लंदन में चीन के एक पवित्र बेल्ट, रोम की लैंगिक ताबीज और एक जुड़ी हुई आइवरी दंपति जैसी प्रचीन ऐतिहासिक महत्व की चीजों का इस्तेमाल किशोरों को यौन शिक्षा देने में किया जा रहा है।
एक्सेटर्स विश्वविद्यालय के कला और इतिहास विभाग के सदस्यों ने संयुक्त रूप से 'कठिन विषयों' को समझने और उन पर विचार-विमर्श करने के लिए ऐतिहासिक कलाकृतियों का उपयोग करना शुरू किया है।
ये वस्तुएं लंदन के विज्ञान संग्रहालय के तहखानों में रखी रहती हैं। आम तौर पर इनकी सार्वजनिक प्रदर्शनी नहीं की जाती। अब नए शिक्षण कार्यक्रम के तहत एक्सेटर्स विश्वविद्यालय में ये वस्तुएं प्रदर्शित की जा रही हैं।
सेक्स और इतिहास नाम से चलाई जाने वाली यह योजना 14 से 19 साल के स्कूली छात्रों के लिए है।
सुरक्षित वातावरण : एक्सेटर्स कॉलेज के छह छात्रों के एक समूह की मदद से यह योजना विकसित की गई है। इन छात्रों ने सेक्स और यौन संबंधों को समझने के लिए वस्तुओं और चित्रों को आधार बनाया है।
शिक्षाविदों का मानना है कि यह प्रदर्शनी युवाओं के लिए यौन व्यवहार और परंपरा में होने वाले ऐतिहासिक परिवर्तनों के बारे में चर्चा के लिए 'एक सुरक्षित वातावरण' प्रदान करती है और उन्हें सेक्स के बारे में उनके विचार और चिंताओं को परखने का अवसर देती है।
एक्सेटर्स कॉलेज की टीम का नेतृत्व इतिहास के प्रोफेसर केट फिशर और रेबेका लैंगलैंड्स कर रहे हैं। प्रोफेसर फिशर ने कहा, 'प्राचीन संस्कृतियों की पेचीदा कलाकृतियों को समझना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है, लेकिन वे शर्मिंदगी के बिना संवेदनशील विषयों पर चर्चा करने का माहौल प्रदान करती हैं।'
उन्होंने कहा, 'वे पहले पुराने समय, स्थानों और इतिहास के बारे में बात कर रहे थे। यौन शिक्षा के बारे में नहीं, लेकिन यह अब व्यापक संस्कृतियों के बारे में है।'
डॉ. लैंगलैड्स का मानना है ये वस्तुएं चर्चा के लिए एक आदर्श उत्प्रेरक है।
कामुक वस्तुएं : उन्होंने कहा, 'परंपरागत रूप से यौन शिक्षा देना समान रूप से शिक्षकों और छात्रों दोनों के लिए असुविधाजनक हो सकता है, और इंटरनेट पर अश्लील साहित्य की उपलब्धता ने नई चुनौतियां पेश की है।'
उनके अनुसार, 'युवा अक्सर प्रजनन, यौन संचारित रोगों और गर्भनिरोधकों संबंधित जैविक तथ्यों से अच्छी तरह परिचित होते हैं, लेकिन उनके पास महत्वपूर्ण व्यापक सामाजिक मुद्दों जैसे शरीर की बनावट, प्यार, सहमति और अंतरंगता की चर्चा के लिए अवसर कम होते हैं।'
एक्सेटर्स कॉलेज में नैतिकशास्त्र की व्याख्याता लौरा केरस्लाके ने कहा कि ये वस्तुएं स्वयं के प्रति सजग रहने वाले छात्रों की मदद करते हैं।
उन्होंने कहा, 'यह पहल छात्रों को शर्मिंदगी से बाहर लाती है और विषय को सीखने में छात्रों को आने वाली दिक्कतों को कम करती है। यह उन शिक्षकों के लिए एक शानदार तरीका है जो यौन शिक्षा देने के वक़्त झिझकते हैं।'
अंतरंग वस्तुओं की इस प्रदर्शनी में चीन के कामुक ग्लास पेंटिंग, ग्रीक पाइप और अफ्रीकी गुड़िया सहित कई मानवीय कामुकता से संबंधित वस्तुएं शामिल हैं। यह इस तरह की पहली यौन संबंधी सामग्री की सार्वजनिक प्रदर्शनी है।