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Last Updated : सोमवार, 3 जनवरी 2022 (12:51 IST)

रणवीर सिंह की फिल्म 83 की असफलता के 4 बड़े कारण, क्यों बॉक्स ऑफिस पर रहा फिल्म का कमजोर प्रदर्शन

Ranveer Singh movie 83 a theatrical flop due to these reasons  | रणवीर सिंह की फिल्म 83 की असफलता के 4 बड़े कारण
रणवीर सिंह की हालिया रिलीज फिल्म '83' 1983 में विश्वकप क्रिकेट जीतने वाली टीम पर आधारित है। कपिल देव के नेतृत्व में भारतीय  टीम कमाल करते हुई विश्व चैम्पियन बनी थी। कबीर खान द्वारा निर्देशित इस फिल्म से बॉलीवुड को बेहद आशाएं थीं, इसलिए फिल्म को दो वर्ष तक इसलिए रोका गया ताकि थिएटर में रिलीज कर ज्यादा मुनाफा कमाया जाए। बॉक्स ऑफिस के अपने कायदे-कानून हैं और फिल्म '83' का प्रदर्शन उम्मीद से कम रहा। आखिर इस फिल्म को क्यों दर्शक नहीं मिले, आइए जानते हैं: 

1) बजट बना विलेन
फिल्म का बजट विलेन बन गया। दो सौ करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च हुए फिल्म को बनाने में। इतने बड़े बजट की रिकवरी आसान नहीं थी। फिल्म मेकर्स को अपने विषय पर इतना विश्वास था मानो बॉक्स ऑफिस पर यह धन बरसा देगी और इस चक्कर में जरूरत से ज्यादा खर्च किया गया। 


 
 

2) स्पोर्ट्स फिल्म ज्यादा नहीं करती बिज़नेस 
स्पोर्ट्स फिल्म बहुत से दर्शक देखना पसंद नहीं करते हैं। एक बड़े दर्शक वर्ग से आप वंचित हो जाते हैं। ऐसे में फिल्म का बजट कम रखना चाहिए। मेकर्स को महेंद्र सिंह धोनी पर बनी फिल्म से सबक सीखना था। 'एमएस धोनी- द अनटोल्ड स्टोरी' जब रिलीज हुई तब धोनी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल रहे थे। उन्हें बच्चे से लेकर बूढ़े तक पसंद करते थे। इसके बावजूद यह फिल्म लगभग 130 करोड़ रुपये का कलेक्शन करने में ही सफल रही। ऐसे में '83' से 300 करोड़ रुपये के कलेक्शन की उम्मीद करना बेकार था। मैरीकॉम, भाग मिल्खा भाग इसलिए सफल रहीं क्योंकि कम बजट में तैयार की गई थी। दंगल ने रिकॉर्ड तोड़ बिजनेस किया, लेकिन उसमें खेल के अलावा भी बहुत कुछ था। 
 

3) युवा और टीनएजर्स को '83' में नहीं थी रूचि 
जिन्होंने 1983 में क्रिकेट की टीम को विश्वकप जीतते देखा है, जो कपिल देव के कारनामों से परिचित हैं, सभी की उम्र अब 45 वर्ष से ऊपर है। 45 वर्ष से ऊपर का दर्शक वर्ग अब फिल्म देखने बहुत कम जाता है। 15 से 25 वर्ष की उम्र का दर्शक वर्ग सबसे ज्यादा टिकट खरीदता है। इस वर्ष के दर्शकों को 83 में खास रूचि नहीं थी। वे इस फिल्म को ओटीटी या टीवी पर देखना ही पसंद करेंगे। इसलिए भी फिल्म के टिकट कम बिके। महिलाओं ने भी फिल्म से दूरी बना कर रखी। 
 
 

4) कोविड की मार 
केवल कोविड को ही फिल्म '83' की असफलता का दोषी ठहराना कहीं से भी सही नहीं है। हां, कोविड के कारण फिल्म का कलेक्शन थोड़ा कम जरूर रहा। फिल्म रिलीज हुई तो ओमिक्रॉन के केस बढ़ने लगे। सिनेमाघरों को लेकर नियम कठोर हो गए। कई जगह नाइट कर्फ्यू लगने के कारण शाम और रात के शो रद्द हो गए। दिल्ली में सिनेमाघर बंद कर दिए गए। ऐसे में फिल्म को नुकसान उठाना पड़ा। 
दरअसल फिल्म का बजट बहुत बड़ा विलेन बन गया। करीब दो सौ करोड़ रुपये से ज्यादा इस फिल्म को बनाने में खर्च हुए जिसकी रिकवरी आसान नहीं थी।