राम के अस्तित्व को नकारने वालों में अयोध्या जाने का साहस नहीं
भाजपा नेता उमा भारती ने कहा- गोलीबारी के सपा नेता अयोध्या जाकर माफी मांगें
- कांग्रेस नेता अयोध्या जाने के लायक नहीं
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शंकराचार्य के बयान पर उमा की चुप्पी
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कारसेवकों पर गोलीबारी के लिए सपा पर निशाना
Uma Bharti on Ram Mandir: भाजपा की वरिष्ठ नेता और मध्य प्रेदश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए शुक्रवार को कहा कि भगवान राम के अस्तित्व को नकारने वालों में अयोध्या (Ayodhya Ram Mandir) जाने की हिम्मत नहीं है और वे वहां जाने के लायक नहीं हैं।
कांग्रेस द्वारा 22 जनवरी को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के निमंत्रण को अस्वीकार करने के बारे में पूछे जाने पर भारती ने कहा कि वो उस लायक नहीं कि वहां आते।
भाजपा नेता ने कहा कि उन्होंने (कांग्रेस) राम को खारिज कर दिया। उन्होंने उच्चतम न्यायालय में एक हलफनामे में उनके अस्तित्व से इंकार किया और कहा कि राम का अस्तित्व ही नहीं है। वह हलफनामा ऐसा था कि उनके (कांग्रेस) पास वहां (अयोध्या) जाने का साहस नहीं है।
शंकराचार्य की टिप्पणी पर चुप्पी : शंकराचार्य की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देने से इनकार करते हुए उमा भारती ने कहा कि उन्होंने शंकराचार्य निश्चलानंद जी महाराज से अयोध्या आकर अपना आशीर्वाद देने का अनुरोध किया है।
समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल यादव के 1990 में कारसेवकों पर गोली चलाने को जायज ठहराने वाले बयान पर भारती ने कहा कि जब कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए गोली चलाई जाती है तो लोगों को घायल करने के लिए उनके पैर में गोली मारी जाती है ताकि वे रुक सकें और बाद में उनका इलाज किया जा सके। गोलियां सीने और सिर पर नहीं चलाई जातीं। समाजवादी पार्टी कारसेवकों की हत्यारी है।
उन्होंने कहा कि मैं शिवपाल से कहती हूं कि वह गोलीबारी के लिए जिम्मेदार अपनी पार्टी के सभी नेताओं को अयोध्या जाकर (राम से) माफी मांगने के लिए कहें।
क्या कहा था शिवपाल ने : समाजवादी पार्टी के महासचिव और उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने बृहस्पतिवार को कहा था कि अक्टूबर 1990 में अदालत के आदेश का पालन करने और संविधान की रक्षा के लिए तत्कालीन सपा सरकार के राज में अयोध्या में कारसेवकों पर गोली चलाई गई थी।
यादव ने 1990 में अयोध्या में कारसेवकों पर गोली चलाए जाने को जायज ठहराते हुए कहा था कि देखिए, संविधान की रक्षा की गई थी। अदालत के आदेश का पालन हुआ था। (भाषा/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala