अंतरराष्ट्रीय पर्वत दिवस पर कविता : पर्वतराज हिमालय
श्रीमती इन्दु पाराशर | गुरुवार,दिसंबर 8,2022
वह अटल खड़ा है उत्तर में, शिखरों पर उसके, हिम किरीट। साक्षी, विनाश निर्माणों का, उसने सब देखी, हार-जीत। अंतरराष्ट्रीय ...
हिन्दी कविता : चौबीस तीलियों वाला तिरंगा ध्वज
श्रीमती इन्दु पाराशर | शनिवार,अगस्त 13,2022
नील चक्र, चौबीस तीलियों वाला तिरंगा ध्वज, आगे बढ़ने की, बात करे मतवाला। बस बढ़े देश का मान, न हो कुछ बांका,
हमको ...
लाल बहादुर शास्त्री पर हिन्दी में कविता : सोया है लाल बहादुर अब
श्रीमती इन्दु पाराशर | रविवार,जनवरी 10,2021
जीवन के सूखे मरुथल में,
झेले ये झंझावात कई।
जितनी बाधा, कंटक आते,
उनसे वे पाते, शक्ति नई।
विश्वासी, धर्मनिष्ठ, ...
लाल बहादुर शास्त्री पर हिन्दी कविता
श्रीमती इन्दु पाराशर | मंगलवार,अक्टूबर 1,2019
लाल बहादुर शास्त्री पर कविता- जीवन के सूखे मरुथल में, झेले ये झंझावात कई। जितनी बाधा, कंटक आते, उनसे वे पाते, शक्ति नई।
Poems on Mahatma Gandhi : महात्मा गांधी पर कविता
श्रीमती इन्दु पाराशर | सोमवार,सितम्बर 30,2019
महात्मा गांधी पर कविता- भारत छोड़ो, भारत छोड़ो, हर ओर, यही स्वर उठता था। भारत के, कोने-कोने से, गांधी का नाम, उछलता था।
हिन्दी कविता : लाल बहादुर शास्त्री
श्रीमती इन्दु पाराशर | गुरुवार,सितम्बर 28,2017
जीवन के सूखे मरुथल में, झेले ये झंझावात कई। जितनी बाधा, कंटक आते, उनसे वे पाते, शक्ति नई। विश्वासी, धर्मनिष्ठ, कर्मठ, ...
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर हिन्दी कविता...
श्रीमती इन्दु पाराशर | गुरुवार,सितम्बर 28,2017
भारतमाता, अंधियारे की, काली चादर में लिपटी थी। थी, पराधीनता की बेड़ी, उनके पैरों से, चिपटी थी। था हृदय दग्ध, धू-धू ...
गांधी जयंती पर कविता : बापू का गुणगान...
श्रीमती इन्दु पाराशर | गुरुवार,सितम्बर 28,2017
जिसको पाकर मुक्त हुआ था, भारतमाता का उपवन। आओ आज सुनाएं तुमको, बापू का निर्मल जीवन।। अठ्ठारह सौ उनहत्तर में, अक्टूबर ...
हिन्द के इतिहास का स्वर्णिम दिवस- 15 अगस्त
श्रीमती इन्दु पाराशर | सोमवार,अगस्त 14,2017
आज का दिन! हिन्द के इतिहास का सबसे सुनहरा दिवस प्यारा! आज का दिन! देश मेरा! जो धरा पर था प्रखर मार्तण्ड सा। पर ग्रसित ...
भारत की गरिमा पर कविता : बच्चों! देश तुम्हारा..
श्रीमती इन्दु पाराशर | सोमवार,अगस्त 14,2017
नई शती है, खड़ी प्रगति के, द्वार यहां पर खोले। देख-देख, भारत की ताकत, सबकी हिम्मत डोले। पुनर्प्रतिस्थापन का देखें, समय ...