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Last Updated : शुक्रवार, 6 दिसंबर 2019 (17:21 IST)

पति पत्नी और वो : फिल्म समीक्षा

पति पत्नी और वो : फिल्म समीक्षा - Pati Patni Aur Woh, Film Review, Pati Patni Aur Review in Hindi, Kartik Aryan, Bhumi Pednekar, Samay Tamrakar, Ananya Pandey, Entertainment
1978 में बीआर चोपड़ा ने संजीव कुमार, विद्या सिन्हा और रंजीता को लेकर 'पति पत्नी और वो' बनाई थी जो खासी पसंद की गई थी। उनके पोतों ने इसी नाम से रीमेक बनाया है।
 
पति-पत्नी के रिश्ते को लेकर खूब लिखा गया है और चुटकुले भी इसी रिश्ते को लेकर सबसे ज्यादा मिलते हैं। पति-पत्नी के बीच यदि 'वो' आ जाए तो स्थिति बहुत ही विकट हो जाती है। इसी को लेकर यह हल्की-फुल्की फिल्म बनाई गई है। 
 
पति पत्नी और वो में रिश्तों के बनते-बिगड़ते समीकरण को हल्के-फुल्के तरीके से पेश किया गया है। तीनों ही किरदार बड़े मासूम से लगते हैं। पति गलती भी करता है तो दर्शक ज्यादा चिंतित नहीं होते क्योंकि सभी जानते हैं कि उसका दिल बहुत अच्छा है और देर-सबेर सुबह का भूला घर लौट ही आएगा। 
 
निर्देशक मुदस्सर अजीज़ ने रीमेक में थोड़े परिवर्तन करते हुए कहानी को उत्तर प्रदेश में सेट किया है। आजकल हर तीसरी फिल्म में उत्तर प्रदेश नजर आने लगा है और कुछ किरदार स्टीरियो टाइप लगने लगे हैं। 
 
कानपुर में रहने वाले चिंटू त्यागी (कार्तिक आर्यन) की बढ़िया नौकरी है। खूबसूरत बीवी वेदिका त्यागी (भूमि पेडणेकर) है। कार है। मकान है। फिर भी वह ऊब गया है। उसके ऑफिस में किसी काम से तपस्या (अनन्या पांडे) आती है। 
 
तपस्या की ओर चिंटू आकर्षित हो जाता है। जब तपस्या को पता चलता है कि चिंटू शादीशुदा है तो चिंटू कहता है कि उसकी बीवी का किसी से अफेयर चल रहा है और वह बड़ा परेशान है। 
 
चिंटू की परेशानी सुन तपस्या भी चिंटू की ओर आकर्षित हो जाती है। इसके बाद स्थितियां उलझ जाती हैं और तमाम हास्यास्पद परिस्थितियां निर्मित होती हैं। 
 
फिल्म की स्क्रिप्ट में थोड़े अगर-मगर हैं जैसे चिंटू बहुत सुखी है। उसकी पत्नी भी अच्छी है। इसके बावजूद वह तपस्या की ओर क्यों आकर्षित होता है इसकी ठोस वजह नहीं बताई गई है। यह बात फिल्म देखते समय थोड़ा ध्यान भटकाती जरूर है, लेकिन फिल्म में मनोरंजन लगातार होता रहता है इसलिए इस तरह के प्रश्नों को इग्नोर कर देना ही ठीक है। 
 
इंटरवल के पहले फिल्म खूब मनोरंजन करती है। कहानी में कई मजेदार किरदार हैं जो खूब हंसाते हैं। चिंटू और उसके दोस्त फहीम रिज़वी (अपारशक्ति खुराना) के बीच बढ़िया सीन है। इसी तरह वैदिका के प्रति आकर्षित होने वाले राकेश यादव (शुभम कुमार) वाला ट्रैक भी बेहतरीन है। तपस्या और चिंटू के रिश्ते को भी निर्देशक ने अच्छे से पेश किया है। 
 
इंटरवल बेहतरीन मोड़ पर होता है जब चिंटू से मिलने उसकी पत्नी ऑफिस पहुंचती है और वहां तपस्या के साथ चिंटू होता है। क्लाइमैक्स के पहले फिल्म थोड़ा दिशा भटकती है, लेकिन इसके पहले कि दर्शकों की रूचि फिल्म में खत्म हो यह फिल्म फिर से सही ट्रैक पर लौट आती है। कॉमेडी के साथ-साथ फिल्म में तीन-चार जोरदार इमोशनल सीन भी हैं जो फिल्म की दर्शकों पर पकड़ को मजबूत करते हैं। 
 
हल्की-फुल्की फिल्म बनाने में मुदस्सर माहिर हैं और यहां भी उन्होंने अपना काम अच्‍छे से किया है। पुरानी फिल्म की कहानी को उन्होंने आज के दौर में अच्छे से ढाला है और कहानी की मूल बात से भी उन्होंने छेड़खानी नहीं की है। लेखक के रूप में वे फिल्म को और मजेदार बना सकते थे क्योंकि आइडिया जोरदार था, थोड़ी कसर बाकी रह गई। 
 
फिल्म संवाद बेहतरीन हैं और कई जगह ये दर्शकों को हंसाते हैं। 'कपोल कल्पना' जैसे शब्द भी सुनने को मिलते हैं जो मुस्कुराने पर मजबूर करते हैं। 
 
कार्तिक आर्यन अभिनय सीढ़ी दर सीढ़ी सीख रहे हैं और इस फिल्म में उनमें सुधार दिखाई दिया है। भूमि पेडणेकर बेहतरीन एक्ट्रेस हैं। उस सीन में उनका अभिनय देखने लायक है जब चिंटू के अफेयर की बात पता चलने के बाद वे चिंटू से बात करती हैं। इमोशनल सीन उन्होंने अच्‍छे से किए हैं। 
 
अनन्या पांडे 'वो' के रोल अच्छी लगीं हालांकि उन्हें अपनी एक्टिंग पर काफी काम करना होगा। अपारशक्ति खुराना अपनी कॉमिक टाइमिंग और एक्टिंग के बूते पर दर्शकों का दिल जीत लेते हैं। वे जब-जब स्क्रीन पर आते हैं दर्शकों को हंसने का मौका मिलता है। शुभम कुमार सहित सपोर्टिंग कास्ट ने फिल्म को मजूबत सपोर्ट दिया है। 
 
फिल्म में 'धीमे-धीमे' गाने को जगह मिली है और यह गाना बेहतरीन है। इसे शूट भी अच्छे से किया गया है। 
 
यदि आप हल्की-फुल्की फिल्म देखने के मूड में हैं तो 'पति पत्नी और वो' देखी जा सकती है। 
 
निर्माता : भूषण कुमार, कृष्ण कुमार, रेणु रवि चोपड़ा, जूनो चोपड़ा
निर्देशक : मुदस्सर अजीज़ 
संगीत : तनिष्क बागची, रोचक कोहली, संचेत-परम्परा, टोनी कक्कड़
कलाकार : कार्तिक आर्यन, भूमि पेडणेकर, अनन्या पांडे, अपार शक्ति खुराना, सनी सिंह, कृति सेनन
सेंसर सर्टिफिकेट : यूए * 2 घंटे 8 मिनट 
रेटिंग : 3/5