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Written By प्रज्ञा मिश्रा
Last Modified: बुधवार, 24 मई 2023 (14:08 IST)

Cannes Film Festival: धार्मिक कट्टरता पर आधारित है मार्को बेलुचिओ की 'किडनैप्ड'

Cannes Film Festival: धार्मिक कट्टरता पर आधारित है मार्को बेलुचिओ की 'किडनैप्ड' | Cannes Film Festival Marco Belluccios Kidnapped takes on religious extremism
Photo credit : Twitter
Cannes Film Festival: 83 साल के इटालियन डायरेक्टर मार्को बेलुचिओ ने लगभग साठ साल पहले कान फिल्म फेस्टिवल में पहली बार शिरकत की थी, उसके बाद से लगातार उनकी मौजूदगी कान शहर में रही है। इस साल उनकी फिल्म 'kidnapped' कॉम्पीटीशन सेक्शन में है। 
 
फिल्म की कहानी है 1850 के दौर में बोलोग्ना शहर की जहां एक यहूदी परिवार के बच्चे को चर्च के अधिकारी इस वजह से परिवार से छीन कर ले जाते है क्योंकि किसी ने उन्हें खबर दी कि इस बच्चे का बपतिस्मा किया जा चुका है। और इस हिसाब से अब उसे ईसाई धर्म के तौर तरीकों से रहना होगा।
 
फिल्म में हर वक्त धर्म की मौजूदगी है, वो ईसाई धर्म हो यहूदी। यह वो दौर था जब धर्म परिवर्तन प्यार से बहला फुसला कर या किसी लालच की वजह से ही किया जाता था। फिल्म देखते हुए लगातार धार्मिक कट्टरता कितनी डरावनी और किस कदर खतरनाक हो सकती है इसका नतीजा है यह फिल्म। 
 
फिल्म में बच्चे एडगार्डो का किरदार निभाने वाले एन्या साला ने कमाल का काम किया है। फिल्म इटली की पुरानी गलियों और वैटिकन में फिल्माई गई है। यह वैटिकन और ईसाई धर्म का वो दौर था जब पोप को गुस्साई भीड़ से घबरा कर पनाह लेनी पड़ी थी। इसी दौर में न सिर्फ लोगों ने चर्च जाना बढ़ा दिया और धर्म को फिर से अपनाया।
 
फिल्म के अंत में पता चलता है कि यह फिल्म विट्टोरिओ मैसूरी की किताब पर बनी है जिसमें लेखक के धार्मिक होने की वजह से इस तरह से बच्चे को घर से उठवा लेना जायज भी ठहराया जाता है। शानदार स्क्रिप्ट की वजह से यह फिल्म भी ढीली नहीं पड़ती है। किताब में लेखक ने चर्च की पैरवी की है लेकिन साथ ही स्क्रिप्ट में इसे आज के दौर का नजरिया शामिल है।
 
फिल्म चौंकाती है, चिंता देती है, अपने आसपास के बच्चों की याद ताज़ा हो जाती हैं। धर्म की सख्ती और उससे जुड़े नुकसानों को इटालियन फिल्मों से बेहतर और कोई नहीं कर सकता। यह फिल्म अपनी ओपनिंग और रेड कारपेट की शाम को ही आने वाले समय में क्लासिक्स में गिनी जायेगी। 
 
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