धर्म या अहंकार: विश्व अशांति का मूल कारण
सुशील कुमार शर्मा | गुरुवार,जुलाई 17,2025
इतिहास और वर्तमान दोनों ही हमें ऐसे अनेक उदाहरण देते हैं जहां धर्म के नाम पर हिंसा, युद्ध और घृणा फैलाई गई है। धर्म के ...
हिन्दी कविता: मल्लिकार्जुन श्री शैलम
सुशील कुमार शर्मा | बुधवार,जुलाई 16,2025
Mallikarjuna Jyotirlinga: यह केवल एक पर्वत नहीं, यह वह थल है जहां पृथ्वी ने सांसें लेना सीखा जहां नदियों ने मंत्र रचाए, ...
प्रेम कविता: ज्योतिर्मय तुम
सुशील कुमार शर्मा | मंगलवार,जुलाई 15,2025
हर चीज़ में बस तुम हो। सुबह की पहली किरण आई मन ने कहा, तुम आईं। तुलसी के नीचे बैठा हवा का झोंका मंद, कोमल वो भी तुम। ...
गुरु पूर्णिमा : पढ़ें गुरु पर दोहे
सुशील कुमार शर्मा | गुरुवार,जुलाई 10,2025
गुरु ज्ञानी गुरु ब्रह्म हैं, देते सच्चा ज्ञान। दूर करें अज्ञान सब, गुरु की कृपा महान ।। गुरु ब्रह्मा, गुरु विष्णु सम, ...
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और गूगल के वर्तमान संदर्भ में गुरु की प्रासंगिकता
सुशील कुमार शर्मा | बुधवार,जुलाई 9,2025
आज के डिजिटल युग में, जहाँ कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और गूगल जैसे प्लेटफॉर्म सूचना के अथाह सागर तक हमारी पहूंच को असीमित ...
चातुर्मास: आध्यात्मिक शुद्धि और प्रकृति से सामंजस्य का पर्व
सुशील कुमार शर्मा | शनिवार,जुलाई 5,2025
हिंदू धर्म में इसे आध्यात्मिक साधना, संयम और आत्मचिंतन का पवित्र काल माना जाता है। आषाढ़ शुक्ल एकादशी (देवशयनी एकादशी) ...
जगन्नाथ रथयात्रा: जन-जन का पर्व, आस्था और समानता का प्रतीक
सुशील कुमार शर्मा | सोमवार,जून 30,2025
भारत के ओडिसा राज्य के पुरी में हर साल आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को निकाली जाने वाली जगन्नाथ रथयात्रा ...
बाल कविता: मैं और मेरी दुनिया
सुशील कुमार शर्मा | गुरुवार,जून 26,2025
मैं सुबह सूरज से पहले उठता हूं, कभी-कभी चिड़ियों की बोली मुझे जगा देती है। मां की आवाज़ रसोई से आती है हल्की गरम-सी, ...
योग: तन, मन और आत्मा के मिलन का विज्ञान
सुशील कुमार शर्मा | गुरुवार,जून 19,2025
योग केवल एक शारीरिक क्रिया नहीं, बल्कि एक समग्र जीवनशैली है, जो व्यक्ति को स्वस्थ, सुखी और सार्थक जीवन जीने में मदद ...
योग दिवस पर पढ़ें 2 कुण्डलिया छंद
सुशील कुमार शर्मा | गुरुवार,जून 19,2025
योगी मन को साधिए, तन-मन रहे निरोग। प्राण शक्ति संचार हो, तन-मन का हो योग। तन मन का हो योग, रोग, पीड़ा सब भागें। दृढ़ ...