भारत के सबसे साफ शहर इंदौर से ताल्लुक रखने वाली डॉ. कुशवाह ने एक बड़ी उपलब्धि अपने नाम की है। डॉ. निकिता ने न केवल अपने शहर बल्कि देश का नाम भी रोशन किया है। डॉ. निकिता कुशवाह ने हाल ही में आयोजित मिसेज यूनिवर्स प्रतियोगिता में पहले रनर-अप का खिताब जीतकर सभी को गर्व महसूस कराया है।
डॉ. निकिता कुशवाह, जो पेशे से एक डॉक्टर हैं, अपनी शिक्षा इंदौर से प्राप्त की। उनकी विशेषज्ञता न केवल स्वास्थ्य देखभाल में उनकी कमिटमेंट को दर्शाती है, बल्कि उन्होंने हमेशा समाज सेवा को अपने करियर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना है।
अपनी मेडिकल प्रैक्टिस के साथ-साथ, डॉ. कुशवाह ने महिला स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में कई सामाजिक अभियानों में भी भाग लिया है, जो उन्हें सच्ची प्रेरणा का स्रोत बनाता है। अब डॉ. निकिता ने कान फिल्म फेस्टिवल 2025 में डेब्यू करके एक और उपलब्धि जोड़ ली है।
इस वर्ष, डॉ. कुशवाह ने कान फिल्म महोत्सव में अपनी पहली बार उपस्थिति दर्ज की, जहां उन्होंने न केवल भारतीय फिल्म उद्योग को प्रतिनिधित्व दिया, बल्कि विभिन्न सामाजिक मुद्दों के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए अपनी आवाज भी उठाई।
कान फिल्म महोत्सव ने दुनिया भर के कलाकारों, फिल्म निर्माताओं और दर्शकों को एक मंच पर लाने का कार्य किया है, और डॉ. कुशवाह ने इस महोत्सव में भाग लेकर एक नई दिशा दिखाई है, विशेषकर जब बात महिलाओं के सशक्तिकरण की आती है।
रेड कारपेट पर पहना बेहद खास गाउन
डॉ. निकिता ने बेहद खूसबूरत गाउन पहन कर रेड कारपेट पर अपना जलवा बिखेरा। प्रसिद्ध वियतनामी डिजाइनर द्वारा डिजाइन किया गया 'फेयर गॉडेस ऑफ स्प्रिंग' गाउन, डॉ. निकिता कुशवाह के लिए एक अद्वितीय कलाकृति है। इसे तैयार करने में तीन महीने और 50 कलाकारों की मेहनत लगी।
इस गाउन में उपयोग किए गए सभी क्रिस्टल हाथ से बनाए गए हैं और इसकी हर सिलाई में कला और समर्पण की यात्रा छिपी है। जब निकिता ने इसे पहना, तो वह सचमुच वसंत ऋतु की देवी जैसी प्रतीत हुईं, उनकी आंतरिक सुंदरता को और भी निखारते हुए।
दुनिया भर में हजारों प्रतिभागियों के बीच अपनी प्रतिभा और संकल्प के जरिए स्थान हासिल करने के बाद, डॉ. कुशवाह की कहानी न केवल प्रेरित करती है, बल्कि यह सुनिश्चित करती है कि चाहे आप किसी भी क्षेत्र में हों, मेहनत और समर्पण से कुछ भी हासिल किया जा सकता है।
डॉ. निकिता की इस सफलता ने यह सिद्ध कर दिया है कि एक डॉक्टर होना केवल पेशेवर उपलब्धियों तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाने की क्षमता भी रखता है। डॉ. निकिता कुशवाह अब एक मिसाल बन चुकी हैं।