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Written By BBC Hindi
Last Updated : शुक्रवार, 11 जून 2021 (08:50 IST)

योगी की मुलाक़ातों का सिलसिला जारी, लखनऊ की डोर दिल्ली के हाथ?

योगी की मुलाक़ातों का सिलसिला जारी, लखनऊ की डोर दिल्ली के हाथ? | Yogi Adityanath
हरे कुर्ते में गृहमंत्री अमित शाह और परंपरागत भगवा चोले में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ।

(टीम बीबीसी हिन्दी, नई दिल्ली)
 
राजधानी दिल्ली में घंटेभर से ज़्यादा वक़्त तक चली मुलाक़ात के बाद ये तस्वीर योगी आदित्यनाथ ने ट्विटर पर पोस्ट की। उसके करीब आधा घंटे के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने भी इस मुलाक़ात को लेकर ट्वीट किया और एक तस्वीर पोस्ट की। दोनों तस्वीरों में ध्यान सिर्फ़ कपड़ों के रंग पर नहीं जा रहा था। फर्क सिर्फ़ ये ही नहीं था कि अमित शाह ने मास्क नहीं लगाया हुआ था और योगी आदित्यनाथ मास्क लगाए हुए थे।
 
नज़र दोनों नेताओं के हाव-भाव और ट्वीट की भाषा पर भी थी और वहां भी अंतर साफ़-साफ़ दिख रहा था। योगी आदित्यनाथ गुरुवार को अचानक दिल्ली पहुंचे थे।
 
बदल रहे हैं समीकरण?
 
बीजेपी नेताओं की मुलाक़ात पर चर्चा का दौर बेवजह नहीं था। दरअसल, बीते कुछ दिनों से उत्तरप्रदेश की सरकार को लेकर अटकलों का बाज़ार गर्म है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, बीजेपी संगठन, उत्तरप्रदेश सरकार और बीजेपी के जन प्रतिनिधियों के बीच कई दौर की बैठकें हुई हैं।
 
मीडिया में यूपी सरकार के संभावित 'नेतृत्व परिवर्तन' का मुद्दा भी खूब उछला।
 
योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच दूरियां होने की अटकलें छाई रहीं। योगी आदित्यनाथ के जन्मदिन के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के सोशल मीडिया पर बधाई नहीं देने के मुद्दे ने भी तूल पकड़ा।
 
अमित शाह और योगी आदित्यनाथ की मुलाक़ात के बाद भी दोनों नेताओं के ट्वीट ने लोगों का ध्यान खींचा।
 
योगी आदित्यनाथ ने तस्वीर के साथ 2 लाइन का ट्वीट किया। उन्होंने मुलाक़ात का समय देने के लिए अमित शाह का आभार भी जताया था।
 
योगी आदित्यनाथ ने लिखा, 'आज आदरणीय केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाहजी से नई दिल्ली में शिष्टाचार भेंट कर उनका मार्गदर्शन प्राप्त किया। भेंट हेतु अपना बहुमूल्य समय प्रदान करने के लिए आदरणीय गृहमंत्री जी का हार्दिक आभार।'
 
वहीं, अमित शाह ने एक लाइन का ट्वीट में सिर्फ़ मुलाक़ात की जानकारी दी।
 
बैठकों का दौर
 
अमित शाह ने 2 दिन के अंदर योगी समेत कुल तीन नेताओं से मुलाकात की जानकारी सोशल मीडिया पर दी है। इत्तेफ़ाक से तीनों नेता उत्तरप्रदेश से हैं।
 
अमित शाह ने गुरुवार को अपना दल की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल से भी मुलाक़ात की। अनुप्रिया केंद्र में मंत्री रह चुकी हैं।
 
उत्तरप्रदेश में अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर उनकी पार्टी की पूर्वी उत्तर प्रदेश के एक ख़ास क्षेत्र में भूमिका अहम मानी जा रही है।
 
अमित शाह के साथ अनुप्रिया पटेल की मुलाक़ात को भी आने वाले चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है।
 
वहीं, अमित शाह ने बुधवार को जितिन प्रसाद के साथ मुलाक़ात की तस्वीर पोस्ट की थी। जितिन प्रसाद कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल होने के पहले अमित शाह से मुलाक़ात करने उनके घर पहुंचे थे।
 
कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत में जितिन प्रसाद के बीजेपी में जाने को 'प्रसाद (निजी लाभ पाने) की राजनीति बताया है।'
 
उत्तरप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और हरीश रावत जैसे नेता भी जितिन प्रसाद पर हमला बोल चुके हैं। उनका दावा है कि जितिन प्रसाद कोई ऐसे नेता नहीं हैं जिनके जाने से कोई नुक़सान हो।
 
लेकिन, भारतीय जनता पार्टी को इतना फ़ायदा तो होता दिख रहा है कि बुधवार के बाद उत्तरप्रदेश की राजनीति को लेकर हो रही चर्चा की दिशा बदल गई है।
 
जितिन प्रसाद ने गुरुवार को दिल्ली पहुंचे योगी आदित्यनाथ से भी मुलाक़ात की।
 
हालांकि, जिस मुलाकात को लेकर हर तरफ उत्सुकता है, वो शुक्रवार को संभावित है।
 
रिपोर्टों में दावा किया गया है कि योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाक़ात कर सकते हैं।
 
ये भी दावा है कि अमित शाह से योगी आदित्यनाथ की 'शिष्टाचार भेंट' में इसी मुलाक़ात का धरातल तैयार किया गया।
 
अब इसी मुलाक़ात से तय होगा कि क्या दावे के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी में लखनऊ की डोर दिल्ली के हाथ ही है। (फोटो साभार : बीबीसी)
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