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Last Updated : शुक्रवार, 6 नवंबर 2020 (16:29 IST)

बिहार चुनाव : दरभंगा में 7वीं बार जीत का सेहरा बांधने की आस में राजद नेता

RJD Leader | दरभंगा में 7वीं बार जीत का सेहरा बांधने की आस राजद नेता, 5 का दम दिखाने को बेताब संजय सरावगी
पटना। बिहार में 7 नवंबर को तीसरे एवं अंतिम चरण के विधानसभा चुनाव में दरभगा जिले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के कद्दावर नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी 7वीं बार जीत का सेहरा बांधने की आस में हैं, वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संजय सरावगी चुनावी पिच पर 5 का दम दिखाने पुरजोर कोशिश में हैं।
 
पान-मखान-दही-माछ की पहचान लिए और सांस्कृतिक रूप से भी समृद्ध दरभंगा जिले की 10 सीटों में से 5 सीट कुशेश्वरस्थान (सु), गौराबौराम, बेनीपुर, अलीनगर और दरभंगा ग्रामीण में दूसरे चरण में 3 नवंबर को मतदान हो चुका है जबकि 5 अन्य सीट दरभंगा शहर, हायाघाट, बहादुरपुर, केवटी और जाले सीट पर तीसरे चरण के तहत 7 नवंबर को मतदान होना है।
अलीनगर के निवर्तमान विधायक और राजद के दिग्गज नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी चुनावी पिच पर सिक्सर लगाने के बाद 7वीं बार जीत का ताज अपने सिर पर सजाने के लिए इस बार केवटी विधानसभा सीट से चुनावी समर में ताल ठोक रहे हैं, वहीं उन्हें चुनौती देने के लिए भाजपा ने डॉ. मुरारी मोहन झा को चुनावी रणभूमि में उतारा है।
 
वर्ष 2015 में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रत्याशी और पूर्व केन्द्रीय मंत्री अली अशरफ फातमी के पुत्र फराज फातमी ने भाजपा उम्मीदवार अशोक कुमार यादव (अभी मधुबनी सासंद) को 7830 मतों से परास्त किया था। राजद से मतभेद के बाद फराज फातमी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) में शामिल हो गए। फराज फातमी ने इस बार दरभंगा ग्रामीण से जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ा है।
 
केवटी विधानसभा क्षेत्र से पिछले विधानसभा चुनाव में राजद प्रत्याशी ने जीत हासिल की थी। इस बार समीकरण अलग है। पिछली बार राजद और जदयू के बीच गठबंधन था और इस बार भाजपा और जदयू गठबंधन हो गया है। ऐसे में इस बार राजद के सामने वापसी की बड़ी चुनौती है, वहीं भाजपा भी इस बार अपनी सीट को फिर से पाने की कोशिश करेगी। केवटी विघानसभा सीट से 15 प्रत्याशी चुनावी दंगल में ताल ठोक रहे हैं।
राजद के सिद्दीकी ने वर्ष 1995, 2000, फरवरी एवं अक्टूबर 2005 में बहेड़ा विधानसभा क्षेत्र का प्रतिधित्व किया जबकि वर्ष 2010 और 2015 में वह अलीनगर विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए। केवटी विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष गुलाम सरवर ने 1990, 1995 और वर्ष 2000 में जीत हासिल की है। इसके बाद पूर्व केन्द्रीय मंत्री हुक्मदेव नारायण यादव के पुत्र अशोक कुमार यादव भाजपा के टिकट पर फरवरी 2005, अक्टूबर 2005 और वर्ष 2010 में जीत हासिल की।
 
दरभंगा नगर सीट के चुनावी पिच पर जीत का चौका जमा चुके भाजपा के निवर्तमान विधायक संजय सरावगी इस बार 5 का दम दिखाने के लिए बेताब नजर आ रहे हैं। सरावगी के विजयपथ को रोकने के लिए राजद ने रणनीति के तहत जनता दल यूनाइटेड (जदयू) से बागी हायाघाट के निवर्तमान विधायक अमरनाथ गामी को उनके विरुद्ध खड़ा कर दिया है। इस विधानसभा क्षेत्र से 19 रिपीट 19 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं।
 
वर्ष 2015 में दरभंगा शहरी सीट पर भाजपा के सरावगी ने राजद प्रत्याशी ओम प्रकाश खेड़िया को 7,460 मतों से पराजित किया था। बहादुरपुर सीट पर गौराबौराम विधानसभा के निवर्तमान जदयू विधायक और खाद आपूर्ति मंत्री मंत्री मदन सहनी की प्रतिष्ठा जुड़ी हुई है। उनके सामने राजद ने रमेश कुमार चौधरी को उतारा है। लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के जिलाध्यक्ष देवेंद्र कुमार झा और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के मो. सलाउद्दीन मुकाबले को रोचक बनाने कोशिश में जुटे हैं।
 
वर्ष 2015 में बहादुरपुर विधानसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के बेहद करीबी माने जाने वाले राजद के भोला यादव ने भाजपा प्रत्याशी हरि सहनी को 16,989 मतों से पराजित किया था। राजद के निवर्तमान विधायक भोला यादव इस बार बहादुरपुर सीट की जगह हायाघाट विघानसभा क्षेत्र से किस्मत आजमा रहे हैं। बहादुरपुर विधानसभा क्षेत्र में 15 प्रत्याशी चुनावी समर में उतरे हैं।
 
हायाघाट विधानसभा क्षेत्र से राजद की टिकट पर बहादुरपुर विघानसभा सीट के निवर्तमान विधायक भोला यादव चुनावी रणभूमि में हुंकार भर रहे हैं, वहीं भाजपा ने नए सिपाही रामचंद्र प्रसाद को उनके विरुद्ध उतारा है। बसपा के रौशन नायक मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश में लगे हैं। हायाघाट विधानसभा क्षेत्र में 10 प्रत्याशियों भाग्य आजमा रहे हैं।
 
वर्ष 2015 में हायाघाट चुनाव में जदयू उम्मीदवार अमरनाथ गामी ने लोजपा के रमेश चौधरी को 33,231 मतों से हराया था। जाले विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के निवर्तमान विधायक जीवेश कुमार फिर से मैदान में हैं वहीं कांग्रेस ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवॢसटी छात्र संगठन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. मश्कूर अहमद उस्मानी को प्रत्याशी बनाया है। वर्ष 2015 में भाजपा के मिश्रा ने जदयू के ऋषि मिश्र को 4,620 मतों से पराजित किया था। जाले क्षेत्र से 12 प्रत्याशी चुनावी रणभूमि में किस्मत आजमा रहे हैं। जाले विधानसभा क्षेत्र से पूर्व रेल मंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता ललित नारायण मिश्र के पुत्र विजय कुमार मिश्र वर्ष 1990, 2000 और वर्ष 2010 में निर्वाचित हुए हैं। (वार्ता)
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