हजारों करोड़ के हथियार खरीदी का सौदा भी नाकाफी
संजय कुमार रोकड़े | शुक्रवार,नवंबर 3,2017
आज तक देश अपने सशस्त्र बलों के लिए एक ढंग की राइफल भी विकसित नहीं कर सका है। आज भी देश अपनी रक्षा जरूरतों का 60 प्रतिशत ...
आखिर क्यों कहीं से कोई उम्मीद नजर नहीं आती
संजय कुमार रोकड़े | शनिवार,जुलाई 22,2017
देश को मिली आजादी के बाद से पहली बार मुस्लिम बाहुल्य राज्य जम्मू-कश्मीर में संघ का दो दिवसीय अखिल भारतीय प्रचारक ...
तीस्ता और उनके पति पर 'एनजीओ राशि' के दुरुपयोग का आरोप
संजय कुमार रोकड़े | मंगलवार,जुलाई 11,2017
गुजरात दंगों से जुड़े मामलों को लेकर अदालती लड़ाई लड़ने वाली मशहूर मानवाधिकार कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और उनके पति ...
शिव के राज में प्रदेश बना किसानों की कब्रगाह
संजय कुमार रोकड़े | शनिवार,जून 24,2017
मध्यप्रदेश में किसानों के साथ अभी भी सत्ता पक्ष का रवैया दोगला ही है। इसी दोगलेपन के चलते प्रदेश में किसानों की खुदकुशी ...
अपराध जगत में महिलाओं का प्रवेश भारतीय समाज के लिए घातक
संजय कुमार रोकड़े | शुक्रवार,जून 2,2017
भारतीय समाज में आजकल बड़े-बड़े अपराधों पर पुरुषों का ही आधिपत्य नहीं रहा है, बल्कि इस क्षेत्र में अब महिलाएं भी बड़ी ...
अभी तो मतलब साफ है जैसा बोओगे वैसा पाओगे
संजय कुमार रोकड़े | शुक्रवार,मई 26,2017
हाल ही में मेरी नजर में दो खबरें आई हैं। पहली ये कि हमने पाकिस्तान के कबड्ड़ी खिलाड़ियों को भारत में खेलने आने से मना कर ...
कांग्रेस बदलाव की राह पर
संजय कुमार रोकड़े | बुधवार,मई 24,2017
जब से केंद्र में नरेन्द्र मोदी की सरकार बनी है, तब से कांग्रेस को राष्ट्र स्तर पर लगातार हार का सामना करना पड़ रहा है। ...
अंधविश्वास, तंत्र-मंत्र, टोने-टोटके और पूजा-पाठ नहीं कर्म ही बचाएगा कुर्सी
संजय कुमार रोकड़े | सोमवार,मई 22,2017
जिस तरह से भारतीय समाज में अनेक तरह के अंधविश्वास और कुरुतियां फैली हैं, ठीक वैसे ही राजनेताओं के बीच भी यह गहरे तक ...
राजनीतिक चंदे पर बड़ा फैसला, सियासी दलों के सामने बड़ी चुनौती
संजय कुमार रोकड़े | सोमवार,फ़रवरी 6,2017
भारत हो या अन्य लोकतांत्रिक देश, राजनीतिक दल बिना चंदे के चुनाव लड़ने की सोच भी नहीं सकते हैं। यह भी सच है कि अगर चंदे ...
नोटबंदी से बदहाल किसान को बजट से अपेक्षा
संजय कुमार रोकड़े | मंगलवार,जनवरी 24,2017
भारत एक कृषि प्रधान देश है। इसके चलते यहां की अर्थव्यवस्था का आधार भी खेती-किसानी है। आज भी गांव व शहर की आबादी को ...