कुंडलियां छंद : मांग भरा सिंदूर
सुशील कुमार शर्मा | बुधवार,मई 7,2025
नारी का अभिमान है, मांग भरा सिंदूर। यदि संकट में आ गया, सब खुशियां काफ़ूर। सब खुशियां काफ़ूर, इसे गर नहीं बचाया। जीवन ...
poem on operation sindoor : सिंदूर का प्रतिशोध
सुशील कुमार शर्मा | बुधवार,मई 7,2025
पहलगाम की घाटी अब भी सिसक रही थी मासूम लहू की गंध घास में नहीं, धरती की आत्मा में उतर चुकी थी। वे आए थे बेखौफ, बेवजह और ...
अक्षय तृतीया पर कुंडलिया छंद
सुशील कुमार शर्मा | गुरुवार,मई 1,2025
तृतीया का पावन दिवस, शुभ मुहूर्त सुख धाम। दान पुण्य का पर्व है, सकल सुमंगल नाम। सकल सुमंगल नाम, पितर को भोग लगाओ। ...
मजदूर दिवस पर कविता : संघर्ष का सूर्योदय
सुशील कुमार शर्मा | गुरुवार,मई 1,2025
धूप की पहली किरण, उजागर करती अनगिनत चेहरे, जो झुकते हैं धरती पर, उठाते हैं भार, बनाते हैं राहें। हाथों में खुरदरापन, ...
प्रभु परशुराम पर दोहे
सुशील कुमार शर्मा | मंगलवार,अप्रैल 29,2025
परशुराम प्रभु नाम है, शक्ति शौर्य का रूप। विप्र शिरोमणि आप हैं, भार्गव वंश अनूप।। पिता जमदग्नि सुत प्रबल, मात रेणुका ...
काव्य गीत : विदा
सुशील कुमार शर्मा | गुरुवार,अप्रैल 24,2025
लो कर दिया सब कुछ विदा अब यादें तुम्हारी, प्रेम अपना, आज से विस्मृत किया सब। शून्य पथ के मौन तारों में तुम्हीं थे। मौज ...
पृथ्वी दिवस पर रोचक नाटक: धरती की डायरी, सृष्टि से संकट तक
सुशील कुमार शर्मा | सोमवार,अप्रैल 21,2025
हे मानव मैं तुम्हारे जन्म से पूर्व भी थी और प्रलय के पश्चात भी रह जाऊंगी। मैंने अग्नि से आकार लिया, जल से जीवन और वायु ...
पृथ्वी दिवस पर दो अनूठी कविताएं
सुशील कुमार शर्मा | सोमवार,अप्रैल 21,2025
मैंने रोपा एक पौधा, मिट्टी को सहलाया प्यार से। देखा उसकी बढ़ती कोंपल, हर दिन एक नए आकार से। पानी दिया, धूप दिखाई, पूरी ...
लघु कथा : मन के एकांत में
सुशील कुमार शर्मा | शुक्रवार,अप्रैल 18,2025
प्रेम कभी-कभी व्यक्त नहीं होता, पर उसका मौन भी शब्दों से कहीं अधिक मुखर होता है। यही मौन ज्योति और सुधीर के बीच वर्षों ...
बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर : समता, न्याय और नवजागरण के प्रतीक
सुशील कुमार शर्मा | सोमवार,अप्रैल 14,2025
भारतीय समाज की ऐतिहासिक यात्रा में कुछ व्यक्तित्व ऐसे होते हैं जो समय की रेखाओं को मोड़कर नया इतिहास रचते हैं। डॉ. ...