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Written By भाषा
Last Modified: इंदौर , शुक्रवार, 19 फ़रवरी 2010 (22:25 IST)

भाजपा ने लिया सत्ता में वापसी का संकल्प

तीन दिवसीय अधिवेशन संपन्न

भाजपा ने लिया सत्ता में वापसी का संकल्प -
लगातार दो लोकसभा चुनाव में हार का सामना करने के बाद अपने वोट प्रतिशत में अगले चुनाव से पहले दस फीसदी की वृद्धि करने, 2014 तक सत्ता में वापसी का लक्ष्य तय करने और पार्टी नेतृत्व में पीढ़ीगत परिवर्तन पर औपचारिक मुहर लगाने के साथ ही भाजपा का तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन आज यहाँ संपन्न हो गया।

नितिन गडकरी ने अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार राम मंदिर का उल्लेख करते हुए कहा कि पार्टी अयोध्या में भव्य मंदिर के निर्माण के प्रति कृत संकल्प है। लेकिन साथ ही उन्होंने इसे मुसलमानों के साथ बातचीत के जरिये बनाने की पेशकश करते हुए कहा कि अगर मुसलमान सहृदयता दिखा कर विवादास्पद स्थल पर अपना दावा छोड़ दें तो आसपास जमीन उपलब्ध होने पर भव्य मस्जिद बनाने में भाजपा सहयोग करेगी।

इस विषय पर अध्यक्ष बनने के बाद चुप्पी साधने वाले गडकरी ने कहा कि अगर वह आज भी इस पर नहीं बोलते तो मीडिया कहता कि भाजपा ने इस मुद्दे को छोड़ दिया है।

भाजपा ने इसके साथ ही लगातार हार से निराश अपने कार्यकर्ताओं में उत्साह फूँकने के लिए महँगाई और जम्मू-कश्मीर को स्वायत्तता देने के कथित प्रयासों के खिलाफ इसी माह से देशभर में बड़े पैमाने पर जनांदोलन छेड़ने की घोषणा की।

गडकरी और पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी दोनों ने चेतावनी दी कि अगर जम्मू कश्मीर को स्वायत्तता देने के नाम पर 1953 से पहले की 'एक देश, दो विधान, दो निशान, दो प्रधान' जैसी स्थिति लाने की कोशिश की गई तो देश भर में ऐसा राजनीतिक संघर्ष छेड़ा जाएगा जैसा पहले कभी नहीं हुआ।

सरकार पर मुसलमानों को राजनीति में भी आरक्षण देने का षड़यंत्र रचने का आरोप लगाते हुए अधिवेशन में रंगनाथ मिश्र आयोग की रिपोर्ट का भी जिक्र किया गया। अधिवेशन में पारित प्रस्ताव में कहा गया कि इस रिपोर्ट से अनुसूचित जाति और जनजातियों के मन में बहुत जबरदस्त भय है कि अगर यह सिफारिश लागू हो गयी तो उनका आरक्षण कम हो जाएगा।

अधिवेशन में पारित प्रस्ताव में कहा गया कि अन्य पिछड़ा वर्ग में मुसलमानों का आरक्षण 8. 4 फीसदी से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने की सिफारिश और दलित मुसलमानों तथा इसाइयों को आरक्षण देने की सिफारिश भी एक बहुत बड़ी सोची समझी राजनीतिक साजिश है।

प्रस्ताव में कहा गया कि अगर दलित ईसाइयों और मुसलमानों को आरक्षण मिल गया तथा अन्य पिछड़े वर्गो को मिले 27 प्रतिशत के आरक्षण में मुसलमानों का आरक्षण 8.4 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया तो इससे विधानसभाओं, संसद तथा अन्य निर्वाचित संस्थाओं में मुसलमानों को एक तरह से राजनीतिक आरक्षण मिल जाएगा।

राजनीतिक आरक्षण की साजिश का विरोध : मुस्लिमों और दलित ईसाइयों को आरक्षण देने तथा अन्य पिछड़ा वर्ग में मुसलमानों का प्रतिशत बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने की रंगनाथ मिश्रा आयोग की रिपोर्ट को भाजपा ने आज मुसलमानों को राजनीतिक आरक्षण देने की बड़ी साजिश बताते हुए कहा कि वह इसका हर कीमत पर विरोध करेगी और जरूरत पड़ने पर इसके लिए बलिदान भी देगी।

भाजपा के तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन के अंतिम दिन आज पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने यहां रंगनाथ मिश्रा आयोग रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि इस रिपोर्ट से अनुसूचित जाति और जनजातियों के मन में बहुत जबरदस्त भय है कि अगर यह सिफारिश लागू हो गयी तो उनका आरक्षण कम हो जाएगा।

पार्टी के एक अन्य वरिष्ठ नेता गोपीनाथ मुंडे ने चर्चा को आगे बढ़ाते हुए कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग में मुसलमानों का आरक्षण 8. 4 फीसदी से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का प्रस्ताव और दलित मुसलमानों तथा ईसाइयों को आरक्षण देने का प्रस्ताव एक बहुत बड़ी सोची समझी राजनीतिक साजिश है। ऐसा करके मुसलमानों को राजनीति में भी आरक्षण देने का षड़यंत्र रचा जा रहा है। (भाषा)