गुरुवार, 21 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. नन्ही दुनिया
  3. कविता
  4. poem Lal Bahadur Shastri

हिन्दी कविता : लाल बहादुर शास्त्री

हिन्दी कविता : लाल बहादुर शास्त्री - poem Lal Bahadur Shastri
जीवन के सूखे मरुथल में,
झेले ये झंझावात कई।
जितनी बाधा, कंटक आते,
उनसे वे पाते, शक्ति नई। 
 
विश्वासी, धर्मनिष्ठ, कर्मठ,
निज देशप्रेम से, ओतप्रोत।
सामर्थ्य हिमालय से ऊंची,
मन में जलती थी, ज्ञान-जोत। 
 
थे, कद से, छोटे से, दिखते,
थे, कोटि-कोटि जन के प्यारे।
थे, लाल बहादुर शास्त्री वे,
थे, इस धरती के रखवारे।
 
उनके ही दृढ़ अनुशासन से,
वह 'पाक' हिन्द से हारा था।
'जय जवान' और 'जय किसान'
यह उनका ही तो नारा था।
 
गए ताशकंद में शांति हेतु,
चिर शांति वहीं पर प्राप्त हुई।
सोया है लाल बहादुर अब,
यह खबर वहीं से प्राप्त हुई। 
साभार - बच्चों देश तुम्हारा