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Written By Author पं. सुरेन्द्र बिल्लौरे

अरशद वारसी : गुरु देगा मध्यम फल

हैप्पी बर्थ डे... अरशद

अशरद वारसी
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अरशद वारसी का जन्म 19 अप्रैल 1968 को मुंबई में हुआ। उस समय पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र चल रहा था। उसके प्रभाव से वह सुखी एवं सम्मान की जगह पर है। जन्मपत्रिका में जन्म के समय सूर्य मेष राशि पर परिभ्रमण कर रहा था, जिसने आपको ख्याति दिलाई। साथ ही कुंडली में सूर्य की जो स्थिति है वह भी सुखी व सम्मान दिलाती है।

कुंडली में चंद्र जिस राशि पर बैठा है वह कलाकार वाले भाग्य बनाता है जोकि अरशद है। मंगल स्वराशि का होने के कारण भ्रमणशील बनाता है। बुध जिस स्थान पर है वह भी सम्मान दिलाने में मददगार है। प्रथम भाव में बुध स्थित रहने से अन्य ग्रहों का प्रभाव कम होता है। कुंडली में विराजित गुरु की स्थिति मध्यम फल देती है।

शुक्र गुरु की राशि मीन में विराजमान है जोकि संपन्न बनाता है। शुक्र जिस भाव में बैठा है वह श्रेष्ठ संगति करवाता है एवं सुखमय जीवन देता है। कुंडली में शनि जिस भाव व राशि में बैठा है वह भी सम्मान दिलाने में काफी हद तक मददगार साबित होता है।

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अरशद का जन्म शुक्र की महादशा में ‍हुआ जिसका भोग्यकाल 1 वर्ष 10 माह 3 दिन रहा। वर्तमान में गुरु की महादशा चल रही है। जो 16 वर्ष तक रहेगी। 22-2-2011 से 22-2-2027 तक गुरु की महादशा में गुरु की अंतर्दशा चल रही है जोकि 22-2-2011 से 10-4-2013 तक रहेगी। उसके बाद शनि की अंतर्दशा चल रही है एवं गुरु की अंतर्दशा में गुरु की प्रत्यंतर दशा चल रही है जोकि 5-6-2011 तक रहेगी।

अरशद को 3, 8 एवं 11 तारीख को किसी बड़े कार्य से लंबी यात्रा नहीं करनी चाहिए। शुक्रवार को सोच कर कार्य करें। जिस दिन मीन राशि पर चंद्रमा हो, उस दिन अच्छे (धार्मिक) कार्य नही करना चाहिए।

वर्तमान में अप्रैल का माह मध्यम रहेगा। मई व जून अच्छा बितेगा। जुलाई माह धार्मिक यात्रा कराएगा। अगस्त एवं सितंबर में विरोधियों का सामना करना पड़ सकता है। अक्टूबर ठीक रहेगा। नवंबर व दिसंबर बहुत अच्छा रहेगा।

गोमेद व मोती पहनना अरशद के लिए शुभ रहेगा।

इति शुभम्।