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Last Modified: मंगलवार, 4 अगस्त 2020 (21:30 IST)

Ayodhya rammandir : लंका से भी आया है अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन के लिए जल

Ayodhya rammandir : लंका से भी आया है अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन के लिए जल - Water has also come from Lanka to worship Ram temple in Ayodhya
अयोध्या। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में 5 अगस्त को होने वाले भूमि पूजन में देश की सभी प्रमुख नदियों के पवित्र जल के साथ लंका से आए जल का भी प्रयोग किया जाएगा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने बताया कि भूमि पूजन में करीब 100 नदियों के जल का प्रयोग किया जाएगा। यह पवित्र जल 2 हजार तीर्थ स्थानों से लाया गया है।

श्रीलंका से भी भूमि पूजन के लिए जल आया है। शारदा पीठाधीश्वर ने श्रेगिरी से जल भेजा है वहीं जगन्नाथ पुरी से भी जल आया है। उन्होंने बताया कि पंच धातुओं से निर्मित कमल भी पूजा में शामिल होगा। अनेक लोगों ने अपने घर की गायों के दूध से बना शुद्ध घी भेजा है। बाबा विश्वनाथ को अर्पित करने के बाद चांदी का कछुआ, रामनाम अंकित चांदी के पांच बेलपत्र, सवा पाव चंदन और पंचरत्न भूमि पूजन के दौरान मंदिर की नींव में डाले जाएंगे।

राय ने बताया कि भूमि पूजन कार्यक्रम में माता सीता के मायके जनकपुर से भी संत यहां पधार रहे हैं। ट्रस्ट ने 135 संतों समेत कुल 175 लोगों को भूमि पूजन का न्योता भेजा है।

वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के चलते हालांकि भूमि पूजन एवं शिलान्यास कार्यक्रम में मंदिर आंदोलन से जुड़े कई बुजुर्ग चेहरे नजर नहीं आएंगे। पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, डॉ. मुरली मनोहर जोशी और पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ऐतिहासिक कार्यक्रम में भाग नहीं लेंगे।

राय ने स्वीकार किया कि कोरोनावायरस  (Coronavirus) की वजह से कई बुजुर्ग नेताओं को भूमि पूजन कार्यक्रम में वर्चुअली भाग लेने को कहा गया है। उन्होंने कहा, हम खेद व्यक्त करते हैं कि हम उन्हें आमंत्रित नहीं कर सके। आडवाणी की आयु 90 वर्ष से अधिक है। वे कैसे आ सकते हैं। कई अन्य महान हस्तियों की भी आयु को देखते हुए नहीं बुलाया गया है।

उन्होंने खुलासा किया कि कार्यक्रम में 175 मेहमान भाग लेंगे।राय ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत, सह कार्यवाह भैयाजी जोशी समेत अन्य मेहमान आज रात तक अयोध्या पहुंच जाएंगे।
उन्होंने कहा, हमने संतों को आमंत्रण दिया है लेकिन उनकी जाति के अनुसार नहीं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इनमें से कुछ खुद को दलित कहते हैं।

कुल 133 हिन्दू संतों को कार्यक्रम के लिए आमंत्रण भेजा गया है। नेपाल स्थित जानकी मंदिर के संत को भी भूमि पूजन का न्योता भेजा गया है।आमंत्रित अतिथियों में मोहम्मद शरीफ और रामजन्मभूमि विवाद में बाबरी मस्जिद के मुद्दई रहे इकबाल अंसारी भी शामिल हैं।
शरीफ वह शख्सियत हैं, जो लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करते हैं। इसके अलावा विहिप के दिवंगत नेता अशोक सिंघल के भतीजे सलिल सिंघल को भी कार्यक्रम में बुलाया गया है।(वार्ता)