गणतंत्र दिवस पर पढ़ें देशभक्ति की कविता: सारे जहां से अच्छा हिन्दुस्तां हमारा
अंशुमन दुबे (बाल कवि) | शुक्रवार,जनवरी 24,2025
gantantra diwas 2025: इस वर्ष हम 26 जनवरी को 76वां गणतंत्र दिवस मना रहे हैं। आइए यहां पढ़ें देशभक्ति से भरपूर प्रेरक ...
बाल कविता : प्रात:काल
अंशुमन दुबे (बाल कवि) | मंगलवार,नवंबर 8,2022
सूरज प्रात: उदित है होता, करने रोशनी का उजियारा। किरणें देती हैं हमें प्रेरणा, दूर हो जाता है आलस सारा। सुंदर पुष्प सर ...
बाल कविता : जय हनुमान बजरंग बली
अंशुमन दुबे (बाल कवि) | मंगलवार,अप्रैल 27,2021
जय हनुमान बजरंग बली अंजनी के लाल पवन सुत नाम तुम्हारा।
जय महावीर हे महाबली
बाल गीत : जय हनुमान बजरंग बली
अंशुमन दुबे (बाल कवि) | बुधवार,नवंबर 6,2019
जय हनुमान बजरंग बली, अंजनी के लाल पवन सुत नाम तुम्हारा।
जय महावीर हे महाबली। रामभक्ति ही मुख्य काम तुम्हारा। बुद्धि, ...
गुरु पूर्णिमा पर कविता : गुरु का सदा आदर करो...
अंशुमन दुबे (बाल कवि) | बुधवार,नवंबर 6,2019
हर प्रकार से नादान थे तुम, गीली मिट्टी के समान थे तुम। आकार देकर तुम्हें घड़ा बना दिया,
अपने पैरों पर खड़ा कर दिया। ...
गुरु पूर्णिमा पर कविता : गुरु का सदा आदर करो
अंशुमन दुबे (बाल कवि) | मंगलवार,जुलाई 16,2019
गुरु बिना ज्ञान कहां, उसके ज्ञान का आदि न अंत यहां। गुरु ने दी शिक्षा जहां, उठी शिष्टाचार की मूरत वहां।
गुरु पूर्णिमा पर कविता : गुरु का करो सदा आदर
अंशुमन दुबे (बाल कवि) | रविवार,जुलाई 17,2016
हर प्रकार से नादान थे तुम,
गीली मिट्टी के समान थे तुम।
आकार देकर तुम्हें घड़ा बना दिया,
अपने पैरों पर खड़ा कर दिया।
चटपटी कविता : सब्र...
अंशुमन दुबे (बाल कवि) | सोमवार,अप्रैल 27,2015
एक दिन में सागर निर्माण नहीं होता, बूंद-बूंद करके ही नदी बनती है।
समय सदा गतिशील है, पल-पल करके ही एक सदी बनती है।
प्रेरक कविता : निराश न होना...
अंशुमन दुबे (बाल कवि) | शुक्रवार,अप्रैल 24,2015
एक चमकती किरण कई पुष्प खिला सकती है,
क्षणभर की हिम्मत जीत का एहसास दिला सकती है।
वे लोग जो असफलता से निराश हो अंधकार ...
बाल साहित्य : मेरे ईश्वर
अंशुमन दुबे (बाल कवि) | सोमवार,दिसंबर 29,2014
प्रभु! लोभ, स्वार्थ का क्या तात्पर्य है? प्रभु बोले- 'इस पर मेरा यह उत्तर है, लोभ सारी विपत्तियों की जड़ है, स्वार्थ ...