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ज़ीरो से फिर 'हीरो' बनने की उम्मीद लिए शाहरुख खान कहते हैं 'पिक्चर अभी बाकी है'

मुझे बेचारा मत कहिए

ज़ीरो से फिर 'हीरो' बनने की उम्मीद लिए शाहरुख खान कहते हैं 'पिक्चर अभी बाकी है' - Shah Rukh Khan, Zero Trailer, Anand L Rai, King Khan, Samay Tamrakar
दो नवंबर को शाहरुख खान 53 वर्ष के हो गए और इस उम्र में वे थोड़े दार्शनिक अंदाज में बातें करने लगे हैं। असफलता भी अक्सर लोगों को दार्शनिक बना देती है और किंग खान की पिछली कुछ फिल्में बुरी तरह से असफल रही हैं। अब तक वे 300 करोड़ रुपये का कलेक्शन करने वाली फिल्म नहीं दे पाए जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी सलमान और आमिर खान एक से अधिक बार यह कारनामा कर चुके हैं। इसको लेकर शाहरुख के फैंस भी मायूस हैं। शाहरुख को भी समझ नहीं आ रहा है कि वे क्या करें। कहीं वे गलत फिल्म तो नहीं चुन रहे हैं? कहीं वे गलत निर्देशकों पर तो यकीन नहीं कर रहे हैं? जैसी बातें भी उनके दिमाग में कौंधती है। 
 
मुंबई स्थित आईमैक्स (वडाला) में उन्होंने जीरो का ट्रेलर लांच किया। फिर केक काटा। बाहर खड़े अपने आम प्रशंसकों से मुखातिब हुए। इसके बाद थोड़ी फुर्सत हुई तो सिगरेट सुलगा कर वे कुछ पत्रकारों से बात करने के मूड में आए। रिलैक्स मूड में थे। 'ज़ीरो' का क्या होगा, क्या नहीं, जैसी बातों पर चिंता करना उन्होंने छोड़ दिया। वे कहते हैं 'अब ट्रेलर रिलीज हो गया है। पसंद आए या नहीं, अब मैं कुछ नहीं कर सकता।' शायद दबाव से मुक्त होने के लिए वे खुद को ही दिलासा भी दे रहे हों। 


 
शाहरुख मानते हैं कि उनके पिछले कुछ वर्ष अच्छे नहीं रहे। फिल्में अच्छा नहीं कर पाईं। 'फैन' की कहानी गलत थी इसलिए सफल नहीं हो पाई। वे कहते हैं 'अभी मेरा एक फैन कह रहा था कि शाहरुख की एक फिल्म 300 करोड़ कर ले तो उनकी जोरदार वापसी हो जाएगी। कहीं कोई बोल रहा था कि आदमी तो अच्छा है, पता नहीं फिल्में क्यों नहीं चल रही हैं।' 
 
लोगों की यह 'बेचारगी भरी सहानुभूति' शाहरुख को पसंद नहीं आ रही है। वे कहते हैं 'मेरे बारे में इस तरह 'खराब' न सोचे। मैं अपने बारे में पॉजिटिव सोच रखता हूं। यदि मैं भी अपने बारे में खराब सोचूंगा तो कैसे चलेगा। भले ही मेरी फिल्में नहीं चल रही हों, लेकिन मुझे इस तरह की सहानुभूति नहीं चाहिए। हर बात का अंत अच्छा ही होता है। यदि नहीं हो रहा है तो समझो कि पिक्चर अभी बाकी है। अच्‍छा सोचोगे तो अच्छा ही होगा। इसलिए मैं भी अच्छा ही सोचता हूं।' 


 
शाहरुख लोगों के, पत्रकारों के इस रवैये से भी खुश नहीं थे कि उनकी हर चीज की आलोचना की जाती है। यदि वे कुछ अलग करते हैं तो कहा जाता है कि इसमें शाहरुख वाली बात नहीं है। यदि शाहरुख वाले रोल करता हूं तो लोग कहते हैं कि कुछ अलग करना चाहिए। 'ज़ीरो' में मैंने एक बौने का रोल किया तो किसी ने लिख दिया कि मैं बौनों का अपमान कर रहा हूं। उन्हें जोकर की तरह पेश कर रहा हूं। जबकि ऐसा कुछ नहीं है। मैं तो खुश हूं कि भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में कमल हासन और मैंने ही बौने का रोल किया है। मैं ऐसी फिल्में करना चाहता हूं जो खूबसूरत हो, जिसमें कुछ नई बात हो और कमर्शियल फॉर्मेट में उसे बनाया जाए।  
 
ज़ीरो की बात करते हुए उनके चेहरे पर चमक आ जाती है। वे बहुत कुछ बताना चाहते हैं इस फिल्म के बारे में, लेकिन निर्देशक आनंद राय ने इस बारे में बात करने से मना किया है उनको। शाहरुख कहते हैं कि यह फिल्म पहले सलमान को ऑफर हुई थी, लेकिन उन्हें लगा कि मैं इस रोल के लिए फिट रहूंगा। इसलिए उन्होंने मुझे फोन कर कहा कि तू यह फिल्म कर ले। आनंद एल राय और लेखक हिमांशु राय मुझे कहानी सुनना आए। डेढ़ पेज की कहानी सुनी और मैंने इस फिल्म के लिए हां कह दी। 
 
फिल्म में आप बौने के रोल में हैं? क्या इसे निभाने में कोई परेशानी हुई? इस पर शाहरुख कहते हैं 'मेरा काम आसान था। अनुष्का और कैटरीना को जरूर दिक्कत आई। वैसे इस फिल्म में वीएफएक्स का काफी उपयोग हुआ है। इसलिए निर्देशक के साथ वीएफएक्स टीम भी मौजूद रहती थी। कई बार निर्देशक शॉट ओके कर देता था, लेकिन वीएफएक्स टीम बताती थी कि आपने तकनीकी रूप से गलत कर दिया है इसलिए फिर से करना पड़ता था। शाहरुख बताते हैं कि यह उनकी सबसे महंगी फिल्म है और इस बार यह दर्शकों को जरूर पसंद आएगी।
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