदन करना चाहता है, तो आवेदक उसी के अनुसार दूसरे घटक के लिंक पर क्लिक करेगा और उपरोक्त चरणों को दोहराएगा।
 
- एक बार आवेदन सफलतापूर्वक जमा हो जाने के बाद, एसडीएम के कार्यालय से एक सरकारी प्रतिनिधि आवेदक द्वारा दी गई जानकारी के सत्यापन के लिए आवेदन जमा करने की तारीख से एक सप्ताह के अंदर उसके घर जाएगा और आवेदक द्वारा दी गई जानकारी के सत्यापन के लिए और आवेदन प्रसंस्करण के लिए आवश्यक अतिरिक्त जानकारी और दस्तावेजों (यदि कोई हो) को एकत्र करने में मदद करेगा।
 
नोट- आवेदन भरने और दस्तावेजों को अपलोड करने के लिए सहायता, एसडीएम कार्यालय और सर्वेक्षणकर्ताओं की एक टीम (एसडीएम द्वारा नामित) द्वारा दी जाएगी, जो आवेदकों के घर जाएंगे।
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