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Written By WD Entertainment Desk
Last Updated : बुधवार, 11 अक्टूबर 2023 (15:32 IST)

कभी कोलकाता में सुपरवाइजर की नौकरी करते थे अमिताभ बच्चन, मिलती थी इतनी तनख्वाह

कभी कोलकाता में सुपरवाइजर की नौकरी करते थे अमिताभ बच्चन, मिलती थी इतनी तनख्वाह | happy birthday Amitabh Bachchan once worked as a supervisor in Kolkata
Amitabh Bachchan Birthday: बॉलीवुड में अपने दमदार अभिनय से दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने वाले महानायक अमिताभ बच्चन 81 वर्ष के हो गए हैं। 11 अक्टूबर 1942 को इलाहाबाद में जन्मे अमिताभ बच्चन ने अपने करियर की शुरुआत कोलकाता में बतौर सुपरवाइजर की जहां उन्हें 800 रुपए मासिक वेतन मिला करता था। साल 1968 में कोलकाता की नौकरी छोड़ने के बाद वह मुंबई आ गए।
 
बचपन से ही अमिताभ बच्चन का झुकाव अभिनय की ओर था और दिलीप कुमार से प्रभावित रहने के कारण वह उन्हीं की तरह अभिनेता बनना चाहते थे। साल 1969 में अमिताभ बच्चन को पहली बार ख्वाजा अहमद अब्बास की फिल्म 'सात हिंदुस्तानी' में काम करने का मौका मिला। लेकिन इस फिल्म के असफल होने के कारण वह दर्शकों के बीच कुछ खास पहचान नहीं बना पाए। 
 
साल 1971 में अमिताभ बच्चन को राजेश खन्ना के साथ फिल्म 'आनंद' में काम करने का मौका मिला। राजेश खन्ना जैसे सुपरस्टार के रहते हुए भी अमिताभ बच्चन दर्शकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने में सफल रहे। इस फिल्म के लिए उन्हें सहायक अभिनेता का फिल्म फेयर पुरस्कार दिया गया। निर्माता प्रकाश मेहरा की फिल्म 'जंजीर' अमिताभ बच्चन के सिने करियर की महत्वपूर्ण फिल्म साबित हुई। फिल्म की सफलता के बाद बतौर अभिनेता अमिताभ बच्चन फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने में कामयाब हो गए। 
 
दिलचस्प तथ्य यह है कि फिल्म 'जंजीर' में अमिताभ बच्चन को काम करने का मौका सौभाग्य से ही मिला। साल 1973 मे निर्माता-निर्देशक प्रकाश मेहरा अपनी 'जंजीर' फिल्म के लिए अभिनेता की तलाश कर रहे थे। पहले तो उन्होंने इस फिल्म के लिए देवानंद से गुजारिश की और बाद में अभिनेता राजकुमार से काम करने की पेशकश की लेकिन किसी कारणवश दोनों अभिनेताओं ने जंजीर में काम करने से इंकार कर दिया। अभिनेता प्राण ने प्रकाश मेहरा को अमिताभ बच्चन का नाम सुझाया और उनकी फिल्म 'बांबे टू गोवा' देखने की सलाह दी।
 
फिल्म को देखकर प्रकाश मेहरा काफी प्रभावित हुए और उन्होंने अमिताभ बच्चन को बतौर अभिनेता चुन लिया। जंजीर के निर्माण के दौरान एक दिलचस्प वाक्या हुआ भी हुआ। स्टूडियो में फिल्म की शूटिंग के दौरान राजकपूर भी अपनी फिल्म की शूटिंग में व्यस्त थे। उसी दौरान राजकपूर ने अमिताभ की आवाज सुनी लेकिन तब तक वह नहीं जानते थे कि यह किसकी आवाज है। उन्होंने कहा कि एक दिन इस दमदार आवाज का मालिक फिल्म इंडस्ट्री का बेताज बादशाह बनेगा। फिल्म जंजीर की सफलता के बाद अमिताभ बच्चन की गिनती अच्छे अभिनेता के रूप मे होने लगी और वह फिल्म उद्योग में 'एंग्री यंग मैन' कहे जाने लगे।
 
साल 1975 मे यश चोपड़ा के निर्देशन में बनी फिल्म 'दीवार' ने अमिताभ बच्चन की पिछली सभी फिल्मों के रिकार्ड तोड़ दिए और शोले की सफलता के बाद तो उनके सामने सारे कलाकार फीके पड़ने लगे और अमिताभ बच्च्चन फिल्म इंडस्ट्री में सुपरस्टार के सिंहासन पर जा बैठे। सुपरस्टार के रूप मे अमिताभ बच्चन किस उंचाई पर पहुंच चुके थे इसका सही अंदाजा लोगों को तब लगा जब 1982 में निर्माता-निर्देशक मनमोहन देसाई की फिल्म 'कुली' की शूटिंग के दौरान वह गंभीर रूप से घायल होने के बाद लगभग मौत के मुंह मे पहुंच गए। इसके बाद देश के हर मंदिर, मस्जिद और गुरूद्वारे मे हर जाति और धर्म के लोगों ने उनके ठीक होने की दुआएं मांगी, मानो अमिताभ बच्चन उनके ही अपने परिवार का कोई अंग हो। लोगों की दुआएं रंग लाई और अमिताभ जल्द ही ठीक को गए।
 
साल 1984 में अपने मित्र राजीव गांधी के आग्रह पर उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया और इलाहाबाद से सांसद का चुनाव लड़ा तथा सांसद के रूप मे चुन लिए गए। अमिताभ बच्चन को अधिक दिनों तक राजनीति रास नहीं आई और तीन वर्ष तक काम करने के बाद उन्होंने सांसद के पद से इस्तीफा दे दिया। इसकी मुख्य वजह यह थी कि उनका नाम उस समय बोफोर्स घोटाले में खींचा जा रहा था। सांसद के पद से इस्तीफा देने के बाद अमिताभ बच्चन पुनः फिल्म इंडस्ट्री में सक्रिय हो गए ओर उन्होंने फिल्मों में अभिनय करना जारी रखा लेकिन 1990 के दशक के आखिर में उनकी फिल्में असफल होने लगी जिसके बाद अमिताभ बच्चन ने 1997 तक अपने आप को अभिनय से अलग रखा।
 
साल 1997 में अमिताभ बच्चन ने फिल्म निर्माण के क्षेत्र मे कदम रखा और ए.बी.सी.एल. बैनर का निर्माण किया। इसके साथ ही अपने बैनर की निर्मित पहली फिल्म मृत्युदाता के जरिए अमिताभ बच्चन ने एक बार फिर से अभिनय करना शुरू किया। इसके बाद साल 2000 में ही टीवी प्रोग्राम 'कौन बनेगा करोड़पति' में भी अमिताभ को काम करने का मौका मिला। कौन बनेगा करोड़पति की कामयाबी के बाद अमिताभ बच्चन एक बार फिर से दर्शको के चहेते कलाकार बन गये।
 
अमिताभ बच्चन को बतौर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता चार बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के राष्ट्रीय पुरस्कार, पांच बार फिल्म फेयर पुरस्कार से नवाजा गया। अमिताभ बच्चन ने कई फिल्मो में गीत भी गाए है। उन्होंने सबसे पहले साल 1979 में रिलीज फिल्म 'मिस्टर नटवर लाल' में 'मेरे पास आओ मेरे दोस्तों' गीत गाया था।
 
अमिताभ बच्चन को बतौर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता चार बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के राष्ट्रीय पुरस्कार, पांच बार फिल्म फेयर पुरस्कार से नवाजा गया। अमिताभ बच्चन को दादा साहब फाल्के पुरस्कार, पद्मश्री, पद्मभूषण और पद्मविभूषण समेत कई सम्मान से नवाजा गया है। अमिताभ बच्चन की आने वाली फिल्मों में गणपत, थलाइवर 170 और कल्की 2898 एडी प्रमुख है। 
Edited By : Ankit Piplodiya
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