पुरुष अपने गुप्तांग को बनवा रहे हैं गोरा!
बैंकॉक । अभी तक आपने सुना होगा कि महिलाएं अपने गोपनीय अंगों की सुंदरता को लेकर बहुत सतर्क होने लगी हैं और वे अपनी वजाइना को गोरा बनाने के काम में लग गई हैं। लेकिन अपने गोपनीय अंगों को गोरा या सुंदर बनाने के इस खेल में अब पुरुषों ने भी हिस्सा लेना शुरू कर दिया है।
'द सन' में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार बैंकॉक के लीलक्स हॉस्पिटल में हर महीने करीब 100 पुरुष अपने गुप्तांग को गोरा करने के लिए ट्रीटमेंट करा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि हॉस्पिटल की ओर से इस सर्विस की जानकारी फेसबुक पर दी गई थी और वह पोस्ट वायरल हो गई। अब थाईलैंड की सरकार ने लोगों को इस ट्रीटमेंट के खतरों के बारे में चेतावनी जारी की है लेकिन अब पुरुषों में भी अपने लिंग को गोरा बनाने की शुरुआत कर दी है।
विदित हो कि लीलक्स हॉस्पिटल ने कुछ महीने पहले महिलाओं की वजाइना के लिए भी ऐसी सर्विस शुरू की थी। हॉस्पिटल के मार्केटिंग मैनेजर पोपोल तंसाकुल का कहना है कि वजाइना को गोरा करने की सर्विस शुरू करने के बाद ही पुरुष अपने गुप्तांग को गोरे करने को लेकर सवाल पूछने लगे थे। हॉस्पिटल ने लोगों के रुझान को देखते हुए पुरुषों के लिए भी इस सर्विस को लॉन्च कर दिया है।
अन्य एशियाई देशों की तरह थाईलैंड में लोग गोरे दिखने की कोशिश करते हैं और काले को कमतर मानने का चलन है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, लीलक्स हॉस्पिटल बॉडी व्हाइटनिंग के लिए ही जाना जाता है। दावा किया जाता है कि इसमें लेजर व्हाइटनिंग के जरिए पुरुषों के गुप्तांग को गोरा बनाया जाता है।
अस्पताल के स्किन एंड लेजर डिपार्टमेंट की एक मैनेजर ने कहा कि हॉस्पिटल इस ट्रीटमेंट को लेकर खासा सतर्क रहता है क्योंकि यह बॉडी का बहुत ही संवेदनशील हिस्सा है।
स्किन एंड लेजर डिपार्टमेंट की मैनेजर का कहना है कि ज्यादातर क्लाइंट 22 से 55 साल की उम्र के होते हैं और इसमें एलजीबीटी समुदाय के लोग भी शामिल होते हैं। उल्लेखनीय है कि अस्पताल ने पिछले वर्ष ही 3डी वजाइना नाम की सर्विस शुरू की थी। इसको लेकर काफी विवाद भी हुआ था।
अस्पताल की व्हाइटिंग सर्विस के लिए करीब 41 हजार रुपए की फीस ली जाती है। इस दौरान 5 सेशन होते हैं।
चूंकि यह मामला सोशल साइट पर वायरल हो गया है इसलिए इस ट्रीटमेंट को लेकर लोगों ने काफी प्रतिक्रिया दी है।
एक महिला के कमेन्ट को लोगों ने काफी रीट्वीट किया उसने लिखा कि उनके लिए साइज मैटर करता है रंग नहीं। थाई सरकार ने इस इलाज की बढ़ती प्रवृत्ति को देखते हुए लोगों को चेताया है और कहा है कि इस प्रकार के ट्रीटमेंट से उनके गुप्तांग पर दाग हो सकते हैं।