उत्तरप्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में संचालित जनकल्याणकारी योजनाएं 'अंत्योदय से सर्वोदय' की अवधारणा को जमीन पर साकार करती दिख रही हैं। युवाओं के भविष्य निर्माण से लेकर निराश्रित महिलाओं, बुज़ुर्गों, दिव्यांगों, अल्पसंख्यकों और गरीब परिवारों तक सरकारी सहायता सीधे पहुंच रही है। करोड़ों लाभार्थियों को पेंशन, छात्रवृत्ति, निःशुल्क राशन, गैस कनेक्शन, सामूहिक विवाह अनुदान और शैक्षिक सहयोग प्रदान कर सरकार ने सामाजिक सुरक्षा का मजबूत ढांचा खड़ा किया है। योगी आदित्यनाथ की सरकार की नीतियों का परिणाम है कि उत्तर प्रदेश आज देश में सबसे अधिक लाभार्थियों तक सीधे लाभ पहुंचाने वाला राज्य बन चुका है।
युवाओं, छात्रों और बेटियों के लिए मजबूत आधार
प्रदेश के सभी जनपदों में मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना लागू कर सरकार ने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवाओं को नई दिशा दी है। सभी योजनाओं में अल्पसंख्यकों को सर्वाधिक लाभान्वित करने पर फोकस किया जा रहा है। विगत तीन वर्षों में 743 से अधिक युवा विभिन्न प्रतिष्ठित प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त कर चुके हैं। वहीं कोविड काल में अनाथ हुए बच्चों और किशोरों के लिए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना ने उनके जीवन को नया सहारा दिया। शिक्षा के क्षेत्र में अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग और सामान्य वर्ग के छात्रों को पूर्वदशम और दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजनाओं के अंतर्गत हजारों करोड़ रुपये की सहायता दी गई है। अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग और सामान्य वर्ग के छात्रों को सीधे छात्रवृत्ति का लाभ मिला है। यह आंकड़े साबित करते हैं कि योगी सरकार शिक्षा को सामाजिक न्याय का सबसे मजबूत माध्यम बना रही है। बेटियों और गरीब परिवारों के लिए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत अब तक 4.77 लाख से अधिक जोड़ों का विवाह कराया जा चुका है। इस योजना में प्रति जोड़ा सहायता राशि 51 हजार रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दी गई, जिससे गरीब परिवारों पर आर्थिक बोझ कम हुआ।
राशन, पेंशन और गैस से हर घर तक राहत
प्रदेश के लगभग करोड़ों पात्र नागरिकों को प्रतिमाह 5 किलोग्राम निःशुल्क खाद्यान्न और अंत्योदय परिवारों को 35 किलोग्राम राशन उपलब्ध कराया जा रहा है। अंत्योदय कार्डधारकों को त्रैमासिक आधार पर 3 किलोग्राम चीनी भी रियायती दर पर दी जा रही है। कोविड काल में सरकार ने चना, खाद्य तेल और नमक भी निःशुल्क वितरित कर संवेदनशील प्रशासन की मिसाल कायम की। निराश्रित महिला, वृद्धावस्था और दिव्यांगजन पेंशन, उज्जवला योजना के लाभार्थियों में अल्पसंख्यकों व वंचित वर्ग के लोगों की संख्या सर्वाधिक है जो ये साबित करता है सरकार बिना किसी भेदभाव के समाज के सभी वर्गों तक लाभ पहुंचा रही है। यह व्यापक सामाजिक कल्याण मॉडल अल्पसंख्यकों, वंचितों और कमजोर वर्गों के जीवन में स्थायी बदलाव का आधार बन रहा है और उत्तर प्रदेश को देश में “सबसे बड़ा लाभार्थी राज्य” के रूप में स्थापित कर रहा है।
गोरखपुर में सैनिक स्कूल में ऑडिटोरियम का उद्घाटन करेंगे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार 9 दिसंबर को गोरखपुर के सैनिक स्कूल में देश के पहले सीडीएस (चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ) स्वर्गीय बिपिन रावत की स्मृति में बने ऑडिटोरियम का उद्घाटन और उनकी प्रतिमा का अनावरण करेंगे। इसका निर्माण सैनिक स्कूल प्रोजेक्ट में राज्य सरकार द्वारा कराया गया है। पूर्व सीडीएस जनरल बिपिन रावत की चौथी पुण्यतिथि के अवसर पर जीबीआर फाउंडेशन ऑफ इंडिया की तरफ से होने वाले आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री इस महान सैन्य अधिकारी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ जनरल रावत के जीवन पर आधारित प्रदर्शनी का भी अवलोकन करेंगे। मंगलवार को ही दोपहर बाद मुख्यमंत्री, पिपरौली ब्लॉक के नरकटहा में पावरग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के सीएसआर फंड से बने राजकीय आईटीआई का भी लोकार्पण करेंगे।
सैनिक स्कूल में देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत को श्रद्धाजंलि अर्पण और उनकी याद में बनाए गए ऑडिटोरियम के उद्घाटन का कार्यक्रम मंगलवार सुबह 10 बजे से होगा। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में असम राइफल्स के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल विकास लाखेड़ा, जीबीआर मेमोरियल फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष एवं सेवानिवृत्त एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया, जीबीआर मेमोरियल फाउंडेशन के सचिव मंजीत नेगी और जनरल बिपिन रावत की सुपुत्री कृतिका और तारिणी रावत की भी उपस्थिति रहेगी। गोरखपुर के सैनिक स्कूल में निर्मित जनरल बिपिन रावत ऑडिटोरियम की क्षमता 1000 से अधिक लोगों के बैठने की है।
गोरखपुर में एमपी शिक्षा परिषद के संस्थापक सप्ताह समारोह का मुख्य महोत्सव बुधवार को
गोरखपुर। महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के 93वें संस्थापक सप्ताह समारोह का मुख्य महोत्सव (समापन कार्यक्रम) बुधवार (10 दिसंबर) को महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर (एमजीयूजी) आरोग्यधाम, बालापार रोड के परिसर में भव्यतापूर्वक होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता गोरक्षपीठाधीश्वर एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे। मुख्य अतिथि के रूप में उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह शामिल होंगे। समारोह में उत्कृष्टता के आधार पर एमपी शिक्षा परिषद की संस्थाओं, शिक्षकों, कर्मचारियों, विद्यार्थियों और संस्थापक सप्ताह समारोह के तहत आयोजित विविध प्रतियोगिताओं के विजेताओं को ट्रॉफी, पदक व नकद पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। इस अवसर पर एमपी शिक्षा परिषद के स्मृतिशेष अध्यक्ष प्रो. यूपी सिंह के व्यक्तित्व और कृतित्व पर आधारित पुस्तक का विमोचन भी होगा। मुख्य महोत्सव एवं पुरस्कार वितरण समारोह बुधवार प्रातः 9.30 बजे से प्रारम्भ होगा।
1932 में पूर्व पूर्वी उत्तर प्रदेश में शैक्षिक पुनर्जागरण के ध्येय से ब्रह्मलीन गोरक्षपीठाधीश्वर महंत दिग्विजयनाथ द्वारा स्थापित महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के 93वें संस्थापक सप्ताह का शुभारंभ 4 दिसंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम के साथ हुआ था। शुभारंभ कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में राज्य आपदा प्रबंध प्राधिकरण के उपाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी उपस्थित थे। 10 दिसंबर को इसका समापन सप्ताह भर चली विभिन्न प्रतियोगिताओं के मेधावियों को पुरस्कृत करने के साथ होगा। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली प्रतिभाएं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह के हाथों पुरस्कृत होंगी। इस दौरान परिषद की सर्वश्रेष्ठ संस्था, सर्वश्रेष्ठ शिक्षक, सर्वश्रेष्ठ कर्मचारी, इंटरमीडिएट, स्नातक व परास्नातक के सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थी को स्वर्ण पदक भी प्रदान किया जाएगा।
पूर्व कुलपति प्रो. यूपी सिंह पर केंद्रित पुस्तक का होगा विमोचन
संस्थापक समारोह के मुख्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह के हाथों महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के पूर्व अध्यक्ष, पूर्वांचल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति स्वर्गीय प्रो. यूपी सिंह पर केंद्रित पुस्तक का विमोचन किया जाएगा। इस पुस्तक जीवन के साधना पथ का गृहस्थ सन्यासी प्रो. उदय प्रताप सिंह एवं जीवन मूल्य का प्रकाशन प्लाक्षा प्रकाशन ने किया है।