गुरुवार, 21 नवंबर 2024
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Written By Author जयदीप कर्णिक

अब शहर की भी सुध ले लें...

अब शहर की भी सुध ले लें... -
चलो अच्छा है... घर के ब्याह सरीखा अधिवेशन का यह आयोजन निर्विघ्न संपन्न हुआ। सभी ने राहत की साँस ली कि शहर की आन पर कोई आँच नहीं आई। बल्कि देश भर से आए भारतीय जनता पार्टी के नेता और कार्यकर्ता इंदौर की बेहतर छवि मन में लेकर गए हैं।

निश्चित ही इस पैमाने का कोई भी आयोजन इतने कम दिनों की तैयारी में करना कोई हँसी-खेल नहीं है। बाहर से आने वाले 50 लोगों की बैठक का प्रबंध करना हो तो महीने भर की तैयारी लग जाती है। ऐसे में इतने कम समय में 5 हजार से भी ज्यादा लोगों के इस जमावड़े को सफल बनाने में जुटे भाजपा के सभी कार्यकर्ता और साथ ही प्रशासनिक अधिकारी बधाई के पात्र हैं।

ऐसा नहीं है कि आयोजन में सब कुछ अच्छा ही हुआ। जो कुछ थोड़ी बहुत परेशानियाँ रहीं भी उन्हें सभी ने, जिसमें शहर के लोग और मीडिया भी शामिल है, बड़ा मन रखकर नजरअंदाज किया। अब इस 'बड़े मन' का मान शहर में भाजपा की नुमाइंदगी करने वाले तमाम कर्णधारों को और शहर की बेहतरी के लिए जिम्मेदार प्रतिनिधियों को रखना होगा।

आप ही ने ये साबित किया है कि कैसे महीनों से रुके हुए काम अचानक तेज गति से चल पड़ते हैं, कि कैसे रातों रात शहर की धूल और गंदगी साफ हो सकती है, डिवाइडर बन सकते हैं, रैलिंग और पुलिया चमचमा सकती है, और तो और निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकती है और दूरस्थ स्थानों पर भी पानी पहुँचाया जा सकता है।

... तो फिर दिक्कत कहाँ है? क्या हमें ऐसी मूलभूत और साधारण जरूरतों के लिए भी अधिवेशनों और सम्मेलनों या इनवेस्टर मीट का इंतजार करना होगा?

अच्छी बात है की भाजपा का इतना बड़ा अधिवेशन शहर में हुआ लेकिन बड़ा सवाल ये है कि इससे लंबे समय में शहर का क्या भला होगा? इस पूरे आयोजन की एक बड़ी कमी ये भी रही कि शहर के आम आदमी को इस पूरे उपक्रम से उत्साहपूर्वक नहीं जोड़ा जा सका। ... अपने प्रतिबद्ध वोटर को 'टेकन फॉर ग्रांटेड' मानने का नतीजा भाजपा बेहतर तरीके से जानती है...।