• Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. »
  3. ज्योतिष
  4. »
  5. आलेख
  6. दीपावली महोत्सव : पांच दिन कैसे करें पूजन
Written By WD

दीपावली महोत्सव : पांच दिन कैसे करें पूजन

दीपावली : 5 दिन का पूजन विधान

दिवाली का महत्व
दीपावली के दिन महालक्ष्मी के साकार रूप का पूजन करने का विधान है। इस पूजन में उनके रूप के विषय में कुछ बातें अवश्य ध्यान देने योग्य हैं। महालक्ष्मी के अकेले का पूजन नहीं किया जाना चाहिए। उनके साथ गणेशजी, सरस्वतीजी होना चाहिए या विष्णुजी के साथ हो सकती हैं या नृसिंहजी के या वराह देवता के साथ ही लक्ष्मीजी का पूजन करना चाहिए।

दुकान में खड़ी लक्ष्मीजी का तथा घर में बैठी हुईं लक्ष्मीजी का पूजन करना चाहिए। लक्ष्मीजी के पैर किसी भी स्थान में नहीं दिखाई दे ऐसा चित्र या विग्रह होना चाहिए।

पैर को कमलपुष्प में या आभूषण में दबा होना चाहिए। पूजन करते समय देवी का मुंह पश्चिम में तथा भक्त का मुंह पूर्व में की स्थिति श्रेष्ठतम है। देवी की स्थापना पूर्व-उत्तर कोने में (ईशान कोण में) पूर्व की दीवार पर या उत्तर की दीवार पर, भवन-क्षेत्र, कार्यालय के मध्य स्थान पर करना चाहिए।

देवी को लाल, गुलाबी, सिंदूर रेशमी कपड़े पर भू-स्तर से ऊपर स्थापित करना चाहिए। जिस कागज पर देवी का चित्र हो उसका आकार आयताकार श्रेष्ठतम चौकोर अच्छा माना गया है। देवी का चित्र आभूषण सहित होना चाहिए।


FILE


धन त्रयोदशी
5 दिवसीय दीपावली पर्व का आरंभ धन त्रयोदशी से होता है। इस दिन सायंकाल घर के मुख्य द्वार पर यमराज के निमित्त एक अन्न से भरे पात्र में दक्षिण मुख करके दीपक रखने एवं उसका पूजन करके प्रज्वलित करने एवं यमराज से प्रार्थना करने पर असामयिक मृत्यु से बचा जा सकता है।

धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरी का जन्म हुआ था। समुद्र मंथन के समय इसी दिन धनवंतरी सभी रोगों के लिए औषधि कलश में लेकर प्रकट हुए थे। अतः इस दिन भगवान धनवंतरी का पूजन श्रद्धापूर्वक करना चाहिए जिससे दीर्घ जीवन एवं आरोग्य की प्राप्ति होती है। धनतेरस के दिन अपनी शक्ति अनुसार बर्तन क्रय करके घर लाना चाहिए एवं उसका पूजन करके प्रथम उपयोग भगवान के लिए करने से धन-धान्य की कमी वर्षपर्यन्त नहीं रहती है।


FILE


नरक चतुर्दशी
दीपोत्सव का दूसरा दिन नरक चतुर्दशी अथवा रूप चौदस होता है। इस दिन सूर्योदय से पूर्व शरीर पर तेल लगाकर स्नान करना चाहिए। सूर्योदय के पश्चात स्नान करने वाले के वर्षभर के शुभ कार्य नष्ट हो जाते हैं। स्नान के पश्चात दक्षिण मुख करके यमराज से प्रार्थना करने पर व्यक्ति के वर्ष भर के पाप नष्ट हो जाते हैं। इस दिन सायंकाल देवताओं का पूजन करके घर, बाहर, सड़क आदि प्रत्येक स्थान पर दीपक जलाकर रखना चाहिए।


FILE


लक्ष्मी पूज
5 दिवसीय इस पर्व का प्रमुख पर्व लक्ष्मी पूजन अथवा दीपावली होता है। इस दिन रात्रि को जागरण करके धन की देवी लक्ष्मी माता का पूजन विधिपूर्वक करना चाहिए एवं घर के प्रत्येक स्थान को स्वच्छ करके वहां दीपक लगाना चाहिए जिससे घर में लक्ष्मी का वास एवं दरिद्रता का नाश होता है। इस दिन देवी लक्ष्मी, भगवान गणेश तथा द्रव्य, आभूषण आदि का पूजन करके 13 अथवा 26 दीपकों के मध्य एक तेल का दीपक रखकर उसकी चारों बातियों को प्रज्वलित करना चाहिए एवं दीपमालिका का पूजन करके उन दीपों को घर में प्रत्येक स्थान पर रखें एवं चार बातियों वाला दीपक रातभर जलता रहे ऐसा प्रयास करें।


FILE


गोवर्धन पूजा
कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा को गोवर्धन पूजा एवं अन्नकूट उत्सव मनाना चाहिए। इस दिन प्रातः जल्दी उठकर घर के द्वार पर गोबर से गोवर्धन बनाकर उसे पेड़ की शाखों एवं फूलों से सजाना चाहिए व उसकी एवं गायों की पूजा करनी चाहिए। इस दिन मंदिरों में भगवान को छप्पन खाद्य पदार्थों का भोग लगाकर उसे प्रसाद रूप में वितरित करना चाहिए।


FILE

यम द्वितीया
कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया को भाईदूज या यम द्वितीया का पर्व मनाया जाता है। इस दिन यमराज की पूजा करना चाहिए। भाईदूज के दिन बहनों को अपने भाइयों को आसन पर बैठाकर उसकी आरती उतारकर एवं तिलक लगाकर उसे विभिन्न प्रकार के व्यंजन अपने हाथ से बनाकर खिलाना चाहिए एवं भाई को अपनी शक्ति अनुसार बहन को द्वव्य, वस्त्र, स्वर्ण आदि देकर आशीर्वाद लेना चाहिए। इस दिन भाई का अपने घर भोजन न करके बहन के घर भोजन करने से उसे धन, यश, आयुष्य, धर्म, अर्थ एवं सुख की प्राप्ति होती है