मेरा और टाइगर का रिश्ता किसी मां बेटे जैसा : रितेश देशमुख
फिल्म 'बागी 3' में मेरा और टाइगर श्रॉफ का रिश्ता किसी मां बेटे जैसा है। दोनों में बहुत प्यार है। वैसे तो फिल्म में मैं बड़ा भाई और वो छोटा भाई है लेकिन उसे अपने छोटे भाई पर बहुत यकीन है कि कभी कोई मुसीबत आई तो टाइगर मुझे बचाने जरूर आएगा। फिल्म करने के पीछे मेरा मकसद भी ये ही था। मैंने अपने करियर में हर तरह के रोल किए लोकिन कभी कोई दो भाइयों वाली कहानी नहीं की। बस इसीलिए ये फिल्म भी कर ली।
रितेश देशमुख इन दिनों अपनी नई हेयरस्टाइल और सोशल मीडिया टिकटॉक के फनी वीडियो की वजह से चर्चाओं में बने हुए हैं। बागी 3 के प्रमोशन के दौरान वेबदुनिया से बात करते रितेश ने कहा कि फिल्म में मैं अपने आप को जुड़ा हुआ पाता हूं। मैं जब से पैदा हुआ हूं तब से मेरे इमोशन हैं वो भाई वाले। इसमें मैं अगर दबा सहमा भाई हूं तो टाइगर हमेशा दमदार बन कर मुझे बचाने आता है। मेरे दो भाई हैं तो वो हमेशा मेरे लिए हैं और मैं हमेशा उन दोनों के लिए खड़ा हूं। फिल्म का इमोशन समझने में समय ही नहीं लगा।
बागी फ्रेंचाइजी में काम करने के लिए कैसे माने?
मैं भी जानता हूं कि ये अहमद, श्रद्धा, साजिद नड़ियादवाला और टाइगर की ही असल में कहानी है। एक दिन साजिद का फोन आया और उन्होंने मुझे बताया कि कैसे उनके पास मेरे लिए एक किरदार है। फिर साजिद ने बताया कि बागी 3 में रोल के लिए तो मैंने कहा बागी में मैं क्या कर रहा हूं।
तब मैं 15 दिन के लिए अमेरिका जा रहा था तो मैंने कहा आ कर बात करते हैं। साजिद ने पूछा कितनी बजे की फ्लाइट है तो मैंने कहा अभी आठ बजे हैं और 1 बजे की फ्लाइट है। साजिद ने कहा अगर अभी अहमद आ कर स्क्रिप्ट सुनाए तो सुन लेगा। तो वो आए हम दोनों ने डिनर टेबल पर कहानी पर बात की मुझे तो उसी पल पसंद आ गई फिल्म।
आप कई फ्रेंचाइजी करते आ रहे हैं क्या ये संयोग है?
हां, मुझे भी साजिद ने ये ही पूछा था कि इसके पहली की फ़्रेंचाइज़ी तुम्हारी अपनी थी। बागी करना चाहोगे जो किसी और की फ्रेंचाइज़ी है। मैंने कहा हाउसफुल में अभिषेक या बॉबी ने भी किसी और की फ्रेंचाइजी की है तो मैं तो कर ही सकता हूं ना। वैसे भी मै उन एक्टर में से हूं जो कई सारे लोगों के साथ काम करने की ख्वाहिश रखते हैं।
मैंने अमिताभ बच्चन सर के साथ काम किया कभी मिथुन तो कभी ऋषि जी के साथ काम किया है। फिर जैकी श्रॉफ के साथ काम किया और अक्षय और सुनील शेट्टी के साथ काम किया। आज के समय में मैं सिद्धार्थ मल्होत्रा के साथ काम कर रहा हूं फिर श्रद्धा है या टायगर है। यानी कितने अलग जनरेशन वाले हैं से सब। सेट पर जाता हूं उन नई पीढ़ी को देखता रहता हूं कितना कुछ सीखने को है हर पल। मै बहुत खुशनसीब हूं।
कौनसे जॉनर की फिल्में करना आसान लगता है?
मैने कई तरह की फिल्में की हैं। लेकिन जरूरी ये नहीं कि जॉनर कौनसा है जरूरी ये है कि कितने अलग अलग तरह के हैं। मसलन मैंने जो कॉमेडी 'अपना सपना मनी मनी' में की है या 'हाउसफ़ुल' में की है इन सब में अंतर है मैं एक ही जॉनर की यानी कॉमेडी होने के बावजूद भी इसमें वैरायटी देना पड़ती है। वर्ना कहने वाले कहते हैं क्या हर बार एक ही जैसा काम कर रहे हो।