बैंक खातों के न्यूनतम बैलेंस पर सरकार का बड़ा बयान
नई दिल्ली। सरकार ने कहा कि देश में 65 करोड़ बैंक खाते बेसिक बचत बैंकिंग खाता (बीएसबीए) हैं जिन पर न्यूनतम बैलेंस के नियम लागू नहीं होते हैं। वित्त मंत्री अरुण जेटली, राजस्व सचिव हसमुख अधिया की मौजूदगी में वित्तीय सेवाओं के सचिव राजीव कुमार ने मंगलवार को यहां बैंकों में सुधार के लिए छ: सूत्री एजेंडा पेश करते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर बैंकिंग सेवाओं को लेकर तरह की बातें होती रहती हैं, लेकिन 65 करोड़ बैंक खाते न्यूनतम बैलेंस की परिधि से बाहर हैं।
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को प्रभावी और उत्तरदायी बनाने की कवायद के तहत सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार और पहुंच को बढ़ाने के उपाय किए गए हैं तथा इसके लिए जन-धन दर्शन एप और फाइंडमाय बैंक पोर्टल लांच करने की तैयारी चल रही है।
उन्होंने कहा कि बैंक जाने की जरूरत को कम करने तथा घर पर ही सब काम और लेन-देन करने की सुविधा पर जोर दिया गया है। पूरे देश में हर पांच किलोमीटर के भीतर बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराने की पहल की गई है और इसके लिए मोबाइल एप के माध्यम से बैंक ढूंढने और संपर्क करने की व्यवस्था की जा रही है। मोबाइल एप से ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सुविधाएं और सेवाएं बढ़ेंगी।
इलेक्ट्रॉनिक लेन-देन में किसी भी प्रकार के अनधिकृति डेबिट के मामले में 10 दिन के भीतर धनराशि लौटानी होगी। कमजोर बैंकिंग सेवाओं वाले जिले में मोबाइल एटीएम संचालित होंगे। कुमार ने कहा कि बैंकों की सेवाओं और पहुंच के संबंध में आम लोगों विचार का आकलन किया जाएगा और यह काम एक स्वतंत्र एजेंसी करेगी और इस सर्वेक्षण को हर वर्ष सार्वजनिक किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सरकारी बैंकों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए कई उपाय किए गए हैं। बैंकिंग के फार्म को सरल बनाते हुए अधिकतम दो पृष्ठ के फार्म होंगे। उन्होंने कहा कि छोटे कारोबारियों विशेषकर जीएसटी पंजीकृत कारोबारियों को ऋण में प्राथमिकता देने तथा उनके लिए ब्याज दर भी अलग रखने के उपाय किए गए हैं। वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों के लिए घर पर सेवाएं देने की व्यवस्था करनी होगी तथा बैंक शाखाओं में साफ-सुधरे शौचालय एवं सुरक्षित पेयजल की व्यवस्था की जाएगी। (वार्ता)