दोनों ने ही आज त्वचा दमकाने के ढेर सारे उपाय प्रस्तुत कर दिए हैं। जड़ी-बूटियों से लेकर सोने तक का प्रयोग चमड़ी चमकाने के लिए किया जा रहा है। खालिस चीजों के प्रयोग का क्रेज इतना बढ़ चुका है कि लोग अब इसके लिए मुँह माँगे दाम देने को तैयार रहते हैं।
बड़े-बड़े, नामी ब्यूटी ट्रीटमेंट सेंटर्स, स्पा तथा पार्लर्स में महँगी दरों पर गोल्ड, डायमंड और पर्ल फेशियल लेने वालों की लाइन लगी हुई है। कई जगह तो इसकी कीमत इतनी ज्यादा है कि शायद आप कुछ देर के लिए यह समझ बैठें कि आप असली सोने और हीरे के दाम पढ़ रहे हैं। इन ट्रीटमेंट्स का उद्देश्य होता है उक्त महँगी प्राकृतिक धातुओं तथा रत्नों के असली गुणों का प्रयोग कर त्वचा की स्निग्धता को बरकरार रखना और मृत त्वचा से मुक्ति दिलाकर त्वचा को कांति देना।इस काम में अलग-अलग तरह से उक्त सभी महँगे तत्वों के मूल गुण प्रतिक्रिया करते हैं। जैसे सोने में मूलतः एंटी-इनफ्लेमेटरी (सूजन कम करने वाला) गुण होता है। साथ ही यह बिना कोई नुकसान पहुँचाए पोषक तत्वों को अच्छी तरह अवशोषित कर उनके फायदों को त्वचा में पहुँचाता है। यह फेशियल के लिहाज से आदर्श काम है। यह आपके नर्वस सिस्टम को भी उद्दीपित करता है और प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाता है तथा स्किन की इलास्टिसिटी को प्रोटेक्ट करता है, वहीं हीरा दूसरे इनग्रेडिएंट्स को त्वचा में गहराई से पहुँचाने वाला माध्यम बनता है। इसे दूसरे कई तत्वों के साथ मिलाकर एंटी-एजिंग इफेक्ट के लिए कई दशकों से प्रयोग में लाया जा रहा है।मोती में भी एंटी-एजिंग एवं रीमिनरालाइजिंग (त्वचा में कम हो रहे खनिज पदार्थों की आपूर्ति) जैसे गुण होते हैं। साथ ही यह कैल्शियम एवं कॉनकियोलीन (शंख) की परतों से मिलकर बनता है। गौरतलब है कि कैल्शियम जहाँ मेटाबॉलिज्म की दर को बढ़ाता है, वहीं कॉनकियोलीन एमीनो एसिड्स का अच्छा स्रोत होता है, जिससे त्वचा का मॉइश्चर संतुलित रहता है और ये दोनों मिलकर त्वचा को एकदम जवान बना देते हैं। इतने अच्छे गुणों के कारण ही इन सारी महँगी चीजों से होने वाले फेशियल्स तथा कॉस्मेटिक्स हाथों हाथ लिया जा रहा है। कुल मिलाकर सौदा जरा महँगा, लेकिन फायदे से भरा है।