• Webdunia Deals
  1. मनोरंजन
  2. बॉलीवुड
  3. फिल्म समीक्षा
Written By अनहद

स्वाहा : शेख, बिरहमनों की हकीकत

स्वाहा
बैनर : ब्लूस्काय एंटरटेनमेंट
निर्देशक : मनोज शर्मा
संगीत : प्रवीण भारद्वाज
कलाकार : रिक्की, इशरत अली, जितेन मुखी, राजेश विवेक

इन दिनों कितने बाबाओं और गुरुओं की पोल खुल रही है। किसी के आश्रम में बच्चे मर रहे हैं और लाशों से तंत्र क्रियाएँ की जा रही हैं। कोई जमीन हड़प रहा है, किसी संत का बेटा रासलीला रचा रहा है। भोपाल के एक संत पर बलात्कार का आरोप है। एक दक्षिण भारतीय संत तमिल हीरोइन के साथ अंतरंग क्षण बिताते पकड़ाए हैं। एक महाराज ने तो अपना हरम ही खोल रखा था, जहाँ पैसे लेकर दूसरों को भी दाखिला दिया जाता था। ये संत अब पुलिस हिरासत में हैं।

यूपी के एक संत उस लड़की को लेकर भाग गए जिसे उसकी माँ मानसिक शांति के लिए लेकर आई थी। जहाँ बाल दीक्षा होती है, वहाँ बच्चों के साथ अप्राकृतिक बलात्कार किया जाता है। अल्लाह के पहुँचे हुए बंदे होने का दावा करने वाले फकीर गलत हरकत करते पकड़ाते हैं, पिटते हैं और जेल पहुँचते हैं। मालूम पड़ता है कि चर्च के फॉदर समलैंगिकता में लिप्त पाए गए।

शेख, बिरहमन, मुल्ला, पांडे/ सब हैं इक माटी के भांडे...। ये दुनिया का सबसे शानदार धंधा है। एकदम बिना पूँजी का...। जैसे आप संत हैं, वैसे आपको शिष्य मिल जाएँगे। अगर आप अँगरेजी बोलते हैं तो पढ़े-लिखे फँस जाएँगे। अगर नहीं बोलते तो दूसरी तरह के लोगों को गाँठ लेंगे। एकदम ही अनपढ़ हैं, तो भी दिक्कत नहीं है। इस मामले में आदमी को घाघ होना चाहिए। मूर्ख तो बेचारे फँसने के लिए बैठे ही हैं।

ऐसे ही पाखंडियों पर बनी है फिल्म "स्वाहा" जिसे महाराष्ट्र जिले की एक निचली अदालत ने बैन भी कर दिया है। एक प्रसिद्ध संत ने आरोप लगाया है कि फिल्म उनके जीवन पर बनी है और इसमें उनका गलत चित्रण किया गया है। ये संत कभी साइकल के पंचर पकाते थे। आजकल भक्तों के नसीब जोड़ रहे हैं। बीच-बीच में इन पर तरह-तरह के आरोप लगते हैं तो रोने लगते हैं।

अब साधु-फकीरों के खिलाफ तो कोई दीवाना ही फिल्म बना सकता था। सो ये काम किया है मनोज शर्मा ने। कहानी भी उनकी है और निर्देशन भी। कलाकार सब नए हैं। यशराज, बड़जात्या, करन जौहर, संजय लीला भंसाली और विधु विनोद चोपड़ा ऐसे विषय पर फिल्म नहीं बनाएँगे। लोगों के विश्वासों के खिलाफ जाना खतरनाक है। नकली संत लोगों की जरूरत हैं। कोई चाहिए जो दिलासा दे। कोई चाहिए जो सब ठीक कर देने का आश्वासन दे। कोई चाहिए जो ईश्वर के होने की गवाही देकर ये कहे कि मेरी बढ़िया जान-पहचान है, आपका हर काम करा दूँगा। दलालों की जरूरत हर जगह है। यही दलाल तरह-तरह से शोषण करते हैं। इनके शोषण के खिलाफ कोई तो आवाज उठनी चाहिए थी सो "स्वाहा" हाजिर है।