मिट्टी के दीपों ने अयोध्या को बनाया 'दिव्य', रंगबिरंगी रोशनी से नहाई सरयू
अयोध्या। अयोध्या नगरी मंगलवार सूर्यास्त होते ही जगमग रोशनी से नहा उठी और राम मंदिर के भूमि पूजन से एक दिन पहले संध्याकाल जीवंत हो उठा। हर खासो-आम ने उल्लास के इस महोत्सव को 'माटी के दीए' प्रज्ज्वलित कर दिव्य बना दिया। सरयू नदी का पुल भी रंगबिरंगी रोशनी से नहाया हुआ था। रोशनी से नहाई सरयू मनोरम लग रही थी।
संध्या आरती का समय होते ही प्रभु श्रीराम के भजन बजने लगे। हर ओर 'श्री राम चंद्र कृपालु भज मन, श्री राम जय राम जय जय राम' की गूंज थी। इस बीच हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का भी पाठ चल रहा था। हर गली, हर भवन, हर कोना, हर दिशा तरंगित हो उठी।
नया घाट और राम की पैड़ी से हनुमानगढ़ी तक मार्ग के दोनों ओर माटी के दीप प्रज्ज्वलित किए गए। रोशनी से नहाई अयोध्या में हर ओर प्रसन्नता का वातावरण था। बच्चे इस क्षण को सेल्फी के जरिए यादगार बनाने में मगन थे।
इस दौरान पुलिस ने तुलसी उद्यान के निकट पैदल गश्त की। स्थिति पर पुलिस की नजर लगातार बनी हुई थी। अपनी मित्रमंडली के साथ दीप जलाने आए छोटी देवकाली निवासी रजत सिंह ने कहा कि यह उनके लिए विलक्षण क्षण है और इस पल को वे अपने जीवन में हमेशा संजोकर रखेंगे। कारसेवकपुरम हो या नया घाट या हनुमानगढ़ी के आसपास का क्षेत्र- हर कोना रोशनी से नहाया हुआ था।
संध्या आरती में भजन का श्रवण, घंटा घड़ियाल, नगाड़ों की टंकार और शंखनाद वातावरण को अद्भुत बना रहा था। कुछ मंदिरों में किन्नर भी एकत्र हुए और भक्ति के रंग में रंगे नजर आए। दिन में बंद रही कई दुकानें शाम को खुल गईं और दुकानदारों ने दुकानों के आगे दीप जलाए।
इस बीच बच्चों और युवाओं ने नया घाट सहित अयोध्या की कई सड़कों पर रंगोली सजाई। सरयू नदी का पुल भी रंगबिरंगी रोशनी से नहाया हुआ था। रोशनी से नहाई सरयू मनोरम लग रही थी।(भाषा)