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Written By WD Feature Desk
Last Modified: मंगलवार, 1 अक्टूबर 2024 (17:27 IST)

Gandhi jaayanti 2024: 2 अक्टूबर को इस बार महात्मा गांधी की 155वीं जयंती मनाएंगे, जानिए 3 अनसुनी बातें

2nd October Gandhi Jayanti: महात्मा गांधी के प्रारंभिक दिनों की 3 रोचक जानकारी

Gandhi jaayanti 2024: 2 अक्टूबर को इस बार महात्मा गांधी की 155वीं जयंती मनाएंगे, जानिए 3 अनसुनी बातें - Interesting information about the birth of Mahatma Gandhi
Mahatma Gandhi: 2 अक्टूबर को महात्मा गांधीजी की जयंती मनाई जाती है। उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। उनका जन्म पोरबंदर में हुआ था। गांधीजी को यदि गोली नहीं मारी जाती तो अनुमानित रूप से वे कम से कम 5 से 10 साल के बीच और जीवित रहते अर्थात उनकी उम्र 85 से 90 वर्ष के बीच होती। हालांकि महात्मा गांधी 110 वर्ष तक जीना चाहते थे।ALSO READ: 02 अक्टूबर गांधी जयंती पर विशेष : वर्तमान संदर्भ, युवा एवं गांधी दर्शन
 
1. महात्मा गांधीजी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर में हुआ था। उनका निधन 30 जनवरी 1948 को नई दिल्ली में नाथूराम गोडसे द्वारा गोली मारने से हुआ था। उस वक्त उनकी उम्र 79 थी। तब वे पूर्ण रूप से स्वस्थ थे। न उन्हें डायबिटीज थी, ना ब्लड प्रेशर और ना ही अन्य किसी प्रकार का कोई रोग। उन्हें कोई गंभीर रोग नहीं था परंतु फिर भी कुछ रोग तो थे।ALSO READ: 02 अक्टूबर को गांधी जयंती, स्वच्छ भारत अभियान और विश्व अहिंसा दिवस
 
2. उनका जन्म एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। उनके पिता करमचंद गांधी, ब्रिटिश सरकार के समय पोरबंदर की रियासत के दीवान थे। उनकी मां पुतलीबाई, करमचंद की चौथी पत्नी थीं। गांधी जी को बचपन में श्रवण और हरिश्चंद्र की कहानियों से बहुत प्रेरणा मिली थी। गांधी जी बचपन में शर्मीले थे और किसी से बात करने से बचने के लिए स्कूल खत्म होते ही घर भाग जाते थे।
 
3. गांधी जी जब 9 साल के थे, तब वे राजकोट के एक स्थानीय स्कूल में गए और अंकगणित, इतिहास, भूगोल और भाषाओं की बुनियादी बातों का अध्ययन किया। 11 साल की उम्र में, वे राजकोट के एक हाई स्कूल में गए। अपनी शादी की वजह से, कम से कम एक साल तक, उनकी पढ़ाई बाधित रही और बाद में उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। उन्होंने 1888 में गुजरात के भावनगर में सामलदास कॉलेज में दाखिला लिया। बाद में, उनके एक पारिवारिक मित्र मावजी दवे जोशी ने लंदन में आगे की पढ़ाई यानी कानून की पढ़ाई की। गांधी जी सामलदास कॉलेज में अपनी पढ़ाई से संतुष्ट नहीं थे और इसलिए वे लंदन के प्रस्ताव से उत्साहित हो गए और अपनी माँ और पत्नी को यह समझाने में कामयाब रहे कि वे मांसाहार, शराब या महिलाओं को नहीं छूएँगे।ALSO READ: Gandhi Jayanti 2024 : गांधी जयंती पर पढ़िए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अनमोल विचार