वैसे तो बिग बॉस के हर सीजन की शुरुआत बोर होती है। नए कंटेंस्टेंट्स रहते हैं जिनमें से ज्यादातर को तो हम पहचानते ही नहीं। घर में रहने वाले भी वैसे जाहिर नहीं होते हैं जैसे अंदर से रहते हैं। उनको खुलने में समय लगता है। आखिर कब तक कैमरे के सामने कोई और बन कर घूमते रहेंगे? दर्शक भी लगातार देखने के बाद उन्हें पसंद करते हैं और शो के खत्म होने तक उन्हें ऐसा स्टार बना देते हैं कि कई बॉलीवुड सितारों की चमक भी उनके आगे फीकी हो जाती है। रूबीना दिलाइक, सिद्धार्थ शुक्ला, गौहर खान इसके उदाहरण हैं।
सीजन 15 का खूब शोर तो हुआ, लेकिन हफ्ता भर बीत जाने के बाद भी यह शो दर्शकों में खास घुसपैठ बना नहीं पाया। अभी तो यह शो बोर कर रहा है और इस पर समय खर्च करना महंगा सौदा लग रहा है। सप्ताह भर का समय बहुत होता है। बात टीआरपी की नहीं है। हो सकता है कि टीआरपी खूब आ रही हो क्योंकि कई लोग भक्तिभाव से बिग बॉस का पूरा सीजन देखते हैं। मौका मिलता है तो लाइव फीड भी नहीं छोड़ते।
बात हो रही है मनोरंजन की, जो इस बार नहीं हो रहा है। मजा नहीं आ रहा है। वजह? शो बहुत ज्यादा बनावटी लग रहा है। ऐसा लग रहा है कि जितने भी खिलाड़ी दांव जीतने के लिए आए हैं, पूरी तरह से तैयार हो कर आए हैं। बिग बॉस के शो में जाकर क्या करना है, क्या बोलना है, इसे वे उस तरह घोटकर आए हैं जैसे परीक्षा देने के पहले स्टूडेंट तैयारी करते हैं।
ज्यादातर एक जैसे लग रहे हैं। मॉडल की तरह हैं, सजावटी हैं, लेकिन उनके व्यवहार की रंगत अब तक देखने को मिली नहीं है जिसके लिए यह शो जाना जाता है। इतना होमवर्क कर आए हैं कि अभी तक उन्होंने अपने नकलीपन की खोल उतार नहीं फेंकी है।
प्रतीक सहजपाल, शमिता शेट्टी और निशांत भट्ट तो बिग बॉस ओटीटी से सीधे उतर कर सीजन 15 में आ गए, इसलिए उनका अंदाज तो वही है।
अभी तक तो सारे प्रतियोगी एक जैसे लग रहे हैं। जय भानुशाली, उमर रियाज़, करण कुन्द्रा, प्रतीक जरूर कोशिश कर रहे हैं और आने वाले दिनों में उभर सकते हैं, लेकिन लड़कियों वाला वर्ग तो दम से खाली है। तेजस्वी प्रकाश चुलबुली हैं और थोड़ा जोर शमिता शेट्टी लग रही हैं।
ये चंद लोग भी अभी फुलफॉर्म में नहीं हैं। संभव है कि इन्हें एकाध सप्ताह और लगे तभी इस शो का मजा बढ़ेगा, वरना अभी तो सभी फूंक-फूंक कर खेल रहे हैं। यह शो जिस चीज के लिए जाना जाता है वो अभी नदारद है। संभव है कि बिग बॉस ही इनके साथ कुछ ऐसा खेल खेले जिसके बूते पर ये एक-दूसरे के खिलाफ हो तभी इस शो में रंगत आएगी।
बात अब सिलेक्शन की। क्या सही लोग चुने गए हैं? इसका जवाब है कि सभी एक जैसे हैं। करियर के हिसाब से भी और उम्र के हिसाब से भी। हर बार कुछ उम्रदराज चुने जाते थे। कुछ भोजपुरी इंडस्ट्री से तो कुछ धर्म या राजनीति के क्षेत्र से भी आते थे, लेकिन इस बार यह वैरायटी नजर नहीं आ रही है। रिया चक्रवर्ती सहित कुछ के नाम शो शुरू होने के पहले चले थे उनमें से आधे भी आ जाते तो शो में दम आ जाता। हो सकता है कि आने वाले समय में कुछ नई एंट्रीज हो, तब तक तो इनसे ही काम चलाना पड़ेगा।