* चेहरे व शरीर की त्वचा तरोताजा होगी। यदि नहाते समय शॉवर या बाथ टब का उपयोग करती हैं तो बहुत अच्छा है।
* टब या शॉवर में कम से कम दस मिनट तक रहिए ताकि आपकी त्वचा पानी को एब्जॉर्ब कर सके व रीहाइड्रेट हो जाए।
* नहाकर निकलने के बाद हार्ड टॉवेल से अपना शरीर न पोंछें। हमेशा कॉटन की टर्किश टॉवेल का ही उपयोग करें।
* बदन से पानी को रगड़कर न पोंछें। एकदम हल्के हाथों से त्वचा को थपकाएँ ताकि पूरा पानी न सूखे। फिर नम, हल्की गीली त्वचा पर ही कोई अच्छा-सा बॉडी लोशन लगा लें, ताकि आपकी त्वचा की नमी बरकरार रहे।
* सिंथेटिक वस्त्रों का प्रयोग कम से कम करें। ये भी हमारी त्वचा की नमी सोखते हैं।
* सप्ताह में एक बार पेडीक्योर व मेनीक्योर अवश्य करें। इससे हाथ व पैरों की अच्छी सफाई होकर मसाज होगी तो आपके हाथ-पैरों पर उम्र का असर कम दिखेगा।
* याद रखिए किसी भी महिला की उम्र का अंदाजा उसके हाथ व उसकी गर्दन से लगाया जा सकता है। अतः इनकी अच्छी तरह से देखभाल करके आप कैलेंडर को झुठला सकती हैं।
* यदि आप चेहरे पर कुछ लोशन या क्रीम लगाती हैं तो उसे अपनी गर्दन व हाथों पर लगाना न भूलें। सप्ताह में एक बार आप मिल्क बाथ भी ले सकती हैं।
* एक बीस लीटर की बाल्टी में एक कप दूध या एक टेबल स्पून मिल्क पाउडर डालें। उसमें कुछ बूँदें चंदन के तेल की व कुछ बूँदें अपनी पसंद के परफ्यूम की डाल दें। इस पानी को धीरे-धीरे अपनी त्वचा पर डालते हुए नहाएँ।
* ताजे व रसीले फलों का नियमित सेवन करें।
* फलों का रस पीने के बदले पूरे फल खाएँ। जैसे संतरा, मौसंबी, पाइनेपल, सेव, अंगूर आदि का रस पीने के बजाए फल खाएँ। इससे आपको रफेज भी मिलेगा और पाचन तंत्र अच्छा रहेगा।
* सप्ताह में दो बार दो चम्मच शहद, पंद्रह से बीस बूँद नींबू का रस, आधा चम्मच मलाई या घी व एक चम्मच ओट मील डालकर पेस्ट की तरह चेहरे पर लगाएँ। आधे घंटे बाद कुनकुने पानी से चेहरा साफ करके अच्छी विटामिन क्रीम लगाएँ।
* यदि आपकी ऑइली स्किन है तो मलाई का प्रयोग न करें व क्रीम के बदले मॉइश्चराइजर या लेक्टो केलेमाइन का प्रयोग करें।