क्या 'त्याग' करेंगे मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, डीके को ब्रेकफास्ट पर बुलाया
Political crisis in Congress: कर्नाटक में कांग्रेस सरकार का ढाई साल का कार्यकाल पूरा होते ही मुख्यमंत्री पद को लेकर जारी खींचतान चरम पर पहुंच गई है। इस बीच, कर्नाटक कांग्रेस में सत्ता के लिए जारी खींचतान के बीच राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने एक अहम पोस्ट में कहा है कि मेरे स्टैंड में कोई बदलाव नहीं है। मैं पहले भी कह चुका हूं कि पार्टी हाईकमान जैसा कहेगा, मैं वैसा ही करूंगा। मैं आज भी और कल भी यही कहूंगा। हालांकि सिद्धा ने पहले कहा था कि वे पांच साल तक मुख्यमंत्री रहेंगे।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने एक्स पर पोस्ट में कहा कि पार्टी हाईकमान ने मुझे और डिप्टी चीफ मिनिस्टर डीके शिवकुमार को बुलाया है और कहा है कि आप दोनों को मिलना चाहिए। इसलिए मैंने उन्हें ब्रेकफास्ट पर बुलाया है और हम वहां बात करेंगे। डीके शिवकुमार ने कहा है कि वह हाईकमान की बात से सहमत होंगे। अगर हाईकमान मुझे नई दिल्ली बुलाता है, तो मैं जाऊंगा। सिद्धारमैया के रुख में नरमी को देखते हुए लग रहा है कि मामला सुलझ जाएगा।
क्या कहा डीके ने : डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने सिद्धारमैया की मौजूदगी में कांग्रेस की शीर्ष नेता सोनिया गांधी का उदाहरण देते हुए त्याग और कुर्बानी की बात कही है। इसे राजनीतिक गलियारों में एक सीधा संकेत माना जा रहा है। दरअसल, डीके सोनिया का उदाहरण देकर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को यह संदेश देना चाह रहे हैं कि त्याग और कुर्बानी कांग्रेस की पहचान रही है। अत: सिद्धारमैया भी मुख्यमंत्री पद का त्याग करें। शिवकुमार ने कहा कि सोनिया गांधी ने 20 साल तक कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में काम किया। उन्होंने अपनी सत्ता की कुर्बानी दे दी। उन्होंने मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाने का सुझाव दिया।
चुनाव के बाद सिद्धारमैया बने थे मुख्यमंत्री : 20 मई 2023 को विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद, मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच कड़ा मुकाबला था। कांग्रेस हाईकमान ने संतुलन साधते हुए सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री और शिवकुमार को उपमुख्यमंत्री बनाया था। इस दौरान मीडिया में यह खबर आई थी कि दोनों नेताओं के बीच ढाई-ढाई साल के रोटेशनल सीएम फॉर्मूला पर सहमति बनी है, जिसके तहत 2.5 साल बाद शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाया जाना था। हालांकि कांग्रेस की ओर से कभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई। सिद्धारमैया ने इस फॉर्मूले को खारिज करते हुए कहा था कि वह पूरे पांच साल के लिए मुख्यमंत्री बने रहेंगे।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala