बांग्लादेश : सहमे हुए हैं हिंदू व बौद्ध अल्पसंख्यक
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BBC Hindi
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बुधवार, 6 मार्च 2013 (13:27 IST)
बांग्लादेश : सहमे हुए हैं हिंदू व बौद्ध अल्पसंख्यक
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बांग्लादेश में एक इस्लामी नेता को मौत की सजा सुनाए जाने के बाद देश में शुरू हुई हिंसा में हिंदू और बौद्ध मंदिरों को जलाया गया है जिससे कई इलाकों में अल्पसंख्यकों में डर का माहौल पैदा हो गया है।
साल 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान कत्ल, बलात्कार और यातना के आरोपों में जमात-ए-इस्लामी के दिलावर हुसैन सईदी को मौत की सजा गुरुवार को सुनाई गई थी जिसके बाद कई जगहों पर हिंसा हुई है।
इस बीच देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शनों और हिसा का दौर लगातार जारी है।
चटगांव : बीबीसी संवाददाता एथिराजन अनबरासन चिटगांव के सातखानिया गांव पंहुचे जहां रविवार को एक मंदिर जला दिया गया था। सातखानिया गांव के एक हिंदू नेता प्रदीप कुमार चौधरी ने बीबीसी को बताया, "पिछले एक सप्ताह में तीन हिंदुओं के मंदिर, एक बौद्ध मंदिर, 15-16 बुद्ध की प्रतिमाएं, एक अनाथालय और एक उच्च विद्यालय को नुकसान पंहुचाया गया है।"
ये पूछे जाने पर कि ये काम किसने किया तो चौधरी ने कहा, "कभी राष्ट्र के खुराफाती ऐसा काम करते हैं तो कभी कट्टर धार्मिक लोग ऐसा करते हैं। सबको पता है कि ये किसने किया है, लेकिन इन हालातों में कोई कैसे उनका नाम ले?"
चौधरी के मुताबिक अल्पसंख्यक बेहद असुरक्षित महसूस कर रहे हैं और यहां तक की रात में ठीक से सो भी नहीं पा रहे हैं।
सुरक्षा व्यवस्था : इस बीच राजधानी ढाका में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। पिछले पांच दिनों में जमाते-ए-इस्लामी के कार्यकर्ताओं और सुरक्षा बलों के बीच झड़पों में कम से कम 60 लोग मारे गए हैं। हिंसा नए ज़िलों में भी फैलने लगी है जिससे सुरक्षा बलों को दिक्कतें आ रही हैं।
सरकार का कहना है कि हालात पर काबू पा लिया गया है, लेकिन अल्पसंख्यक डर के माहौल में जी रहे हैं। उनके घर और मंदिर जलाए गए हैं जिससे खासकर ग्रामीण इलाकों में भय व्याप्त है।
इसके बाद से बांग्लादेश में भड़के दंगों में तकरीबन 60 लोग मारे जा चुके हैं। समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक़ इन दंगों में मरने वालों की कुल संख्या 73 तक पहुंच गई है।