अल्पसंख्यक मंत्रालय को उम्मीद
, नहीं होगी बजट में कटौती
नई दिल्ली। योजना आयोग ने उम्मीद जताई है कि देश में अल्पसंख्यकों के विकास की योजनाओं के विस्तार के प्रयासों के बीच इस बार के बजट में अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय को आवंटित की जाने वाली राशि में किसी तरह की कटौती नहीं होगी।बीते कुछ वर्षों में मंत्रालय आवंटित राशि को पूरी तरह से खर्च करने में नाकाम रहा है। इसे देखते हुए अटकलें लगाई जा रही हैं कि अल्पसंख्यक मंत्रालय के बजट में कटौती हो सकती हैं।इस बारे में योजना आयोग की सदस्य सैयदा हमीद ने कहा कि उम्मीद है कि मंत्रालय को आवंटन में किसी तरह की कटौती नहीं होगी। यह बात सही है कि मंत्रालय को पहले दी गई राशि पूरी तरह खर्च नहीं हुई, लेकिन इस वजह से कटौती नहीं होगी। ऐसी उम्मीद हम कर रहे हैं।आयोग में अल्पसंख्यक मामलों की जिम्मेदारी संभाल रहीं सैयदा ने कहा कि हमारे पास मंत्रालय की ओर से बजट में इजाफे की सिफारिश आई है। इजाफे को लेकर मैं कुछ नहीं कह सकती हूं। बजट आने के बाद स्पष्ट हो पाएगा। उम्मीद की जानी चाहिए अल्पसंख्यकों के विकास से जुड़ी योजनाओं पर सरकार की तवज्जो बरकरार रहेगी।पिछले साल के बजट में अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के लिए 3135 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की गई थी। वित्तीय वर्ष 2010-11 के दौरान मंत्रालय कुल आवंटित राशि 2866 करोड़ रुपए में से 559 करोड़ रुपए खर्च नहीं कर पाया।इसे लेकर संसद की सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मामलों की स्थाई समिति ने असंतोष जताया था और बजट का इस्तेमाल नहीं कर पाने वाले राज्यों के समक्ष सरकार से इस मामले को उठाने के लिए कहा था।अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि इस बार मंत्रालय बजट में इजाफे की उम्मीद कर रहा है, क्योंकि कई योजनाओं का विस्तार करने का काम चल रहा है। मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालने के बाद के. रहमान खान योजनाओं का दायरा बढ़ाने और प्रभावी कार्यान्वयन पर जोर दे रहे हैं।मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि छात्रवृत्ति, मौलाना आजाद शिक्षा प्रतिष्ठान और एनएमडीएफसी के लिए इस बार अधिक राशि की जरूरत होगी। ऐसे में हम उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार इस बार मंत्रालय के लिए बजट में इजाफा करेगी।वैसे कई सियासी जानकारों का मानना है कि अगले साल के आम चुनाव को देखते हुए केंद्र सरकार अल्पसंख्यकों से जुड़ी योजनाओं पर जोर देने का प्रयास करेगी। (भाषा)