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Written By BBC Hindi
Last Modified: रविवार, 7 जुलाई 2024 (09:19 IST)

यूक्रेन में गहराया बिजली संकट, बिना लाइट ऑपरेशन करने के लिए मजबूर डॉक्टर

यूक्रेन में गहराया बिजली संकट, बिना लाइट ऑपरेशन करने के लिए मजबूर डॉक्टर - ukraine power crisis : operation in hospital without light
विटाली शेवचेंको, बीबीसी मॉनिटरिंग के लिए
यूक्रेन की नागरिक टेटियाना के बेटे के लिए बिजली की सप्लाई का मामला ज़िंदगी और मौत से है। टेटियाना का बच्चा शारीरिक रूप से अक्षम पैदा हुआ था। उसे सांस लेने, खाने और दवा लेने तक के लिए बिजली से चलने वाले उपकरणों के सहारे रहना पड़ता है।
 
टेटियाना ने बीबीसी को बताया, "हम बिजली पर बहुत निर्भर हैं। अगर यह ख़ूनी युद्ध ना चल रहा होता तो भी हमारा जीवन कठिन ही होता, लेकिन हम उससे निपट ही लेते।"
 
रूस लगातार यूक्रेन की ऊर्जा क्षमताओं और संयंत्रों पर हमले कर रहा है, जिस वजह से यूक्रेन के लोग लंबे समय के लिए बिना बिजली के साथ जीना सीखने के लिए मजबूर हैं।
 
बिजली कटौती और जीवन
लगातार रूसी हवाई हमलों का मतलब है कि यूक्रेन के पहले से अप्रभावित हिस्सों को भी लगभग हर दिन घंटों बिजली के बिना रहना पड़ता है।
 
ओडेसा के दक्षिणी बंदरगाह शहर में रहने वाली टेटियाना कहती हैं, "अंतहीन बिजली कटौती जीवन को बेहद कठिन बना देती है क्योंकि उन्हें यह सुनिश्चित करने की ज़रूरत होती है कि बिजली की आपूर्ति निरंतर बनी रहे।"
 
टेटियाना के पास एक जनरेटर है जो पेट्रोल से चलता है। इसे हर समय चलाना पड़ता है, लेकिन इसे ठंडा करने के लिए हर छह घंटे में बंद करना पड़ता है।
 
बिजली कटौती मोबाइल फ़ोन कवरेज को भी प्रभावित करती है, इसलिए अपने बेटे के लिए एम्बुलेंस से संपर्क करने के लिए भी टेटियाना को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
 
टेटियाना ने बीबीसी को बताया कि एंबुलेंस आने में कभी-कभी आधा घंटा लगता है। कभी-कभी एक घंटा लग जाता है। इस दौरान मेरा बच्चा बहुत मुश्किल में पड़ जाता है और उसके शरीर का रंग नीला पड़ने लगता है। वे कहती हैं कि अगर मेरे बेटे को ऑक्सीजन नहीं मिली तो वह मर सकता है। मेरे पास कहने के लिए शब्द नहीं हैं।
 
तीन महीनों में ही खोई नौ गीगावाट बिजली उत्पादन क्षमता
लाखों यूक्रेनवासी बिजली की कमी के चलते एयर कंडीशनिंग, लिफ्ट या जीवन रक्षक उपकरणों का इस्तेमाल सही तरीके से नहीं कर पा रहे हैं।
 
राष्ट्रीय ऊर्जा कंपनी उक्रेनेर्गो का कहना है कि पिछले तीन महीनों में ही यूक्रेन ने नौ गीगावाट बिजली उत्पादन क्षमता खो दी है। यह फरवरी 2022 में पूरी तरह से हमले के पहले यूक्रेन की क्षमता का एक तिहाई से भी ज़्यादा है।
 
उक्रेनेर्गो का कहना है कि यह क्षमता सबसे ज़्यादा खपत के दौरान भी नीदरलैंड समेत स्लोवाकिया, लावटिया, लिथुआनिया और एस्टोनिया को बिजली देने के लिए काफ़ी है।
 
उक्रेनेर्गो की प्रवक्ता मारिया त्सटुरियन ने बीबीसी को बताया, "सभी सरकारी स्वामित्व वाले थर्मल पावर प्लांट नष्ट हो गए हैं। हमारे देश के पानी से चलने वाले सभी बिजली संयंत्रों को रूसी मिसाइलों या ड्रोन के हमलों में नुक़सान झेलना पड़ा है।"
 
"जिस वजह से लाखों यूक्रेनी लोग पेट्रोल-डीजल से चलने वाले जनरेटरों या बड़े पावर बैंकों पर ज़्यादा से ज़्यादा निर्भर होते जा रहे हैं।"
 
राजधानी कीव में भी हो रही बिजली कटौती
यूक्रेन की राजधानी कीएव में भी लंबे समय से बिजली कटौती हो रही है। रोक्सोलाना 24 मंजिला अपार्टमेंट में रहती हैं। अपार्टमेंट की सुविधाओं को चलाने में मदद करने के लिए लोगों ने मिलकर रोक्सोलाना को चुना है।
 
रोक्सोलाना कहती हैं, "टावर ब्लॉक में रहना आसान नहीं है क्योंकि बिजली कटौती का मतलब यह भी है कि ऊपरी मंजिलों पर पानी नहीं पहुंच रहा है।"
 
वे कहती हैं, "लिफ्ट भी काम नहीं कर रही हैं, इसलिए बच्चों, बुजुर्ग महिलाओं और विकलांग लोगों को इंतज़ार करना पड़ता है। वे बिजली आने पर ही बाहर जाने की योजना बनाते हैं।"
 
रोक्सोलाना कहती हैं कि उन्हें लगातार छह-छह घंटे घर के अंदर रहना पड़ता है। हमारी बुजुर्ग महिलाएं अपनी ब्रेड लेने के लिए भी दुकानों पर नहीं जा सकतीं।"
 
यूक्रेन की ऊंची इमारतों में रहने वाले निवासी अपने तपते हुए अपार्टमेंट के अंदर फंसे रह जाते हैं क्योंकि बिना बिजली के एयर कंडीशनर भी नहीं चल रहे हैं।
 
ऊंची इमारतों में रहने वाले लोग रूसी हवाई हमलों के लिए भी ज़्यादा संवेदनशील हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि वे बम के हमलों से बचने के लिए बनाई गई जगहों तक भी आसानी से नहीं पहुंच पाते। बम के हमलों से बचने के लिए बनाई गए ज्यादातर स्थान ज़मीन के अंदर होते हैं।
 
ज़ापोरिज्जिया में दांतों के डॉक्टर वोलोदिमिर स्टेफ़नीव कहते हैं कि कई बार अपॉइंटमेंट्स को आगे खिसकाना पड़ता है। कई बार ऐसा होता है कि जटिल सर्जरी के दौरान भी बिजली चली जाती है।
 
स्टेफ़नीव कहते हैं कि अगर ऑपरेशन के दौरान बिजली जाती है तो हमें अपने जनरेटर को चलाना पड़ता है ताकि हम सर्जरी पूरी कर सकें। इसके अलावा हमारे पास कोई दूसरा रास्ता भी नहीं है, क्योंकि हम मरीज़ को दोबारा से कल आने के लिए भी नहीं कह सकते।
 
असल में कुछ हफ़्तों से अकसर ही बिजली की कटौती हो जाती है जो कि काफी परेशानी भरा है।
 
टॉर्च की रोशनी के सहारे इलाज
बिजली ना होने के दौरान तुरंत ज़रूरी या कम जटिल ऑपरेशनों के लिए डॉक्टर स्टेफ़नीव हेड टॉर्च का इस्तेमाल करते हैं।
 
डॉ. स्टेफनीव ने यह तरीका फ्रंट लाइन पर रहने के दौरान सैनिकों के इलाज के दौरान सीखा था और अब वे इसमें निपुण हो गए हैं। उनकी फर्म अभी भी यूक्रेनी सेना के सदस्यों के लिए मुफ़्त या भारी डिस्काउंट के साथ इलाज की सुविधा दे रही है।
 
डॉ. स्टेफनीव बताते हैं कि मैं बिना बिजली के भी दांत दर्द या सूजन का इलाज कर सकता हूं। हमने बिजली के बिना सर्जरी करना सीख लिया है।
 
यूक्रेनेर्गो की मारिया त्साटुरियन जानती हैं कि यूक्रेन के लोग उनकी कंपनी से क़ाफी नाराज़ हैं, क्योंकि उनकी कंपनी ने इतनी बार और लंबे समय तक इतने सारे ग्राहकों के लिए बिजली काटी है। त्साटुरियन कहती हैं कि इसके अलावा हमारे पास और कोई चारा भी नहीं है।
 
उनका कहना है, 'हम युद्ध में हैं। ऊर्जा क्षेत्र रूसी आतंकवादियों के लक्ष्यों में से एक हैं और यह साफ है कि क्यों? क्योंकि हमारा पूरा जीवन, हमारी सारी सभ्यता, बिजली पर आधारित है।'
 
'आपको बस अपने दुश्मन के पावर ग्रिड को नष्ट करना है जिसके बाद उनके पास कोई अर्थव्यवस्था नहीं बचेगी और उनका कोई जीवन नहीं होगा। ये वो कीमत है जो हम स्वतंत्रता के लिए चुकाते हैं।'
 
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