मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यसचिव निर्मला बुच : स्मृति शेष
नर्मदाप्रसाद उपाध्याय | सोमवार,जुलाई 10,2023
मैडम बुच मौन प्रवाह की इसी गहनता की जीवंत प्रतिमा थीं।मैंने उनमें एक स्थितप्रज्ञता को स्पंदित होते हुए देखा,निष्ठा और ...
टेराकोटा शिल्प का आश्चर्यजनक इतिहास: मिट्टी से गढ़ते आकर्षक आकार
नर्मदाप्रसाद उपाध्याय | सोमवार,अप्रैल 17,2023
टेराकोटा का आशय पकी हुई मिट्टी से है। यह इटालियन शब्द है।गीली मिट्टी को पकाकर जो उपादान निर्मित किए जाते हैं उन्हें ...
छत्रपति शिवाजी महाराज वास्तु संग्रहालय : मुंबई की अनमोल विरासत
नर्मदाप्रसाद उपाध्याय | सोमवार,अप्रैल 17,2023
एक अनमोल विरासत मुंबई में है जिसे छत्रपति शिवाजी महाराज वास्तु संग्रहालय के नाम से आज जाना जाता है।इसका पूर्व नाम ...
वसंत पंचमी : प्रकृति का इकलौता पर्व वसंत है...
नर्मदाप्रसाद उपाध्याय | सोमवार,जनवरी 16,2023
यदि ऋतुओं का राजा वसंत है तो वसंत पंचमी ज्ञान की अधिष्ठात्री मां शारदा का अवतरण पर्व,निसर्ग की शोभा का दृश्य प्रवक्ता ...
फलों के राजा आम पर ललित निबंध : स्मृतियों के आम्र वन से आती मंजरियों की गंध
नर्मदाप्रसाद उपाध्याय | बुधवार,जून 8,2022
ग्रीष्म जाने को है,बरसात दस्तक दे रही है ।ये आम की बिदाई के दिन हैं।लेकिन बिदा होने से स्मृति क्षीण नहीं होती और वह ...
#लताजी : वसंत में कोयल उड़ी लेकिन दिव्य स्वरों को सौंपकर...
नर्मदाप्रसाद उपाध्याय | रविवार,फ़रवरी 6,2022
लताजी का महाप्रयाण कोकिल कंठ का महाप्रयाण कैसे कहें ? बस भौतिक देह स्वर देह में शाश्वत रूप से परिणत हो गई है।वसंत में ...
पं. विद्यानिवास मिश्र : 14 जनवरी, देह का स्मृति उत्सव है, पर वे आज भी दिवंगत नहीं हुए
नर्मदाप्रसाद उपाध्याय | गुरुवार,जनवरी 14,2021
इसीलिये मैं श्रद्धेय विद्यानिवास मिश्र को कभी स्वर्गीय नहीं कहता,कम से कम मेरे लिए वे दिवंगत नहीं हुए।
उनकी अक्षर काया ...
नवरात्रि विशेष : प्राचीन कला और इतिहास में देवी का स्वरूप
नर्मदाप्रसाद उपाध्याय | शनिवार,अक्टूबर 17,2020
मां जैसी दुर्लभ देन मनुष्य जाति के लिए कोई दूसरी नहीं। एक ओर वह वात्सल्य की प्रतिमूर्ति है तो दूसरी ओर शक्ति का अजस्र ...