गुरुवार, 26 दिसंबर 2024
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Written By अनिल जैन

नीतीश के सख्त तेवरों से भाजपा घबराई, पासवान को छोड़ना पड़ सकता है मंत्री पद

नीतीश के सख्त तेवरों से भाजपा घबराई, पासवान को छोड़ना पड़ सकता है मंत्री पद - nitish Kumar, BJP and Paswan
पटना। बिहार में एनडीए (NDA) से अलग होकर चुनाव मैदान में उतरी लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) को अब केंद्र में भी एनडीए से बाहर होना पडेगा। यानी पार्टी के शीर्ष नेता रामविलास पासवान को मंत्री पद से इस्तीफा देना होगा। भाजपा की ओर से चिराग पासवान को बता दिया गया है कि बिहार में एनडीए के नेता नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ही हैं और चुनाव के बाद भी वे ही रहेंगे। जिन्हें उनका नेतृत्व स्वीकार नहीं है, वे पूरी तरह एनडीए से बाहर हो जाएं।
 
भाजपा (BJP) को यह चेतावनी मंगलवार को उस समय देना पड़ी जब उसके और लोक जनशक्ति पार्टी के अंदरूनी गठजोड़ की चर्चाओं के बीच जनता दल (यू) नेता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सख्त तेवर दिखाए और भाजपा से कहा कि उसे लोजपा को लेकर स्थिति साफ करनी पड़ेगी, यानी दो नावों में सवारी स्वीकार नहीं होगी। नीतीश के इन तेवरों से घबराए भाजपा नेताओं को फौरन बचाव की मुद्दा में आने को मजबूर होना पड़ा।
 
गौरतलब है कि लोजपा नेता और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान इस समय गंभीर रूप से बीमार होने की वजह से अस्पताल में भर्ती हैं। दो दिन पहले जनता दल (यू) के नेताओं ने अपनी बैठक में तय किया था कि वे पासवान को केंद्रीय मंत्रिमंडल से हटाने के लिए फिलहाल दबाव नहीं बनाएंगे, क्योंकि उनकी बीमारी की हालत देखते हुए ऐसा करना अमानवीय होगा और चुनाव के चलते लोगों में इसका गलत संदेश जा सकता है।
 
लेकिन, पिछले दो दिनों के दौरान भाजपा के कई नेताओं के लोजपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरने की खबरों और लोजपा के पोस्टर और होर्डिंग्स पर लिखे नारे 'मोदी तुझसे बैर नहीं, नीतीश तेरी खैर नहीं’ के चलते जद (यू) ने अपना रुख बदल लिया।
 
नीतीश कुमार ने अपने सहयोगियों से यहां तक कह दिया कि अगर भाजपा इस बारे में अपना रुख साफ नहीं करती है तो हमें अकेले चुनाव में जाने के लिए तैयार रहना चाहिए। पार्टी ने अपने इस इरादे से भाजपा नेताओं को भी अवगत करा दिया।
 
नीतीश कुमार के इस तरह के सख्त तेवरों के चलते भाजपा पूरी तरह बचाव की मुद्रा में दिखी। उसने पहले तो चिराग पासवान को चेतावनी देने के अंदाज में कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर और नाम का इस्तेमाल अपनी पार्टी के प्रचार अभियान में न करें।

जब इतने से भी बात नहीं बनी तो भाजपा के बिहार चुनाव प्रभारी देवेंद्र फडणवीस, प्रभारी महासचिव भूपेंद्र यादव और प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल मुख्यमंत्री आवास पहुंचे, जहां भाजपा नेताओं ने एक घंटे तक नीतीश कुमार के साथ बैठक कर उन्हें सफाई दी।
 
बैठक से बाहर निकलने के बाद संजय जायसवाल ने महज एक मिनट तक मीडिया से बात की, जिसमें उन्होंने 5 बार यह दोहराया कि बिहार में एनडीए के नेता नीतीश कुमार हैं। उन्होंने साफ किया कि चुनाव में सीटें भाजपा को ज्यादा मिलें या जद (यू) को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही होंगे।
 
शाम को दोनों पार्टियों के नेताओं की साझा प्रेस कांफ्रेन्स में नीतीश कुमार इस मसले कुछ नहीं बोले। उन्होंने संक्षिप्त में अपनी सरकार के कामों की चर्चा की और कहा कि जनता मालिक है, वह उचित फैसला करेगी।
 
लगभग 35 मिनट चली प्रेस कांफ्रेन्स में भाजपा की ओर से प्रभारी महासचिव भूपेंद्र यादव, प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी बोले। तीनों नेताओं अपने संबोधन करीब 16 मर्तबा दोहराया कि बिहार में नीतीश कुमार ही हमारे गठबंधन के सर्वमान्य नेता हैं और चुनाव के बाद भी वे ही रहेंगे, भले भाजपा की सीटें ज्यादा आए। इसके बावजूद भाजपा और जद यू के नेताओं में खिंचाव साफ दिखा।
 
प्रेस कांफ्रेन्स की समाप्ति पर फोटोग्राफरों के अनुरोध के बावजूद नेताओं ने एक दूसरे का हाथ थाम कर एकजुटता का संदेश देने वाला पारंपरिक फोटोसेशन नहीं करवाया।
 
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