हंसी तो फंसी की कहानी एक दशक लंबे समय में फैली हुई है। यह कहानी है विद्रोही स्वभाव की मीता (परिणीति चोपड़ा) और शरारती निखिल (सिद्धार्थ मल्होत्रा) की। निखिल और मीता की पहली मुलाकात होती है मीता की बहन दीक्षा की शादी में। निखिल मीता की बहन करिश्मा को उसी दिन दिल दे बैठता है।
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कहानी सीधे आती है उस शाम पर जब निखिल और करिश्मा की सगाई हो रही है। करिश्मा के अमीर पिता देवेश सोलंकी इस रिश्ते से नाखुश हैं। उन्हें लगता है कि निखिल उनकी बेटी के योग्य नहीं है। सगाई के दिन करिश्मा से निखिल वादा करता है वह सात दिन में साबित करेगा कि वह इस योग्य है कि करिश्मा से शादी कर सके।
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करिश्मा एक बार फिर मीता की मुलाकात निखिल से करवाती है और निखिल को कहती है कि वह उसके होटल में रूकने का इंतजाम करे।
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करिश्मा को खुश करने के चक्कर में निखिल उसे अपने घर के ऊपर स्थित फ्लैट में रुकवाता है जहां उसका परिवार भी रहता है।
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निखिल के घर में रूकने के दौरान मीता और निखिल एक-दूसरे के करीब आ जाते हैं। इसके बाद क्या होता है इसके लिए देखिए 'हंसी तो फंसी।