शुक्रवार, 4 जुलाई 2025
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Written By WD

गिरकर सम्हलना ही जिंदगी है

सफलता का सूत्र
SubratoND
शायद ही दुनिया में कोई ऐसा बच्चा हो जो चलना सीखने के पहले कई बार गिरा न हो। चलना सीखने में गिरने की अनिवार्यता शामिल है। यही अनिवार्यता का सूत्र सफलता के साथ भी लागू होता है। दुनिया में सफल वही होता है जो असफलता में गिरकर उठने का माद्दा दिखाता है।

जो गुजरे हुए कल के गीत नहीं गाता और आने वाले कल के हवाई किले नहीं बाँधता। बस आज और इसी पल को बेहतरीन बनाने के प्रयास में लगा रहता है। सफलता उसके कदम चूमती है। वह कामयाबी के शीर्ष पर काबिज रहता है। इसलिए वर्तमान को प्रेजेंट यानी उपहार कहते हैं। इस उपहार को हासिल कीजिए और सफलता के सफर में बढ़ निकलिए। कैसे? आइए इस सफर के शुरुआती 21 कदमों में हम आपके हमसफर बनते हैं।

* हर ऐतिहासिक कामयाबी की शुरुआत असफलता से होती है। इसलिए घबराएँ नहीं। मानसिक दबावों से बाहर निकलें और नजरिया बनाएँ कि आपको हर हाल में सफल होना है। सफलता से कम आपको कुछ भी मंजूर नहीं है। फिर देखिए आपको सफलता कैसे नहीं मिलती।

* प्रयोगों से घबराएँ नहीं, चाहे जितने प्रयोग असफल हो जाएँ। याद रखिए, अगले किसी भी प्रयोग में सफलता मौजूद होगी। जब घबराहट होने लगे तो थॉमस अल्वा एडीसन को याद कर लें जिसे सैकड़ों असफल आविष्कारों के बाद बिजली का बल्ब बनाने में सफलता मिली थी।

*जटिलता से न घबराएँ। जटिलता महज तब तक होती है जब तक कि हम किसी बात को समझ नहीं पाते। एक बार चीज समझ आते ही जटिलता छू-मंतर हो जाती है।

* अपने पर तथा अपने शुभचिंतकों पर भरोसे करें।

* अपनी जानकारी और तर्कशक्ति बढ़ाएँ लेकिन दिल की सच्ची बात भी सुनें।

* जब तक दक्ष न हों, कोई भी शार्टकट न चुनें।

* अपने मूल्य विकसित करें क्योंकि सफलता मूल्यों पर अडिग रहने से मिलती है।

* किसी भी काम को करने से पहले उससे संबंधित अपने सकारात्मक और नकारात्मक विचारों को कागज पर लिखकर अपना मूल्यांकन खुद भी करें।

* कोई भी काम अपने दीर्घकालिक लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए करें।

* किसी काम को नहीं करना है या कोई फैसला टालना है तो समझदारी से स्थिति स्पष्ट करें कि यह आज की स्थितियों में उपयोगी नहीं होगा।

* भावुक नहीं व्यावहारिक बनें।

* अपने लक्ष्य को अपने शुभचिंतकों के साथ डिस्कस करें।

* सफलता पाने के लिए प्राथमिकताएँ तय करने का गुण विकसित करें।

* सोच-समझकर फैसला लें फिर जब एक बार ले लिया तो खुद पर विश्वास करें कि आपने जो भी फैसला लिया है वह सकारात्मक है और उसमें अच्छे भविष्य के बीज हैं।

* कोई भी सफलता आपसे अधिक महत्वपूर्ण नहीं है। इसलिए कोई भी फैसला सेहत या दिनचर्या बिगाड़ने वाला हो तो उससे बचें।

* हर निर्णय में कोई नया लक्ष्य ढूँढें और हर गलती से कुछ नया सीखने की कोशिश करें।

* जिम्मेदारियों के बहाने छूट न लें।

* यदि आपकी तकनीक काम नहीं कर रही है तो उसे बदल दें। अक्सर पक्षी गलत रास्ते पर भटकते हुए भी हजारों किलोमीटर दूर परदेस में सही जगह पहुँच जाते हैं, क्योंकि वे रास्ते में गलतियाँ सुधार लेते हैं।

* हमेशा नए अवसर खोजते रहें। क्योंकि किसी भी चीज की पूरी गारंटी नहीं होती, इसलिए हमेशा अपनी बैकअप किट में नए अवसर जमा करके रखें।

* बीता हुआ समय लौटकर नहीं आएगा इसलिए हर पल का सदुपयोग करें।

* और अंत में, खूब पढ़ें और दूसरों को सुनें क्योंकि दूसरों के अनुभवों से सीखना भी सफलता के लिए जरूरी होता है।